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सावन के महीने में नहीं बरस रहे बदरा, किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें - Kannod Tehsil Weather

मौसम की बेरुखी ने देवास जिले के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र से लगे एक दर्जन गांवो में पिछले एक महीने से बारिश नहीं हुई है. जिसके चलते किसान बेहद परेशान हैं.

Lack of rain in the month of Savan in Dewas worries on farmers' faces
बारिश की कमी से फसलों को नुकसान
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Published : Jul 29, 2020, 3:44 AM IST

देवास। जिले में मौसम की बेरुखी ने क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र से लगे एक दर्जन गांवो में विगत 1 महीने से बारिश नहीं हुई है. बारिश के कारण किसान बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं जबकि आसपास के क्षेत्र में लगातार बारिश जारी है.

Lack of rain in the month of Savan in Dewas worries on farmers' faces
बारिश की कमी से फसलों को नुकसान

पिछले 2-3 दिनों से कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में बारिश होने पर किसान उम्मीद भरी नजर से मौसम देखता है. लेकिन बाद आस-पास बरसकर शांत हो जाते हैं. कुसमानिया क्षेत्र के मोहाई, नांदोन, कौलारी, बड़ाखेत, ओंकारा, टांडा, ककड़दी, नंदाखेड़ा, नंदडाई, सागोनिया कालीबाई गांवों में एक महीने से अधिक समय हो गया लेकिन बारिश नहीं हुई है.जिन किसानों के पास कुआं, टयूबवेल हैं, उन्होंने स्प्रिंकलर से सोयाबीन की फसल में सिंचाई करना शुरू कर दिया है. लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं हैं, उन्हें फसल खराब होने का डर सताने लगा है.

irrigation with sprinklers
स्प्रिंकलर से सिंचाई

कौलारी गांव के किसान सुमेर सिंह सैंधव और भूपेंद्र सिंह सैंधव ने बताया कि करीब 1 महीने से क्षेत्र के 1 दर्जन गांवों में बारिश नहीं हुई है. जिसके चलते सोयाबीन और मक्का की फसल सूखने लगी है. इस बार सावन के महीने में एक बार भी बारिश नहीं हुई. क्षेत्र के कुछ किसानों ने अपनी सूखती सोयाबीन की फसल बचाने के लिए स्प्रिंकलर चालू कर दिए हैं, लेकिन कुएं में पर्याप्त पानी नहीं होने से कुछ देर ही ये स्प्रिंकलर चल पाते हैं.

शाजापुर में भी खरीफ की फसल को बारिश इंतजार

शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र में एक तरफ जहां लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं तो वहीं सावन में फुहारों की जगह बढ़ते तापमान से पसीना बह रहा है. खरीफ फसलें सूखने की कगार पर आ गई हैं. जुलाई महीना खत्म होने को है और लोगों को मानसून की सही आमद का इंतजार है. क्षेत्र में अब तक लगभग 12 इंच बारिश हो चुकी है. उसमें से लगभग 9 इंच बारिश जून महीने में हुई थी और जुलाई महीने में केवल 3 इंच ही बारिश हुई है.

वर्तमान में सोयाबीन फसल 35 से 40 दिन की हो चुकी है और पौधों में फूल आने लगे हैं, लेकिन पौधों को पानी नहीं मिलने एवं तापमान में इजाफा होने से फूलों की बहार फसलों पर नजर नहीं आ रही. माना जा रहा है कि मानसून की बेरूखी इसी तरह आगे कुछ दिन और बनी रही, तो खरीफ फसलों के उत्पादन पर काफी फर्क पड़ेगा. क्षेत्र में बिखरे हुए बादल तो रोज नजर आते हैं और उमस इस तरह की लगती है कि बदरा बरसेंगे, लेकिन बिना बरसे ही बादल गुजर रहे हैं.

अधिकतम तापमान 32 डिग्री के आसपास पहुंच रहा है. दिन-भर उमस व गर्मी से लोग परेशान हैं. पंखे और कूलर लोगों को अभी भी चलाना पड़ रहे हैं. क्षेत्र में मुख्य रूप से खरीफ फसल के रूप में सोयाबीन बोई जाती है. सोयाबीन के पौधों में विकास भी अच्छा हो चुका है. कृषि विस्तार अधिकारी महेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि पानी की कमी फसलों का महसूस हो रही है. यदि पानी नहीं मिला, तो फूल कम आएंगे. साथ ही फूल के गिरने की भी शिकायत बढ़ेगी.

