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देवास: उर्जा वन तैयार करने के लिए की जा रही है पेड़ों की कटाई - नुकसान

देवसिरालिया के बीच जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए दर्जनों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है. साथ ही जंगल के कई हिस्सों में आग लगने से भारी संख्या में पेड़ के जलकर नष्ट हो रहे हैं.

दमोह: जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई
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Published : Apr 18, 2019, 4:57 PM IST

देवास। खातेगांव के पानीगांव-बिजवाड़ वन परिक्षेत्र की सबरेंज थूरिया के अंतर्गत आने वाली बीट जागठा और देवसिरालिया के बीच जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए दर्जनों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है. साथ ही जंगल के कई हिस्सों में आग लगने से भारी संख्या में पेड़ के जलकर नष्ट हो रहे हैं

दमोह: जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई

वन विभाग ने जंगल में अवैध कटाई रोकने के लिए 'अभिनव योजना' शुरू किया है. जिसमें जंगल में ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे, जिनकी अधिकांश लकड़ी जलाऊ हो. जिस की वजह से तेजी से बढ़ने वाले पेड़ों की प्रजाति के पौधे लगाकर जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है. इसका उदे्श्य गांववासियों को जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत जंगल में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.
इसी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई भी हुई है और कई पेड़-पौधे सूखने की कगार पर है. वहीं देवसिरालिया से कुछ दूरी पर लकड़ी माफिया जंगल में घण्टों बैठकर पेड़ की कटाई करके सिल्लियां बनातें हैं और बाकी पेड़ों के अवशेष मौके पर ही छोड़ जाते हैं.

देवास। खातेगांव के पानीगांव-बिजवाड़ वन परिक्षेत्र की सबरेंज थूरिया के अंतर्गत आने वाली बीट जागठा और देवसिरालिया के बीच जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए दर्जनों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है. साथ ही जंगल के कई हिस्सों में आग लगने से भारी संख्या में पेड़ के जलकर नष्ट हो रहे हैं

दमोह: जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई

वन विभाग ने जंगल में अवैध कटाई रोकने के लिए 'अभिनव योजना' शुरू किया है. जिसमें जंगल में ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे, जिनकी अधिकांश लकड़ी जलाऊ हो. जिस की वजह से तेजी से बढ़ने वाले पेड़ों की प्रजाति के पौधे लगाकर जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है. इसका उदे्श्य गांववासियों को जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत जंगल में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.
इसी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई भी हुई है और कई पेड़-पौधे सूखने की कगार पर है. वहीं देवसिरालिया से कुछ दूरी पर लकड़ी माफिया जंगल में घण्टों बैठकर पेड़ की कटाई करके सिल्लियां बनातें हैं और बाकी पेड़ों के अवशेष मौके पर ही छोड़ जाते हैं.

Intro:
जहाँ ऊर्जा वन बनाया जा रहा है, उसी में हो रही पेड़ो की अवैध कटाई

खातेगांव। पानीगांव-बिजवाड वनपरिक्षेत्र की सबरेंज थूरिया के अंतर्गत आने वाली बीट जागठा एवं देवसिरालिया के बीच जंगल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा चिन्हित क्षेत्रफल में ऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में ट्रेक्टर से प्लाऊ करके चिन्हित भूमि गहरी जुताई करके तैयार की जा रही है। और तार फेन्सिंग करके प्लांटेशन किया जाना सुनिश्चित है। इसी क्षेत्र में एक दर्जन एक दर्जन से अधिक पेड़ो की अवैध कटाई हुई है। लकड़ी माफिया द्वारा काटे गए पेड़ो के ठूंठों पर वन कर्मियों को नंबर अंकित करने का समय नही है। साथ ही जंगल के विभिन्न हिस्सों में आग लगने से कई पेड़-पौधे आग की भेंट चढ़ गए और कई पेड़-पौधे सूखने की कगार पर है।

जंगल मे लकड़ी माफिया जैसे चलाते हो कारखाना

इसी प्रकार देवसिरालिया के किसानों के खेत से लगे कक्ष क्रमांक 155 में वन विभाग द्वारा कूप कटाई जा रही है, वही से कुछ दूरी पर लकडी माफिया द्वारा सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई करके सिल्लियां बनाई गई। जिसके प्रमाण पेड़ के ठूंठ के पास पड़े छिलके है, जो यह बता रहे है कि लकड़ी माफिया जंगल के उक्त कक्ष में घण्टो बैठकर पेड़ की कटाई करके सिल्लियां बनाता है। और अपने काम आने वाली लकड़ी साथ ले जाते है बाकी पेड़ो के अवशेष मौके पर ही छोड़ जाते है।

Body:क्या है ऊर्जा वन

वन विभाग ने जंगल से ही जंगल में अवैध कटाई रोकने की अभिनव योजना शुरू की है। जिसमे जंगल में चिन्हित स्थानों पर ऐसे जंगल तैयार कर रहे है, जिसमें ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे जिनकी अधिकांश लकड़ी जलाऊ हो। बेशकीमती पेड़ों को कोई नुकसान न पहुँचाये जिस कारण तेजी से बढ़ने वाले पेड़ो की प्रजाति के पौधे लगाकर जंगल मेऊर्जा वन तैयार किया जा रहा है। इसका उदे्श्य ग्रामीणों को जलाऊ के लिए लकड़ी उपलब्ध करवा सके। ताकि ग्रामीण जंगलो को अनावश्यक रूप से नुकसान नही पहुँचाये। ओर जंगल की बचत हो।
इस योजना के तहत जंगल की चयनित बीट में 5 हेक्टेयर में इस तरह के जंगल तैयार किए जा रहे हैं। जिससे जंगल मे हो रही पेड़ो की अवैध कटाई में काफी हद तक नियंत्रण हो सकेगा।

Conclusion:(ऊर्जा वन वाले क्षेत्र में हमारे द्वारा 20 सेमी से कम गोलाई के पेड़ कटवाए है, आग तो किसी महुआ बीनने वालो ने लगाई होगी। और 155 में कूप कटाई का काम चल रहा है। उसमें हमारा हस्तक्षेप नही है। फिर भी जंगल मे से किसी ने सिल्लियां बनाई होगी तो जाकर देखूंगा। यह मेरे नॉलेज में नही है।
-सूरज धांडे, डिप्टी रेंजर सबरेंज थूरिया)
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