देवास। ग्रामीण क्षेत्र में सड़क निर्माण में गुणवत्ता को किस कदर ताक पर रख दिया जाता है, ऐसा मामला खातेगांव से सामने आया है. ग्राम पटरानी से उमेड़ा तक 4 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. नई पुलिया के निर्माण में ग्रामीणों ने ठेकेदार की लापरवाही पकड़ी है. यहां पुलिया के निर्माण में नियमानुसार बालू रेत की बजाए नदी की काली रेत का इस्तेमाल किया गया है. इस पर ग्रामीण भड़क गए और आपत्ति जताई.
सीएम हेल्प लाइन पर नहीं हुई सुनवाई: इस सड़क का निर्माण 2 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत से हो रहा है. इस मार्ग पर सड़क निर्माण अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से किया जा रहा है. इसकी शिकायत जनपद सदस्य प्रतिनिधि ने सीएम हेल्पलाइन एवं अधिकारियों से की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग कर सड़क का मजाक बना दिया.
शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी: सरपंच प्रतिनिधि मिश्रा एवं जनपद सदस्य प्रतिनिधि अनिल बड़ोदिया ने बताया कि यहां सरेआम घटिया निर्माण किया जा रहा है. इस कारण ठेकेदार और सर्वे इंजीनियर के समक्ष आपत्ति जताई है. संबंधित लोक निर्माण विभाग के अफसरों को भी इससे अवगत कराया है. हालांकि अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अफसरों की सांठगांठ की आशंका है. मामले में निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. अगर निर्माण में गुणवत्ता नहीं रखी गई तो आला अफसरों के संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा. घटिया निर्माण कार्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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उच्च स्तरीय जांच की मांग: ग्रामीणों ने सरपंच एवं जनपद सदस्य की उपस्थिति में पंचनामा बनाया. जिसमें बताया कि ग्रामीण सड़क में शासन द्वारा निर्धारित माप दण्ड कि धज्जियां उठाई जा रही है. नाम मात्र डामर का उपयोग किया जा रहा है. उपयोग होने वाली डामर में मिट्टी है.