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मध्य प्रदेश को मोदी सरकार ने दिए करोड़ों रुपए, आपको ऐसे होगा हजारों का फायदा - AMRIT MITRA YOJANA SURVEY

अमृत मित्र योजना के तहत अब पीने के पानी, पार्क और सीवरेज के लिए भी पैसा दे रही केंद्र सरकार. मध्यप्रदेश के 55 शहरों में 885 महिलाओं ने शुरु की टेस्टिंग.

AMRIT MITRA YOJANA SURVEY MODI SARKAR
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 12:32 PM IST

Updated : Jan 15, 2025, 7:13 PM IST

भोपाल : केंद्र सरकार अब आपके पीने के पानी का भी ख्याल रखेगी. इतना ही नहीं सरकार आपके क्षेत्र में सीवरेज और पार्कों का भी ध्यान रखेगी. दरअसल, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 के अंतर्गत मध्य प्रदेश के शहरों में पीने के पानी, सीवरेज और पार्कों का सर्वे और टेस्टिंग कराई जा रही है. इसमें सबसे पहले पीने के पानी की टेस्टिंग हो रही है, जिसमें अमृत मित्र महिलाएं घर-घर जाकर पीने के पानी का सर्वे कर उसकी गुणवत्ता की जांच कर रही हैं. केंद्र सरकार की इस योजना से आपको क्या फायदा हो सकता है, आइए जानते हैं

अमृत मित्र योजना से एमपी को क्या फायदा?

सबसे पहले जान लें कि अमृत मित्र योजना के जरिए सरकार की आखिर क्या प्लानिंग है. तो इसे लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया, '' भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 के तहत मध्य प्रदेश के 55 शहरों में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है. ये महिलाएं 'अमृत मित्र' के रूप में घर-घर जाकर जल परीक्षण का कार्य कर रही हैं. आने वाले समय में इस पहल को सभी 418 शहरों में विस्तारित करने का प्रयास किया जा रहा है.''

door to door drinking water survey mp
घर-घर जाकर पीने के पानी का सर्वे कर रहीं महिलाएं (Etv Bharat)

महिलाओं के लिए नए रोजगार के अवसर

नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने आगे बताया,'' अमृत 2.0 योजना के तहत मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. दरअसल अमृत मित्र जल शक्ति योजना के तहत अभी महिलाओं को पानी के सैंपल लेने का काम सौंपा गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में होने वाली जल जनित बीमारियों को रोका जा सके. अब केंद्र सरकार ने पीने के पानी के साथ इस योजना में पार्क और सीवरेज को जोड़ने का निर्णय भी लिया है. यानी अब सीवरेज और पार्कों के सर्वे में खर्च होने वाली राशि भी केंद्र सरकार देगी. पहले चरण में केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 2.87 करोड़ रु की राशि स्वीकृत की है.''

आम आदमी को इससे क्या फायदा?

अमृत मित्र जल शक्ति योजना के तहत लिए गए पानी के सैंपलों से पानी की गुणवत्ता का पता चलेगा. इससे संक्रमित पानी का भी पहले ही पता चल जाएगा, जिससे किसी क्षेत्र विशेष में जल जनित बीमारियों को रोका जा सकेगा. इसके साथ ही सीवरेज सर्वे के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे गंदगी कम होगी और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा. इतना ही नहीं हर क्षेत्र में आने वाले समय में पार्कों को भी इस योजना से जोड़कर बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा.

water testing amrit mitra jal shakti yojana
जल जनित बीमारियों को रोकने में मिलेगी मदद (Etv Bharat)

सर्वे कार्य में जुड़ीं 885 महिलाएं, केंद्र ने दिए 2.87 करोड़

नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया, '' शहरों में अमृत मित्र योजना के लिए भारत सरकार द्वारा 2.87 करोड़ रु की राशि स्वीकृत की गई है. अब तक 44 परियोजनाओं में 51 वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं. इस परियोजना में अमृत मित्रों का चयन एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी स्वेच्छा के तहत किया गया है. अबतक 215 अमृत मित्र ऑनबोर्ड किए गए हैं, जिनमें 885 महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं. इनमें से 632 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर जल परीक्षण की प्रक्रिया शुरु कर चुकी हैं.

