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कौन हैं डॉ. बुधेन्द्र जैन जिन्हे सरकार देगी पद्मश्री, 12 बेड के क्लीनिक से रोशन की आंखें - DR BUDHENDRA JAIN PADMA SHRI 2025

सतना स्थित 'सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय' में हर साल लाखों लोगों की आई सर्जरी होती है. इसके डायरेक्टर डॉ. बुधेन्द्र जैन को पद्मश्री अवॉर्ड मिलेगा.

SATNA SADGURU NETRA CHIKITSALAYA DIRECTOR DR BUDHENDRA JAIN
सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के डायरेक्टर डॉ बुधेन्द्र जैन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 28, 2025, 10:07 PM IST

Updated : Jan 29, 2025, 11:15 AM IST

सतना : जिले के चित्रकूट स्थित 'सदगुरु नेत्र चिकित्सालय' के डायरेक्टर डॉ. बुधेन्द्र जैन को पद्मश्री अवार्ड में चयनित किया गया है. पूरे प्रदेश में 5 नाम विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है. जिसमें विंध्य क्षेत्र से चित्रकूट स्थित सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के डायरेक्टर का नाम भी शामिल है, जो सतना जिले सहित विंध्य वासियों के लिए गौरव का विषय है. 'सदगुरु नेत्र चिकित्सालय' की देश और दुनिया के श्रेष्ठ नेत्र चिकित्सालय में गिनती की जाती है.

मध्य प्रदेश के 5 लोगों को मिलेगा पद्मश्री

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किए जाने वाले व्यक्तियों के नामों का ऐलान 25 जनवरी को किया गया था. मध्य प्रदेश से पद्मश्री अवॉर्ड के लिए 5 नाम शामिल किए गए, जिसमें भैरू सिंह चौहान, जगदीश जोशीला, शैली होल्कर, बुधेंद्र कुमार जैन और हरचंदन सिंह भाटी का नाम शामिल है.

डॉ बुधेन्द्र जैन पद्मश्री पुरस्कार 2025 (ETV Bharat)

विंध्य का बढ़ा गौरव, बधाइयों का लगा तांता

सतना जिले के सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डायरेक्टर 76 वर्षीय डॉ. बुधेंद्र कुमार जैन, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा पर मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि, पूरे देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. उन्हें अब पद्मश्री अवार्ड मिलने जा रहा है, जो कि समूचे विंध्य के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है. वे सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट नेत्र चिकित्सालय में लंबे समय से नेत्र रोगियों को सेवा प्रदान कर रहे हैं. पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नाम शामिल किए जाने के बाद से उन्हें बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. रीवा संभागायुक्त कमिश्नर बीएस जामोद, डीआईजी साकेत पांडेय , जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा, एसपी आशुतोष गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने बधाईयां दी.

इन्हें दी अपने जीवन की सफलता का श्रेय

डॉ. जैन ने पद्मश्री अवॉर्ड को प्राप्त करने का श्रेय अपने परम पूज्य गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज और सद्गुरु परिवार के हर छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं को दिया. उन्होंने कहा कि "इन सभी का जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग रहा है, जिससे मैं लाखों नेत्र रोगियों को इलाज कर उनके आंखों की रोशनी वापस करने में सफलता हासिल की. इन सभी नेत्र रोगियों के आशीर्वाद और दुआएं प्राप्त हुई, जिससे मुझे आज ये उपलब्धि मिली है.

MADHYA PRADESH PADMA SHRI AWARDS
पद्मश्री अवॉर्ड से के लिए नाम ऐलान होने पर दी बधाई (ETV Bharat)

मैं इस सम्मान को उन सभी को समर्पित करता हूं. मैं देश-विदेश के अपने अनेक गुरु भाई-बहनों को भी इसका श्रेय देता हूं, जिनका गुरुदेव के प्रति अगाध प्रेम और भक्ति मुझे इस सेवा कार्य के लिए प्रेरित करती रहती है. चौरासी कोसीय परिक्रमा मार्ग से घिरी हुई चित्रकूट की यह पावन नगरी, जहां कण-कण में प्रभु राम और माता जानकी विराजमान हैं. इसी धरती का यह प्रतिफल है कि मुझ जैसा एक साधारण व्यक्ति इतनी बड़ी उपलब्धि के योग्य बन सका."

