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टेंट के नीचे गढ़ा जा रहा भारत का भविष्य, जब ऐसा हो स्कूल का हाल तो कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल

देवास जिले के डोकर खेड़ा गांव में स्कूल भवन न होने के चलते छात्र टेंट के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर है. स्कूल के शिक्षकों और छात्रों का कहना है कि वे कई बार इस मामले से प्रशासन को अवगत करा चुके है लेकिन स्कूल भवन का का पूरा नहीं हो पा रहा है.

टेंट के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
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Published : Jul 4, 2019, 7:11 PM IST

देवास। टेंट के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर ये बच्चे देवास जिले के डोगरखेड़ा गांव के हैं, जो शिक्षा तो पाना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें बैठने के लिए एक अदद स्कूल का भवन भी मुहैया नहीं करा पा रही. इस नजारे को देखकर बरबस ही मुंह से निकल आता है कि 'जब ऐसा हो स्कूल का हाल तो कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल'.

स्कूल न होने के चलते टेंट के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर देश का भविष्य

देशभर में शिक्षा के सच को दिखाती यह तस्वीर सरकारों के बेहतर शिक्षा-व्यवस्था के दावों की पोल खोल देती है. छठवीं क्लास में पढ़ने वाला कृष्णपाल कहता है, हम पढ़ना तो चाहते है लेकिन बैठने के लिए स्कूल भवन ही नहीं है. सरकार से भी कई बार बोला लेकिन कोई सुनता ही नहीं है.

तप्ती दोपहरी हो या बरसता पानी, चाहे कड़ाके की ठंड, पिछले दो-तीन सालों से ये बच्चे इसी तरह टेंट के नीचें बैठकर पढ़ने को मजबूर है. स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार कहते है स्कूल भवन के लिए प्रशासन को अर्जी भी लगाई और गांव के लोगों से गुहार भी लगवाई. लेकिन नतीजा 'ढाक के तीन पात' ही नजर आता है.

डोकर खेड़ा गांव में स्कूल भवन न होने की बात से जब जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्रीकांत पांडे से सवाल पूछा जाता है. तो उनका जबाव इस बात की और तस्तीक अपने-आप कर देता है कि क्यों देश में शिक्षा के हाल इतने बेहाल है. कलेक्टर कहते है इस तरह की अव्यवस्था बिल्कुल नहीं है. जल्द ही डोकर खेड़ा गांव में स्कूल की व्यवस्था करा दी जाएगी.

कलेक्टर महोदय का दावा आज भी जस का तस नजर आता है. न तो डोगर खेड़ा गांव में स्कूल बना और न ही किसी ने इस और किसी ने ध्यान दिया. डोकरखेड़ा स्कूल में छटवीं क्लास से आठवीं क्लास में तकरीबन 60 से ज्यादा बच्चे टेंट के नीचें बैठकर पढ़ते हैं. लेकिन इनकी स्कूल भवन की ख्वाहिश कब पूरी होगी कुछ कहा नहीं जा सकता.

देवास। टेंट के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर ये बच्चे देवास जिले के डोगरखेड़ा गांव के हैं, जो शिक्षा तो पाना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें बैठने के लिए एक अदद स्कूल का भवन भी मुहैया नहीं करा पा रही. इस नजारे को देखकर बरबस ही मुंह से निकल आता है कि 'जब ऐसा हो स्कूल का हाल तो कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल'.

स्कूल न होने के चलते टेंट के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर देश का भविष्य

देशभर में शिक्षा के सच को दिखाती यह तस्वीर सरकारों के बेहतर शिक्षा-व्यवस्था के दावों की पोल खोल देती है. छठवीं क्लास में पढ़ने वाला कृष्णपाल कहता है, हम पढ़ना तो चाहते है लेकिन बैठने के लिए स्कूल भवन ही नहीं है. सरकार से भी कई बार बोला लेकिन कोई सुनता ही नहीं है.

तप्ती दोपहरी हो या बरसता पानी, चाहे कड़ाके की ठंड, पिछले दो-तीन सालों से ये बच्चे इसी तरह टेंट के नीचें बैठकर पढ़ने को मजबूर है. स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार कहते है स्कूल भवन के लिए प्रशासन को अर्जी भी लगाई और गांव के लोगों से गुहार भी लगवाई. लेकिन नतीजा 'ढाक के तीन पात' ही नजर आता है.

