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देवास की बेटी ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया अपना नाम, 51 कच्चे नारियल पर बनाई हैं कलाकृतियां

देवास की राधिका उदावत ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है. 51 कच्चे नारियल पर विश्व धरोहरों की कलाकृतियां बनाने पर राधिका का नाम दर्ज किया गया है.

देवास की बेटी ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया अपना नाम
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Published : Apr 13, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Apr 13, 2019, 3:50 PM IST

देवास/हाटपिपलिया। नारियल का पानी और उसकी मलाई सेहत के लिए फायदेमंद होती है, ये तो सभी को पता है, लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि नारियल का खोल किसी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल कर सकता है. देवास की राधिका उदावत ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है.

इंदौर के होल्कर कॉलेज में पढ़ने वाली राधिका ने 51 कच्चे हरे नारियल पर विश्व धरोहर की रंग-बिरंगी आकृतियां बनाई हैं. राधिका ने वेस्ट होने वाले नारियल पर अपनी कला को कुछ ऐसा बिखेरा कि उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया. यूनेस्को ने राधिका की कला को संज्ञान में लिया और उसके नाम पर यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ. राधिका बताती हैं कि लोगों में स्वच्छता और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लेकर जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने ये रिकॉर्ड बनाया है.

राधिका की इस कामयाबी ने पूरे जिले का गौरव बढ़ दिया है. राधिका के पिता किसान हैं, वह कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज़ है. वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश प्रताप सिंह कहते हैं कि माता-पिता और टीचर्स के सही मार्गदर्शन की वजह से राधिका न सिर्फ पढ़ाई में अच्छी है, बल्कि उसने जिले का गौरव भी बढ़ाया है.

राधिका का सपना IAS अफसर बनने का है. सभी को पूरा भरोसा है कि वो एक अच्छी अफसर बनेगी. वो कहते हैं ना कि कुछ करने की चाह हो तो मुश्किलें आसान हो जाती है. हम उम्मीद करते हैं कि राधिका अपने सारे सपने पूरे करेगी.

देवास/हाटपिपलिया। नारियल का पानी और उसकी मलाई सेहत के लिए फायदेमंद होती है, ये तो सभी को पता है, लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि नारियल का खोल किसी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल कर सकता है. देवास की राधिका उदावत ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है.

इंदौर के होल्कर कॉलेज में पढ़ने वाली राधिका ने 51 कच्चे हरे नारियल पर विश्व धरोहर की रंग-बिरंगी आकृतियां बनाई हैं. राधिका ने वेस्ट होने वाले नारियल पर अपनी कला को कुछ ऐसा बिखेरा कि उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया. यूनेस्को ने राधिका की कला को संज्ञान में लिया और उसके नाम पर यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ. राधिका बताती हैं कि लोगों में स्वच्छता और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लेकर जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने ये रिकॉर्ड बनाया है.

राधिका की इस कामयाबी ने पूरे जिले का गौरव बढ़ दिया है. राधिका के पिता किसान हैं, वह कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज़ है. वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश प्रताप सिंह कहते हैं कि माता-पिता और टीचर्स के सही मार्गदर्शन की वजह से राधिका न सिर्फ पढ़ाई में अच्छी है, बल्कि उसने जिले का गौरव भी बढ़ाया है.

राधिका का सपना IAS अफसर बनने का है. सभी को पूरा भरोसा है कि वो एक अच्छी अफसर बनेगी. वो कहते हैं ना कि कुछ करने की चाह हो तो मुश्किलें आसान हो जाती है. हम उम्मीद करते हैं कि राधिका अपने सारे सपने पूरे करेगी.

Intro:राधिका उदावत ने राष्ट्रीय कीर्तिमान रचा

51 कच्चे नारियल पर बनाई कलाकृतिया

इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया उल्लेख

कहते है कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कुछ भी असम्भव नही होता ! जी हा ऐसा ही कर दिखाया है हाटपीपल्या निवासी राधिका उदावत ने !
इंदौर के होल्कर कॉलेज में पड़ने वाली राधिका उदावत ने 51 कच्चे हरे नारियल (जो नारियल पानी पीने के बाद वेस्ट हो जाते है) उन पर विश्व धरोहर की आकृतियों को बनाया ! राधिका ने बताया की जो वेस्ट है उससे कुछ बेस्ट करने के उद्देश्य से यह आकृतिया वेस्ट नारियल पर बनाई गई !
राधिका उदावत की प्रतिभा को यूनेस्को द्वारा संज्ञान में लिया गया व् इंडिया बुक आफ रेकॉर्ड्स में दर्ज किया गया ! यह अपने आप ऐसी उपलब्धि है जिस पर नगर ही नही सम्पूर्ण ग्रामीण परिवेश गौरान्वित हुआ है ! राधिका के पिता किसान है और खेती ही करते है राधिका के पिता किशोर सिंह उदावत कहते है की यह बहुत ही ख़ुशी की बात है की मेरी बेटी ने कीर्तिमान बनाया ! राधिका is बनना चाहती है !
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश प्रताप सिंह ने राधिका की उपलब्धि पर कहा की राधिका पढ़ाई में हमेशा टॉपर रही और आज यह कीर्तिमान बना कर यह साबित कर दिया की लगन हो तो कुछ भी किया जा सकता है !
विजवल
बाइट राधिका उदावत इंडिया बुक रिकार्ड्स
बाइट किशोर सिंह उदावत राधिका के पिता
बाइट नरेश प्रताप सिंह ब्लॉक शिक्षा अधिकारीBody:राधिका उदावत ने राष्ट्रीय कीर्तिमान रचा