सतना में ही ली प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा

डॉ. बी के जैन का जन्म सतना जिले में हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा सतना स्थित शासकीय वेंकट क्रमांक एक विद्यालय से पूरी की. इसके बाद डॉ. बुधेन्द्र जैन ने वर्ष 1973 एमबीबीएस की शिक्षा रीवा के श्याम शाह मेडिकल महाविद्यालय से की और वर्ष 1979 में लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज सायन मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की है.

2019 में सतना के बघेली कवि को मिला था पद्मश्री

आपको बता दें कि इससे पहले सतना के बघेली कवि बाबूलाल दहिया को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था. जैव विविधता और अनाज के देशी बीजों के संरक्षण संवर्धन को लेकर वर्ष 2019 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. अब सतना जिले में यह अवॉर्ड 76 वर्षीय डॉ. बुधेंद्र जैन को मिलने जा रहा है, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा पर अपनी अलग अलख जगाई है, यह विंध्य क्षेत्र वासियों के लिए एक बड़ी सौगात है.

कैसे की नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत

डॉ. बी जैन के ने बताया कि "12 बेड की एक क्लीनिक खोलकर 2 डॉक्टरों की मदद से नेत्र चिकित्सा शुरू की थी. जो धीरे-धीरे बाद में नेत्र चिकित्सालय में परिवर्तित होती गई." बता दें कि आज उनका नेत्र चिकित्सालय सद्गुरु सेवा ट्रस्ट के नाम से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में जाना जाता है. यहां हर साल करीब लाखों लोगों की आई सर्जरी होती है. वर्तमान समय में यहां पर करीब 1400 डॉक्टर और करीब 4 हजार से अधिक स्टाफ है. पहले यहां पर केवल मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते थे, लेकिन अब कॉर्निया और ग्लूकोमा के भी ऑपरेशन किए जाते हैं.

सतना : जिले के चित्रकूट स्थित 'सदगुरु नेत्र चिकित्सालय' के डायरेक्टर डॉ. बुधेन्द्र जैन को पद्मश्री अवार्ड में चयनित किया गया है. पूरे प्रदेश में 5 नाम विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है. जिसमें विंध्य क्षेत्र से चित्रकूट स्थित सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के डायरेक्टर का नाम भी शामिल है, जो सतना जिले सहित विंध्य वासियों के लिए गौरव का विषय है. 'सदगुरु नेत्र चिकित्सालय' की देश और दुनिया के श्रेष्ठ नेत्र चिकित्सालय में गिनती की जाती है.

मध्य प्रदेश के 5 लोगों को मिलेगा पद्मश्री

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किए जाने वाले व्यक्तियों के नामों का ऐलान 25 जनवरी को किया गया था. मध्य प्रदेश से पद्मश्री अवॉर्ड के लिए 5 नाम शामिल किए गए, जिसमें भैरू सिंह चौहान, जगदीश जोशीला, शैली होल्कर, बुधेंद्र कुमार जैन और हरचंदन सिंह भाटी का नाम शामिल है.

डॉ बुधेन्द्र जैन पद्मश्री पुरस्कार 2025 (ETV Bharat)

विंध्य का बढ़ा गौरव, बधाइयों का लगा तांता

सतना जिले के सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डायरेक्टर 76 वर्षीय डॉ. बुधेंद्र कुमार जैन, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा पर मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि, पूरे देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. उन्हें अब पद्मश्री अवार्ड मिलने जा रहा है, जो कि समूचे विंध्य के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है. वे सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट नेत्र चिकित्सालय में लंबे समय से नेत्र रोगियों को सेवा प्रदान कर रहे हैं. पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नाम शामिल किए जाने के बाद से उन्हें बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. रीवा संभागायुक्त कमिश्नर बीएस जामोद, डीआईजी साकेत पांडेय , जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा, एसपी आशुतोष गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने बधाईयां दी.

