देवास। मध्यप्रदेश में शिक्षा-व्यवस्था की हालत बेहद दयनीय है, जो सरकारी दावों की पोल खोल रही है. ऐसा ही हाल है खातेगांव विधानसभा क्षेत्र का, जहां शासकीय प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं. बिना शिक्षक के बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
खातेगांव विकासखंड के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य सागोनिया गांव में सरकार ने बच्चों के लिए स्कूल तो बना दिया, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई. यहां प्राथमिक कक्षाओं में 62 और माध्यमिक कक्षाओं में 90 बच्चे अध्ययनरत हैं, लेकिन शासन स्तर पर कुल मिलाकर 152 बच्चों पर मात्र एक शिक्षक की नियुक्ति है.
जब ETV BHARAT की टीम ने मौके पर जाकर देखा, तो कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चे एक ही क्लास में बैठे हुए मिले. यहां मिडिल स्कूल में शिक्षक ही नहीं है. सागोनिया गांव में शिक्षा व्यवस्थाओं ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है.
मामले में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल शिवराम नागलोद ने बताया कि शासन स्तर से उनकी अकेली की ड्यूटी है. वह प्राथमिक कक्षा के प्रधानाध्यापक हैं और साथ ही मिडिल स्कूल का प्रभार भी उनके ही पास है. वह बीएलओ का काम भी देखते हैं. वर्तमान में स्कूलों में प्रवेश और टीसी देने का काम चल रहा है और ये काम भी खुद प्रधानाध्यापक शिवराम नागलोद ही देखते हैं. अब बिना शिक्षक के नौनिहालों की पढ़ाई कैसे होगी, इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है.