देवास। मोटरसाइकिल से लकड़ी लेकर जा रहे दो लोगों को उस समय धर दबोच लिया गया, जब वन मंत्री विजय शाह अपने गृह क्षेत्र खण्डवा से भोपाल की ओर जा रहे थे, मंत्री ने दोनों युवकों को गाड़ी में बैठाकर वनकर्मियों के सुपुर्द कर दिया. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को झूठा प्रेस नोट जारी कर खुद इस कार्रवाई की वाह वाही लूट ली.
दरअसल, सोमवार सुबह वन मंत्री विजय शाह अपने गृह जिले खण्डवा से भोपाल की ओर जा रहे थे, इस दौरान सतवास के पास सड़क पर दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से जलाऊ लकड़ी लेकर जाते हुए दिखाई दिए, तो मंत्री ने तुरंत गाड़ी रुकवाई और बाइक की चाबियां निकालकर दोनों को अपने वाहन में बैठा लिया. मंत्री ने युवकों को वन कार्यालय सतवास में वनकर्मीयों के सुपुर्द कर दिया.
प्रेस नोट से मंत्री का नाम गयाब
वहीं, जब सतवास रेंजर नाहर सिंह भूरिया से पूछा कि जब ये लकड़ी लेकर जा रहे थे, तो वन अमला कहा था, इस पर रेंजर भूरिया ने बताया कि हमारी टीम जंगल में आग को बुझाने में लगी थी. मामला तब गंभीर हो गया जब वन परिक्षेत्र अधिकारी ने प्रेस नोट जारी किया. उन्होंने प्रेस नोट में पूरी पिक्चर ही बदल दी, ओर एक नई मनगढ़ंत कहानी बना ली. प्रेस नोट में कार्रवाई को लेकर वनमण्डल अधिकारी देवास, उपवन मण्डलाधिकारी ओर वन परिक्षेत्र अधिकारी सतवास का नाम बढ़ा चढ़ा कर लिखा गया.
वन विभाग ने लिखी मनगढ़ंत कहानी
वहीं, दोनों आरोपियों ने मीडिया को बताया कि हम जलाऊ लकड़ी लेकर आ रहे थे. इस दौरान वन मंत्री ने हमें वन गाड़ी में बिठाकर वन कार्यालय लाकर छोड़ दिया. इस तरह से दोनो आरोपियों ने पूरे वन विभाग की मनगढ़ंत कहानी की पोल खोल दी. वहीं पूरे मामले में वन विभाग के अधिकारी ने अपनी झूठी वाहवाही लूटने के चक्कर मे प्रेस नोट में वनमंत्री का कोई जिक्र तक नही किया गया. ऐसे में अब देखना होगा कि झूठी जानकारी देने वालो के खिलाफ वन मंत्री क्या कार्रवाई करते है.
वन में लगातार जारी है अवैध कटाई
इधर, वन विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से देवास जिले के कन्नौद खातेगांव सतवास रेंजो में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है. जिसे रोकने में वन अमला नाकाम साबित हो रहा है, जबकि मंत्री विजय शाह ने जलाऊ लकड़ी लाने पर दो युवकों को लॉकअप की हवा खिला दी. उधर, वन अमला हरे भरे पेड़ों को नहीं बचा पा रहा है. सवाल यह है कि जब वनमंत्री शाह ने जलाऊ लकड़ी पर इतनी सख्ती दिखाई फिर वन विभाग पेड़ों की अवैध कटाई को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहा है.