इन्हें दी अपने जीवन की सफलता का श्रेय

डॉ. जैन ने पद्मश्री अवॉर्ड को प्राप्त करने का श्रेय अपने परम पूज्य गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज और सद्गुरु परिवार के हर छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं को दिया. उन्होंने कहा कि "इन सभी का जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग रहा है, जिससे मैं लाखों नेत्र रोगियों को इलाज कर उनके आंखों की रोशनी वापस करने में सफलता हासिल की. इन सभी नेत्र रोगियों के आशीर्वाद और दुआएं प्राप्त हुई, जिससे मुझे आज ये उपलब्धि मिली है.

MADHYA PRADESH PADMA SHRI AWARDS
पद्मश्री अवॉर्ड से के लिए नाम ऐलान होने पर दी बधाई (ETV Bharat)

मैं इस सम्मान को उन सभी को समर्पित करता हूं. मैं देश-विदेश के अपने अनेक गुरु भाई-बहनों को भी इसका श्रेय देता हूं, जिनका गुरुदेव के प्रति अगाध प्रेम और भक्ति मुझे इस सेवा कार्य के लिए प्रेरित करती रहती है. चौरासी कोसीय परिक्रमा मार्ग से घिरी हुई चित्रकूट की यह पावन नगरी, जहां कण-कण में प्रभु राम और माता जानकी विराजमान हैं. इसी धरती का यह प्रतिफल है कि मुझ जैसा एक साधारण व्यक्ति इतनी बड़ी उपलब्धि के योग्य बन सका."

सतना में ही ली प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा

डॉ. बी के जैन का जन्म सतना जिले में हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा सतना स्थित शासकीय वेंकट क्रमांक एक विद्यालय से पूरी की. इसके बाद डॉ. बुधेन्द्र जैन ने वर्ष 1973 एमबीबीएस की शिक्षा रीवा के श्याम शाह मेडिकल महाविद्यालय से की और वर्ष 1979 में लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज सायन मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की है.

2019 में सतना के बघेली कवि को मिला था पद्मश्री

आपको बता दें कि इससे पहले सतना के बघेली कवि बाबूलाल दहिया को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था. जैव विविधता और अनाज के देशी बीजों के संरक्षण संवर्धन को लेकर वर्ष 2019 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. अब सतना जिले में यह अवॉर्ड 76 वर्षीय डॉ. बुधेंद्र जैन को मिलने जा रहा है, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा पर अपनी अलग अलख जगाई है, यह विंध्य क्षेत्र वासियों के लिए एक बड़ी सौगात है.

कैसे की नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत

डॉ. बी जैन के ने बताया कि "12 बेड की एक क्लीनिक खोलकर 2 डॉक्टरों की मदद से नेत्र चिकित्सा शुरू की थी. जो धीरे-धीरे बाद में नेत्र चिकित्सालय में परिवर्तित होती गई." बता दें कि आज उनका नेत्र चिकित्सालय सद्गुरु सेवा ट्रस्ट के नाम से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में जाना जाता है. यहां हर साल करीब लाखों लोगों की आई सर्जरी होती है. वर्तमान समय में यहां पर करीब 1400 डॉक्टर और करीब 4 हजार से अधिक स्टाफ है. पहले यहां पर केवल मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते थे, लेकिन अब कॉर्निया और ग्लूकोमा के भी ऑपरेशन किए जाते हैं.

Last Updated : Jan 29, 2025, 11:15 AM IST
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