देवास। देश के दिल में बसा मध्यप्रदेश अपने गर्भ में विरासत का जो खजाना छिपाए रखा है, उसका दीदार करने को हर दिल मचलता है. कदम-कदम पर यहां प्रकृति की अद्भुत छटा देखने को मिलती है, जंगल-पहाड़ से लेकर प्राकृतिक झरने व ऐतिहासिक मंदिर और इमारतें इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. खातेगांव तहसील के हरण गांव में राजा जामवंत की गुफा और प्रतिमा मौजूद है, जो पर्यटकों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बना है. विंध्याचल पर्वत श्रृंखला से जुड़े होने के चलते इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्व बढ़ जाता है.
महंत संतोष बताते हैं कि क्यों भगवान श्रीकृष्ण और जामवंत के बीच 27 दिनों तक युद्ध हुआ था और कैसे इसका पटापेक्ष हुआ था. खातेगांव से 25 किलोमीटर सफर कर हरणगांव के सत नगरी पहुंचा जा सकता है, जबकि आष्टा-कन्नौद राजमार्ग के कुसमानिया से 30 किलोमीटर रास्ता तय कर हरण गांव पहुंचा जा सकता है.
सत नगरी साधु-संतों की तपस्थली रही है. महात्मा मुरलीदास यहां स्थित एक गुफा के अंदर बनी सुरंग के माध्यम से रोजाना नर्मदा स्नान करने जाते थे. उनके बाद उनके शिष्य भरत दास और फिर मस्तराम बाबा ने यहां तपस्या कर मंदिर के धार्मिक महत्व को बढ़ाया था, अब यहां महंत संतोष दास पूजा-पाठ कर रहे हैं. प्रदेश में टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है, यही वजह है कि तमाम पर्यटन स्थल आज भी अपना वजूद तलाश रहे हैं.