51 कच्चे नारियल पर बनाई कलाकृतिया

इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया उल्लेख

कहते है कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कुछ भी असम्भव नही होता ! जी हा ऐसा ही कर दिखाया है हाटपीपल्या निवासी राधिका उदावत ने !
इंदौर के होल्कर कॉलेज में पड़ने वाली राधिका उदावत ने 51 कच्चे हरे नारियल (जो नारियल पानी पीने के बाद वेस्ट हो जाते है) उन पर विश्व धरोहर की आकृतियों को बनाया ! राधिका ने बताया की जो वेस्ट है उससे कुछ बेस्ट करने के उद्देश्य से यह आकृतिया वेस्ट नारियल पर बनाई गई !
राधिका उदावत की प्रतिभा को यूनेस्को द्वारा संज्ञान में लिया गया व् इंडिया बुक आफ रेकॉर्ड्स में दर्ज किया गया ! यह अपने आप ऐसी उपलब्धि है जिस पर नगर ही नही सम्पूर्ण ग्रामीण परिवेश गौरान्वित हुआ है ! राधिका के पिता किसान है और खेती ही करते है राधिका के पिता किशोर सिंह उदावत कहते है की यह बहुत ही ख़ुशी की बात है की मेरी बेटी ने कीर्तिमान बनाया ! राधिका is बनना चाहती है !
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश प्रताप सिंह ने राधिका की उपलब्धि पर कहा की राधिका पढ़ाई में हमेशा टॉपर रही और आज यह कीर्तिमान बना कर यह साबित कर दिया की लगन हो तो कुछ भी किया जा सकता है !
विजवल
बाइट राधिका उदावत इंडिया बुक रिकार्ड्स
बाइट किशोर सिंह उदावत राधिका के पिता
बाइट नरेश प्रताप सिंह ब्लॉक शिक्षा अधिकारीConclusion:राधिका उदावत ने राष्ट्रीय कीर्तिमान रचा

51 कच्चे नारियल पर बनाई कलाकृतिया

इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया उल्लेख

कहते है कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कुछ भी असम्भव नही होता ! जी हा ऐसा ही कर दिखाया है हाटपीपल्या निवासी राधिका उदावत ने !
इंदौर के होल्कर कॉलेज में पड़ने वाली राधिका उदावत ने 51 कच्चे हरे नारियल (जो नारियल पानी पीने के बाद वेस्ट हो जाते है) उन पर विश्व धरोहर की आकृतियों को बनाया ! राधिका ने बताया की जो वेस्ट है उससे कुछ बेस्ट करने के उद्देश्य से यह आकृतिया वेस्ट नारियल पर बनाई गई !
राधिका उदावत की प्रतिभा को यूनेस्को द्वारा संज्ञान में लिया गया व् इंडिया बुक आफ रेकॉर्ड्स में दर्ज किया गया ! यह अपने आप ऐसी उपलब्धि है जिस पर नगर ही नही सम्पूर्ण ग्रामीण परिवेश गौरान्वित हुआ है ! राधिका के पिता किसान है और खेती ही करते है राधिका के पिता किशोर सिंह उदावत कहते है की यह बहुत ही ख़ुशी की बात है की मेरी बेटी ने कीर्तिमान बनाया ! राधिका is बनना चाहती है !
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश प्रताप सिंह ने राधिका की उपलब्धि पर कहा की राधिका पढ़ाई में हमेशा टॉपर रही और आज यह कीर्तिमान बना कर यह साबित कर दिया की लगन हो तो कुछ भी किया जा सकता है !
विजवल
बाइट राधिका उदावत इंडिया बुक रिकार्ड्स
बाइट किशोर सिंह उदावत राधिका के पिता
बाइट नरेश प्रताप सिंह ब्लॉक शिक्षा अधिकारी
Last Updated : Apr 13, 2019, 3:50 PM IST

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