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अमरूद की खेती से बदली सराफा व्यापारी की किस्मत, कमा रहे अच्छा मुनाफा

देवास जिले के हाटपीपल्या इलाके में अमरूद की खेती से एक सराफा व्यापारी की किस्मत बदल गई, व्यापारी ने बताया कि उन्होंने रायपुर से विशेष किस्म पौधे मंगवाए थे.

Businessman planted VRN guava garden in hatpipaliya dewas
देवास में VRN अमरुद का बगीचा
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Published : Jan 22, 2020, 10:29 AM IST

Updated : Jan 22, 2020, 10:58 AM IST

देवास। हाटपीपल्या इलाके में अमरूद की खेती से एक सराफा कारोबारी की किस्मत बदल गई. व्यापारी ने रायपुर से विशेष किस्म के पौधे मंगवाए थे, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है. ये व्यापारी VRN अमरूद की खेती कर रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके बारे में देख कर इसकी खेती करनी शुरु की और दो साल में अमरूद का बगीचा खड़ा कर दिया. इसकी खास ये है कि, वो इसकी खेती पूरे ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं.

देवास में VRN अमरुद का बगीचा

बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि VRN किस्म के अमरूद की बारे में पता चलते के उन्होंने रायपुर छत्तीसगढ़ से इसके पौधे मंगवाए और अपने खेत में करीब 600 पौधे लगाए. जिस पर दो साल की मेहनत के बाद अब फल आने लगे हैं, इस विशेष किस्म के एक अमरूद का वजन 4 सौ ग्राम से एक किलो तक होता है.

अंकुर ने बताया कि, वीएनआर अमरूद को विशेष पद्धति से तैयार किया जाता है. इस पद्धति में जब अमरूद छोटे आकार का होता है, तब उसे मौसम की मार से बचाने के लिए फोम की जाली और उसके बाद पॉलीथिन और बाद में कागज से बंद किया जाता है, ताकि अमरूद का आकार बढ़ सके और उसमें कीड़े या कोई बीमारी न लगे. इसमें पूरी तरह से जैविक खाद का ही उपयोग किया जा रहा है.

देवास। हाटपीपल्या इलाके में अमरूद की खेती से एक सराफा कारोबारी की किस्मत बदल गई. व्यापारी ने रायपुर से विशेष किस्म के पौधे मंगवाए थे, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है. ये व्यापारी VRN अमरूद की खेती कर रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके बारे में देख कर इसकी खेती करनी शुरु की और दो साल में अमरूद का बगीचा खड़ा कर दिया. इसकी खास ये है कि, वो इसकी खेती पूरे ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं.

देवास में VRN अमरुद का बगीचा

बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि VRN किस्म के अमरूद की बारे में पता चलते के उन्होंने रायपुर छत्तीसगढ़ से इसके पौधे मंगवाए और अपने खेत में करीब 600 पौधे लगाए. जिस पर दो साल की मेहनत के बाद अब फल आने लगे हैं, इस विशेष किस्म के एक अमरूद का वजन 4 सौ ग्राम से एक किलो तक होता है.

अंकुर ने बताया कि, वीएनआर अमरूद को विशेष पद्धति से तैयार किया जाता है. इस पद्धति में जब अमरूद छोटे आकार का होता है, तब उसे मौसम की मार से बचाने के लिए फोम की जाली और उसके बाद पॉलीथिन और बाद में कागज से बंद किया जाता है, ताकि अमरूद का आकार बढ़ सके और उसमें कीड़े या कोई बीमारी न लगे. इसमें पूरी तरह से जैविक खाद का ही उपयोग किया जा रहा है.

Intro:सराफा व्यपारी ने लगाया अमरूद का बगीचा

हो रहा अच्छा मुनाफा

देवास जिले के हाटपीपल्या के सराफा व्यपारी ने अपने शौक को देखते हुए अपने खेत पर अमरूद का बगीचा लगाया जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है !

बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि मैने यूट्यूब पर अमरूद की वैरायटी देखने के लिए सर्च किया तो मुझे V. N. R. किस्म के अमरूद की जानकारी मिली मेने पूरी जानकारी लेने के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ से पौधे मंगवाए व अपने खेत पर करीब 600 पौधे लगाए !
दो साल मेहनत करने के बाद अब फल लगने लग गए जो 400 ग्राम से 1 किलो तक एक फल का वजन बैठ रहा है !

