देवास। नुसरत नगर स्थित एक मदरसा में प्रशासन की टीम शासकीय शुल्क की वसूली ना होने के कारण कुर्की करने पहुंची थी, जहां मौजूद शहर काजी और तहसीलदार के बीच इस कार्रवाई को लेकर तीखी नोकझोंक भी हो गई. इतना ही नहीं बातों बातों में शहर काजी ने तहसीलदार को यह तक कह दिया कि क्या आप शहर का माहौल खराब करना चाहती हो.
2009 और 2010 में देवास के नुसरत नगर स्थित जमीन पर शैक्षणिक डायवर्सन कर मदरसे का निर्माण हुआ था, पर मदरसे के बाहर खुली जमीन पर ग्वालियर से महालेखाकार की ऑडिट टीम ने आपत्ति लगाकर 1 लाख 66 हजार का शासकीय शुल्क भरने का आदेश जारी किए थे. 2013 से अभी तक मदरसे द्वारा ये राशि जमा नहीं की गई थी, जिसके चलते बसूली के लिए कुर्की की कार्रवाई करने प्रशासन की टीम पहुंची थी.
अभी नहीं हुई वसूली की कार्रवाई
तहसीलदार पूनम तोमर ने इस मामले में बताया कि 'नुसरत नगर में स्थित एक मदरसे में प्रशासन की टीम कार्रवाई करने पहुंची थी, जहां से वसूली नहीं हो पाई है. प्रशासन की टीम ने शासकीय शुल्क की वसूली का अभियान शुरू कर दिया है, 30 मार्च तक शासकीय शुल्क की वसूली की जाएगी'. अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मदरसा समिति की आपत्ती
मामले में मदरसे संचालन समिति का कहना है कि मदरसे में गरीब बच्चों की तालीम होती है और ऐसे मदरसों को सरकार भी मदद करती है. ऐसे में मदरसों पर इस तरह की कार्रवाई अनुचित है. देश भर में ऐसी कार्रवाई कहीं नहीं होती. इसके अलावा उन्होंने इसे लेकर कई अधिकारीयों को पास अपील की है, ऐसे में कार्रवाई अनुचित है.