दो चरणों में हो रही वॉटर टेस्टिंग

बता दें कि शहरों में जल परीक्षण का कार्य दो चरणों में किया जाता है. सबसे पहले फील्ड टेस्टिंग किट द्वारा अमृत मित्र महिलाएं डोर-टू-डोर पानी के नमूने लेकर प्रारंभिक परीक्षण करती हैं. वहीं दूसरे चरण में पानी के नमूनों को विशेष बोतलों में लैब ले जाकर डिटेल टेस्टिंग की जाती है. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाता है.

amrit mitra yojana aatmnirbhar bharat
अमृत मित्र योजना से महिलाएं भी बन रहीं आत्मनिर्भर (Etv Bharat)

वॉटर टेस्टिंग में क्या-क्या होता है?

सबसे पहले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (अमृत मित्र) को जल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें पानी के शुद्धता स्तर को परखने के लिए पानी के नमूने लेकर पीएच, टीडीएस, क्लोरीन, पारदर्शिता, गंध मानकों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया सिखाई जाती है. यह प्रशिक्षण अमृत मित्र को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाता है. अब तक ये महिलाएं 55 शहरों में कुल 23466 जल परीक्षण कर चुकी हैं.

'समाज हित के साथ महिलाओं का उत्थान'

दुर्गा एसएचजी ग्रुप भोपाल की अमृत मित्र आशा सिंह ने बताया कि अमृत मित्र योजना उनके लिए आर्थिक स्थिरता का एक नया अध्याय लेकर आई. पहले वे सिर्फ घरेलू जिम्मेदारियों में व्यस्त रहती थीं, लेकिन अब वे जल परीक्षण के माध्यम से न केवल अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं, बल्कि समाज में भी एक प्रेरणा बन रही हैं. वहीं रुद्राक्ष एसएचजी ग्रुप ग्वालियर की अमृत मित्र महावीर ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि घर की ज़िम्मेदारियां निभाने के साथ-साथ उन्हें कभी काम करने का मौका मिलेगा. वे चाहती हैं कि हमेशा नई-नई कौशल सीखें और अमृत मित्र के रूप में काम करती रहें.

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भोपाल : केंद्र सरकार अब आपके पीने के पानी का भी ख्याल रखेगी. इतना ही नहीं सरकार आपके क्षेत्र में सीवरेज और पार्कों का भी ध्यान रखेगी. दरअसल, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 के अंतर्गत मध्य प्रदेश के शहरों में पीने के पानी, सीवरेज और पार्कों का सर्वे और टेस्टिंग कराई जा रही है. इसमें सबसे पहले पीने के पानी की टेस्टिंग हो रही है, जिसमें अमृत मित्र महिलाएं घर-घर जाकर पीने के पानी का सर्वे कर उसकी गुणवत्ता की जांच कर रही हैं. केंद्र सरकार की इस योजना से आपको क्या फायदा हो सकता है, आइए जानते हैं

अमृत मित्र योजना से एमपी को क्या फायदा?

सबसे पहले जान लें कि अमृत मित्र योजना के जरिए सरकार की आखिर क्या प्लानिंग है. तो इसे लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया, '' भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 के तहत मध्य प्रदेश के 55 शहरों में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है. ये महिलाएं 'अमृत मित्र' के रूप में घर-घर जाकर जल परीक्षण का कार्य कर रही हैं. आने वाले समय में इस पहल को सभी 418 शहरों में विस्तारित करने का प्रयास किया जा रहा है.''

