देवास। उसकी शादी में क्या सजावट हुई थी, कितने अच्छे फूल लगे थे, कितना खर्च आया था, आपने अक्सर ये सब बातें होते सुना होगा. अपना रुतबा दिखाने के लिए एक शादी में करोड़ों रूपए पानी में बहाना भी कोई नई बात नहीं है, पर दमोह में आयोजित एक शादी समारोह में ऐसा कुछ भी नहीं था, फिर भी इसकी चर्चा इन सबसे कहीं अधिक है क्योंकि इस शादी समारोह में जिधर नजर घुमाओ, उधर ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश लिखे पोस्टर-बैनर-होर्डिंग दिख जाते थे. जिस पर लिखे संदेश लोगों को इतना प्रभावित किए कि सबने संदेश के नीचे अपने हस्ताक्षर कर उसका पालन करने का वादा किए.
देवास शहर के एक निजी मैरिज गार्डन में विवाह आयोजित किया गया था, जहां बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के संदेश लिखे बैनर पूरे परिसर में लगाए गए थे, जहां आयोजन में पहुंचे मेहमानों ने स्लोगन के पास हस्ताक्षर कर अपनी सहमति प्रदान की, इन संदेशों ने तो कई लोगों का नजरिया ही बदल दिया कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं.
मेहमानों ने कहा कि एक बेटी ने अपनी शादी में इस तरह के संदेश देकर लोगों को सोचने को मजबूर कर दिया है कि जो बेटियों को बोझ समझने के साथ ही पढ़ाने-लिखाने से बचते हैं, उनके लिए ये एक सबक है.
इस शादी समारोह में देवास-शाजापुर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी पहुंचे, उन्होंने भी हस्ताक्षर कर अपनी सहमति जताई. समारोह में पहुंचे हर मेहमान के मुंह से इस पहल की तारीफ ही निकल रही थी. एक अच्छा संदेश देते हुए इस शादी के जरिए लोगों को समाज की उस सच्चाई से वाकिफ कराया, जो बेहद कड़वी है. उम्मीद है कि एक बेटी के समाज को दिखाए गए इस आईने में बेटियों का अस्तित्व ढूंढ़ना आसान होगा और समाज अपना चेहरा भी उसमें देख पाएगा.