देवास। जिले में मौसम की बेरुखी ने क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र से लगे एक दर्जन गांवो में विगत 1 महीने से बारिश नहीं हुई है. बारिश के कारण किसान बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं जबकि आसपास के क्षेत्र में लगातार बारिश जारी है.

Lack of rain in the month of Savan in Dewas worries on farmers' faces
बारिश की कमी से फसलों को नुकसान

पिछले 2-3 दिनों से कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में बारिश होने पर किसान उम्मीद भरी नजर से मौसम देखता है. लेकिन बाद आस-पास बरसकर शांत हो जाते हैं. कुसमानिया क्षेत्र के मोहाई, नांदोन, कौलारी, बड़ाखेत, ओंकारा, टांडा, ककड़दी, नंदाखेड़ा, नंदडाई, सागोनिया कालीबाई गांवों में एक महीने से अधिक समय हो गया लेकिन बारिश नहीं हुई है.जिन किसानों के पास कुआं, टयूबवेल हैं, उन्होंने स्प्रिंकलर से सोयाबीन की फसल में सिंचाई करना शुरू कर दिया है. लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं हैं, उन्हें फसल खराब होने का डर सताने लगा है.

irrigation with sprinklers
स्प्रिंकलर से सिंचाई

कौलारी गांव के किसान सुमेर सिंह सैंधव और भूपेंद्र सिंह सैंधव ने बताया कि करीब 1 महीने से क्षेत्र के 1 दर्जन गांवों में बारिश नहीं हुई है. जिसके चलते सोयाबीन और मक्का की फसल सूखने लगी है. इस बार सावन के महीने में एक बार भी बारिश नहीं हुई. क्षेत्र के कुछ किसानों ने अपनी सूखती सोयाबीन की फसल बचाने के लिए स्प्रिंकलर चालू कर दिए हैं, लेकिन कुएं में पर्याप्त पानी नहीं होने से कुछ देर ही ये स्प्रिंकलर चल पाते हैं.

शाजापुर में भी खरीफ की फसल को बारिश इंतजार

शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र में एक तरफ जहां लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं तो वहीं सावन में फुहारों की जगह बढ़ते तापमान से पसीना बह रहा है. खरीफ फसलें सूखने की कगार पर आ गई हैं. जुलाई महीना खत्म होने को है और लोगों को मानसून की सही आमद का इंतजार है. क्षेत्र में अब तक लगभग 12 इंच बारिश हो चुकी है. उसमें से लगभग 9 इंच बारिश जून महीने में हुई थी और जुलाई महीने में केवल 3 इंच ही बारिश हुई है.

वर्तमान में सोयाबीन फसल 35 से 40 दिन की हो चुकी है और पौधों में फूल आने लगे हैं, लेकिन पौधों को पानी नहीं मिलने एवं तापमान में इजाफा होने से फूलों की बहार फसलों पर नजर नहीं आ रही. माना जा रहा है कि मानसून की बेरूखी इसी तरह आगे कुछ दिन और बनी रही, तो खरीफ फसलों के उत्पादन पर काफी फर्क पड़ेगा. क्षेत्र में बिखरे हुए बादल तो रोज नजर आते हैं और उमस इस तरह की लगती है कि बदरा बरसेंगे, लेकिन बिना बरसे ही बादल गुजर रहे हैं.

अधिकतम तापमान 32 डिग्री के आसपास पहुंच रहा है. दिन-भर उमस व गर्मी से लोग परेशान हैं. पंखे और कूलर लोगों को अभी भी चलाना पड़ रहे हैं. क्षेत्र में मुख्य रूप से खरीफ फसल के रूप में सोयाबीन बोई जाती है. सोयाबीन के पौधों में विकास भी अच्छा हो चुका है. कृषि विस्तार अधिकारी महेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि पानी की कमी फसलों का महसूस हो रही है. यदि पानी नहीं मिला, तो फूल कम आएंगे. साथ ही फूल के गिरने की भी शिकायत बढ़ेगी.

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