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घर-घर जाकर पीने के पानी का सर्वे कर रहीं महिलाएं (Etv Bharat)

महिलाओं के लिए नए रोजगार के अवसर

नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने आगे बताया,'' अमृत 2.0 योजना के तहत मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. दरअसल अमृत मित्र जल शक्ति योजना के तहत अभी महिलाओं को पानी के सैंपल लेने का काम सौंपा गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में होने वाली जल जनित बीमारियों को रोका जा सके. अब केंद्र सरकार ने पीने के पानी के साथ इस योजना में पार्क और सीवरेज को जोड़ने का निर्णय भी लिया है. यानी अब सीवरेज और पार्कों के सर्वे में खर्च होने वाली राशि भी केंद्र सरकार देगी. पहले चरण में केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 2.87 करोड़ रु की राशि स्वीकृत की है.''

आम आदमी को इससे क्या फायदा?

अमृत मित्र जल शक्ति योजना के तहत लिए गए पानी के सैंपलों से पानी की गुणवत्ता का पता चलेगा. इससे संक्रमित पानी का भी पहले ही पता चल जाएगा, जिससे किसी क्षेत्र विशेष में जल जनित बीमारियों को रोका जा सकेगा. इसके साथ ही सीवरेज सर्वे के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे गंदगी कम होगी और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा. इतना ही नहीं हर क्षेत्र में आने वाले समय में पार्कों को भी इस योजना से जोड़कर बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा.

water testing amrit mitra jal shakti yojana
जल जनित बीमारियों को रोकने में मिलेगी मदद (Etv Bharat)

सर्वे कार्य में जुड़ीं 885 महिलाएं, केंद्र ने दिए 2.87 करोड़

नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया, '' शहरों में अमृत मित्र योजना के लिए भारत सरकार द्वारा 2.87 करोड़ रु की राशि स्वीकृत की गई है. अब तक 44 परियोजनाओं में 51 वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं. इस परियोजना में अमृत मित्रों का चयन एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी स्वेच्छा के तहत किया गया है. अबतक 215 अमृत मित्र ऑनबोर्ड किए गए हैं, जिनमें 885 महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं. इनमें से 632 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर जल परीक्षण की प्रक्रिया शुरु कर चुकी हैं.

दो चरणों में हो रही वॉटर टेस्टिंग

बता दें कि शहरों में जल परीक्षण का कार्य दो चरणों में किया जाता है. सबसे पहले फील्ड टेस्टिंग किट द्वारा अमृत मित्र महिलाएं डोर-टू-डोर पानी के नमूने लेकर प्रारंभिक परीक्षण करती हैं. वहीं दूसरे चरण में पानी के नमूनों को विशेष बोतलों में लैब ले जाकर डिटेल टेस्टिंग की जाती है. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाता है.

amrit mitra yojana aatmnirbhar bharat
अमृत मित्र योजना से महिलाएं भी बन रहीं आत्मनिर्भर (Etv Bharat)

वॉटर टेस्टिंग में क्या-क्या होता है?

सबसे पहले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (अमृत मित्र) को जल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें पानी के शुद्धता स्तर को परखने के लिए पानी के नमूने लेकर पीएच, टीडीएस, क्लोरीन, पारदर्शिता, गंध मानकों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया सिखाई जाती है. यह प्रशिक्षण अमृत मित्र को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाता है. अब तक ये महिलाएं 55 शहरों में कुल 23466 जल परीक्षण कर चुकी हैं.

'समाज हित के साथ महिलाओं का उत्थान'

दुर्गा एसएचजी ग्रुप भोपाल की अमृत मित्र आशा सिंह ने बताया कि अमृत मित्र योजना उनके लिए आर्थिक स्थिरता का एक नया अध्याय लेकर आई. पहले वे सिर्फ घरेलू जिम्मेदारियों में व्यस्त रहती थीं, लेकिन अब वे जल परीक्षण के माध्यम से न केवल अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं, बल्कि समाज में भी एक प्रेरणा बन रही हैं. वहीं रुद्राक्ष एसएचजी ग्रुप ग्वालियर की अमृत मित्र महावीर ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि घर की ज़िम्मेदारियां निभाने के साथ-साथ उन्हें कभी काम करने का मौका मिलेगा. वे चाहती हैं कि हमेशा नई-नई कौशल सीखें और अमृत मित्र के रूप में काम करती रहें.

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Last Updated : Jan 15, 2025, 7:13 PM IST
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