डोकर खेड़ा गांव में स्कूल भवन न होने की बात से जब जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्रीकांत पांडे से सवाल पूछा जाता है. तो उनका जबाव इस बात की और तस्तीक अपने-आप कर देता है कि क्यों देश में शिक्षा के हाल इतने बेहाल है. कलेक्टर कहते है इस तरह की अव्यवस्था बिल्कुल नहीं है. जल्द ही डोकर खेड़ा गांव में स्कूल की व्यवस्था करा दी जाएगी.

कलेक्टर महोदय का दावा आज भी जस का तस नजर आता है. न तो डोगर खेड़ा गांव में स्कूल बना और न ही किसी ने इस और किसी ने ध्यान दिया. डोकरखेड़ा स्कूल में छटवीं क्लास से आठवीं क्लास में तकरीबन 60 से ज्यादा बच्चे टेंट के नीचें बैठकर पढ़ते हैं. लेकिन इनकी स्कूल भवन की ख्वाहिश कब पूरी होगी कुछ कहा नहीं जा सकता.

Intro:रिपोर्ट - नौशाद पटेल हाटपीपल्या देवास mpc 10044

टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

सुविधाओं के अभाव मे
संचालित है शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा

मध्यप्रदेश मे सरकार के साथ व्यवस्था बदलने की बात की जा रही,तो सरकारी स्कूलो मे व्यवस्थाओं का एक नजारा देखते है,देख कर आप अंचम्भित जरूर होगें

मामला देवास जिले की हाटपीपल्या विधानसभा का है,जहाँ डोकर खेड़ा गांव मे संचालित सरकारी स्कूल (शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा) का है !

डोकर खेड़ा स्कुल में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही और बच्चे परेशान होते दिखाई दिए छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं !

शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोकर खेड़ा इस स्कूल में कुल छठी से आठवीं तक छात्र छात्राएं सहित 60 बच्चे पढ़ाई करते हैं जिसमें 2 शिक्षक एवं एक अतिथि शिक्षक है, स्कूल की बिल्डिंग 2007 में बनना शुरू हुई थी खिड़की दरवाजे एवं दीवार खड़ी करने के बाद आज तक स्कूल का छत नहीं भरा गया !

ग्रामीणों ने बताया इस समस्या को कई बार जिम्मेदारों को अवगत करवाया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया हमने सी एम हेल्पलाइन एवं जनसुनवाई में भी शिकायत की गई , लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है और भवन के खिड़की दरवाजे सड़ चुके हैं और दीवारें भी गिरने लग गई है,, हमारे बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं बारिश के मौसम में पानी आने पर या तो छुट्टी कर दी जाती है या फिर पास के निजी भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है !

वही स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार ने बताया की मैं भी पिछले दो-तीन साल से बच्चों को इसी टेंट के नीचे पढ़ा रहा हूं मुझे भी बच्चों को ऐसी गर्मी में टेंट के नीचे पढ़ाते हुए बड़ा अफसोस होता है ! व् मामले को लेकर जिम्मेदारों को कई बार अवगत कराया गया !

इस मामले में देवास कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पाण्डे ने कहा ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जिस गांव विशेष की बात की है डोकर खेड़ा गांव मैं अगर कहीं कमी है तो उसे हम तत्काल दुरुस्त करवाएंगे, आपने यह मामला संज्ञान में लाए हैं तो तत्काल कार्यवाही करेंगे हां इसमें बिल्कुल तत्काल कार्यवाही करेंगे एक-दो दिन में उन बच्चों की बैठने की उचित व्यवस्था करवाएंगे !

विजवल
बाईट कृष्णपाल छात्र
बाइट हिम्मत सिंह ग्रामीण
बाइट सागर मल पाटीदार शिक्षक
बाइट डॉ. श्रीकांत पाण्डे कलेक्टरBody:रिपोर्ट - नौशाद पटेल हाटपीपल्या देवास mpc 10044

टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

सुविधाओं के अभाव मे
संचालित है शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा

मध्यप्रदेश मे सरकार के साथ व्यवस्था बदलने की बात की जा रही,तो सरकारी स्कूलो मे व्यवस्थाओं का एक नजारा देखते है,देख कर आप अंचम्भित जरूर होगें

मामला देवास जिले की हाटपीपल्या विधानसभा का है,जहाँ डोकर खेड़ा गांव मे संचालित सरकारी स्कूल (शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा) का है !

डोकर खेड़ा स्कुल में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही और बच्चे परेशान होते दिखाई दिए छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं !

शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोकर खेड़ा इस स्कूल में कुल छठी से आठवीं तक छात्र छात्राएं सहित 60 बच्चे पढ़ाई करते हैं जिसमें 2 शिक्षक एवं एक अतिथि शिक्षक है, स्कूल की बिल्डिंग 2007 में बनना शुरू हुई थी खिड़की दरवाजे एवं दीवार खड़ी करने के बाद आज तक स्कूल का छत नहीं भरा गया !

