देवास। जिले में टैबलेट खरीदी घोटाला का मामला सामने आया है. यहां जेम पोर्टल की आड़ में ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर 6,600 के टैबलेट को 10,500 रुपए में खरीदा गया, सूत्रों की मानें तो यहां टैबलेट की खरीदी पहले ही कर ली गई थी, लेकिन मामला उजागर होते देख जेम पोर्टल को माध्यम बनाया गया है.
टैबलेट खरीदी घोटाला, CMHO ने आरोपों से किया इनकार
हैरानी की बात तो यह है कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों के बैंक खाते में टैबलेट की खरीदी के लिए करीब साढ़े दस हजार रुपए की नकद राशि डाली गई है, जबकि शहरी क्षेत्र की 97 आशा कार्यकर्ताओं को यह टैबलेट खरीदकर दिया गया. वहीं CMHO डॉक्टर एमपी शर्मा ने घोटाले की बात से इनकार किया है.
आधे घंटे भी नहीं चली टैबलेट की बैटरी
सरकार आशा कार्यकर्ताओं के कार्य को पेनलेस पेपरलेस करने जा रही है, इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनियों को टैबलेट दे रही है, देवास जिले में भी इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से बड़ा बजट आया, सूत्र बताते हैं देवास में टैबलेट खरीदी में बड़ा घोटाला कर दिया गया, अमेजन जैसी शॉपिंग साइट पर 6,600 रुपए में मिलने वाला टेबलेट 10,500 में खरीदा गया, खरीदे गए घटिया टेबलेट शहर की सभी 97 आशा कार्यकर्ताओं को वितरित किए गए. आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए टेबलेट ऐसे हैं, कि उनकी बैटरी आधे घंटे भी नहीं चल पा रही है.
97 टैबलेट की खरीदी, सभी में शिकायत
कई आशा कार्यकर्ताओं के टेबलेट तो 17 परसेंट से ज्यादा चार्ज ही नहीं हो पा रहे हैं, टैबलेट में ठीक ढंग से कोई ऐप ओपन नहीं होता है, ऐसी समस्याओं को देखते हुए कई आशा कार्यकर्ताओं ने अपने टेबलेट सीएमएचओ कार्यालय में लाकर वापस कर दिए, 6 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ को लिखित शिकायतें की हैं,ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर यही टेबलेट बिक रहे 6601 में जेम पोर्टल की आड़ में इस तरह से घटिया टेबलेट की खरीदी की गई, जिसमें 97 टेबलेट खरीदे गए.
ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के खाते में डाले गए पैसे
यह टैबलेट शहरी आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए हैं, सूत्रों के मुताबिक जिले के ही ग्रामीण क्षेत्र में आशा सहयोगिनीयों को टैबलेट खरीदी के लिए उनके बैंक खातों में पैसे डाले गए हैं, जब सीएमएचओ डॉ एमपी शर्मा से सवाल किया गया कि जब ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों को उनके खाते में पैसे डाले गए हैं, तो फिर शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के खातों में पैसे क्यों नहीं डाले गए ? तो उनका कहना था कि शासन की गाइड लाइन में टैलेट खरीद कर दिए जाने के आदेश हैं.
बड़ी विडंबना है कि टैबलेट खरीद कर दिए जाने के आदेश शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं पर तो लागू होते हैं, लेकिन जिले की ही ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों पर लागू नहीं होता, इस पूरे मामले में बड़े घोटाले की बू नजर आती है.
सूत्र बताते हैं कि मामला उजागर होते ही आशा कार्यकर्ताओं से टैबलेट वापस बुलाए जा रहे हैं और शिकायतकर्ता आशा कार्यकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, कहा जाए तो स्वास्थ्य विभाग को टेबलेट जेम पोर्टल से ही खरीदना थे, इसलिए खरीदे गए हैं, वह महंगे हैं.
आशा कार्यकर्ताओं को दी जाएगी ट्रेनिंग
सीएमएचओ ने मीडिया को बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को टैबलेट चलाना ही नहीं आता, वह कम पढ़ी-लिखी हैं इसलिए उन्हें टेबलेट चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, उन्होंने शासन की गाइडलाइन के मुताबिक जेम पोर्टल से टैबलेट कि खरीदी की है, वह बाजार में कम दामों में बिकता है, बाजार भाव से खरीदी में कोई लेना देना नहीं होता.
जेम पोर्टल के माध्यम से मामला हुआ उजागर
सूत्रों की मानें तो यहां टैबलेट की खरीदी पहले ही कर ली गई थी, लेकिन मामला उजागर होते देख जेम पोर्टल को माध्यम बनाया गया है, हैरानी की बात तो यह है कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों के बैंक खाते में टेबलेट खरीदी के लिए करीब साढ़े दस हजार रुपए की नगद राशि डाली गई है.
गूगल ने अपने पिक्सल टैबलेट का सपना छोड़ा
जबकि शहरी क्षेत्र की 97 आशा कार्यकर्ताओं को यह टेबलेट खरीद कर दिया गया है, सीएमएचओ डॉक्टर एमपी शर्मा ने टेबलेट खरीदी में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार होने की बात से साफ इनकार किया है, सरकार आशा कार्यकर्ताओं के कार्य को पेनलेस पेपरलेस करने जा रही है.