फल जब नींबू के आकार का रहता है तो फल को पेपर व पॉलीथिन से ढक दिया जाता है जिससे कि धूप व अन्य नुकसानों से बचाया जा सके आगे बताया कि इसमें रसायन खाद व दवाई का उपयोग ना करते हुए जैविक खाद व जैविक दवाई का ही उपयोग किया गया है !

साथ ही फल बेचने के लिए पहले पेकिंग की जाती है व इंदौर भोपाल के साथ ही प्रदेश के बाहर दिल्ली मुम्बई तक भेज जाता है !
जहा पर थोक में भी अच्छा भाव मिलता है !

अमरूद के बगीचे को देखने के लिए आसपास के लोग भी आ रहे है !

विजवल
बाइट अंकुर सोनी किसान
P two c नौशाद पटेल संवाददाताBody:सराफा व्यपारी ने लगाया अमरूद का बगीचा

हो रहा अच्छा मुनाफा

देवास जिले के हाटपीपल्या के सराफा व्यपारी ने अपने शौक को देखते हुए अपने खेत पर अमरूद का बगीचा लगाया जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है !

बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि मैने यूट्यूब पर अमरूद की वैरायटी देखने के लिए सर्च किया तो मुझे V. N. R. किस्म के अमरूद की जानकारी मिली मेने पूरी जानकारी लेने के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ से पौधे मंगवाए व अपने खेत पर करीब 600 पौधे लगाए !
दो साल मेहनत करने के बाद अब फल लगने लग गए जो 400 ग्राम से 1 किलो तक एक फल का वजन बैठ रहा है !

फल जब नींबू के आकार का रहता है तो फल को पेपर व पॉलीथिन से ढक दिया जाता है जिससे कि धूप व अन्य नुकसानों से बचाया जा सके आगे बताया कि इसमें रसायन खाद व दवाई का उपयोग ना करते हुए जैविक खाद व जैविक दवाई का ही उपयोग किया गया है !

साथ ही फल बेचने के लिए पहले पेकिंग की जाती है व इंदौर भोपाल के साथ ही प्रदेश के बाहर दिल्ली मुम्बई तक भेज जाता है !
जहा पर थोक में भी अच्छा भाव मिलता है !

अमरूद के बगीचे को देखने के लिए आसपास के लोग भी आ रहे है !

विजवल
बाइट अंकुर सोनी किसान
P two c नौशाद पटेल संवाददाताConclusion:सराफा व्यपारी ने लगाया अमरूद का बगीचा

हो रहा अच्छा मुनाफा

देवास जिले के हाटपीपल्या के सराफा व्यपारी ने अपने शौक को देखते हुए अपने खेत पर अमरूद का बगीचा लगाया जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है !

बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि मैने यूट्यूब पर अमरूद की वैरायटी देखने के लिए सर्च किया तो मुझे V. N. R. किस्म के अमरूद की जानकारी मिली मेने पूरी जानकारी लेने के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ से पौधे मंगवाए व अपने खेत पर करीब 600 पौधे लगाए !
दो साल मेहनत करने के बाद अब फल लगने लग गए जो 400 ग्राम से 1 किलो तक एक फल का वजन बैठ रहा है !

फल जब नींबू के आकार का रहता है तो फल को पेपर व पॉलीथिन से ढक दिया जाता है जिससे कि धूप व अन्य नुकसानों से बचाया जा सके आगे बताया कि इसमें रसायन खाद व दवाई का उपयोग ना करते हुए जैविक खाद व जैविक दवाई का ही उपयोग किया गया है !

साथ ही फल बेचने के लिए पहले पेकिंग की जाती है व इंदौर भोपाल के साथ ही प्रदेश के बाहर दिल्ली मुम्बई तक भेज जाता है !
जहा पर थोक में भी अच्छा भाव मिलता है !

अमरूद के बगीचे को देखने के लिए आसपास के लोग भी आ रहे है !

विजवल
बाइट अंकुर सोनी किसान
P two c नौशाद पटेल संवाददाता
Last Updated : Jan 22, 2020, 10:58 AM IST
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