ग्रामीणों ने बताया इस समस्या को कई बार जिम्मेदारों को अवगत करवाया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया हमने सी एम हेल्पलाइन एवं जनसुनवाई में भी शिकायत की गई , लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है और भवन के खिड़की दरवाजे सड़ चुके हैं और दीवारें भी गिरने लग गई है,, हमारे बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं बारिश के मौसम में पानी आने पर या तो छुट्टी कर दी जाती है या फिर पास के निजी भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है !

वही स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार ने बताया की मैं भी पिछले दो-तीन साल से बच्चों को इसी टेंट के नीचे पढ़ा रहा हूं मुझे भी बच्चों को ऐसी गर्मी में टेंट के नीचे पढ़ाते हुए बड़ा अफसोस होता है ! व् मामले को लेकर जिम्मेदारों को कई बार अवगत कराया गया !

इस मामले में देवास कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पाण्डे ने कहा ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जिस गांव विशेष की बात की है डोकर खेड़ा गांव मैं अगर कहीं कमी है तो उसे हम तत्काल दुरुस्त करवाएंगे, आपने यह मामला संज्ञान में लाए हैं तो तत्काल कार्यवाही करेंगे हां इसमें बिल्कुल तत्काल कार्यवाही करेंगे एक-दो दिन में उन बच्चों की बैठने की उचित व्यवस्था करवाएंगे !

विजवल
बाईट कृष्णपाल छात्र
बाइट हिम्मत सिंह ग्रामीण
बाइट सागर मल पाटीदार शिक्षक
बाइट डॉ. श्रीकांत पाण्डे कलेक्टरConclusion:रिपोर्ट - नौशाद पटेल हाटपीपल्या देवास mpc 10044

टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

सुविधाओं के अभाव मे
संचालित है शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा

मध्यप्रदेश मे सरकार के साथ व्यवस्था बदलने की बात की जा रही,तो सरकारी स्कूलो मे व्यवस्थाओं का एक नजारा देखते है,देख कर आप अंचम्भित जरूर होगें

मामला देवास जिले की हाटपीपल्या विधानसभा का है,जहाँ डोकर खेड़ा गांव मे संचालित सरकारी स्कूल (शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा) का है !

डोकर खेड़ा स्कुल में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही और बच्चे परेशान होते दिखाई दिए छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं !

शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोकर खेड़ा इस स्कूल में कुल छठी से आठवीं तक छात्र छात्राएं सहित 60 बच्चे पढ़ाई करते हैं जिसमें 2 शिक्षक एवं एक अतिथि शिक्षक है, स्कूल की बिल्डिंग 2007 में बनना शुरू हुई थी खिड़की दरवाजे एवं दीवार खड़ी करने के बाद आज तक स्कूल का छत नहीं भरा गया !

ग्रामीणों ने बताया इस समस्या को कई बार जिम्मेदारों को अवगत करवाया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया हमने सी एम हेल्पलाइन एवं जनसुनवाई में भी शिकायत की गई , लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है और भवन के खिड़की दरवाजे सड़ चुके हैं और दीवारें भी गिरने लग गई है,, हमारे बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं बारिश के मौसम में पानी आने पर या तो छुट्टी कर दी जाती है या फिर पास के निजी भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है !

वही स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार ने बताया की मैं भी पिछले दो-तीन साल से बच्चों को इसी टेंट के नीचे पढ़ा रहा हूं मुझे भी बच्चों को ऐसी गर्मी में टेंट के नीचे पढ़ाते हुए बड़ा अफसोस होता है ! व् मामले को लेकर जिम्मेदारों को कई बार अवगत कराया गया !

इस मामले में देवास कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पाण्डे ने कहा ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जिस गांव विशेष की बात की है डोकर खेड़ा गांव मैं अगर कहीं कमी है तो उसे हम तत्काल दुरुस्त करवाएंगे, आपने यह मामला संज्ञान में लाए हैं तो तत्काल कार्यवाही करेंगे हां इसमें बिल्कुल तत्काल कार्यवाही करेंगे एक-दो दिन में उन बच्चों की बैठने की उचित व्यवस्था करवाएंगे !

विजवल
बाईट कृष्णपाल छात्र
बाइट हिम्मत सिंह ग्रामीण
बाइट सागर मल पाटीदार शिक्षक
बाइट डॉ. श्रीकांत पाण्डे कलेक्टर
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