देवास। जिले की हाटपिपल्या में हर साल की तरह इस साल भी डोल ग्यारस के पर्व पर एक पारंपरिक आयोजन किया जाएगा. यहां भगवान नृसिंह की साढ़े सात किलो वजनी पाषाण प्रतिमा को नृसिंह घाट स्थित भमौरी नदी के पानी में तैराया जाता है. इस बार यह कार्यक्रम 9 सितम्बर को तैराया जाएगा. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं.
मंदिर के सदस्य संतोष सोनी ने बताया कि भगवान नृसिंह की प्रतिमा को तीन बार पानी में तैराई जाती है. मान्यता है कि एक बार प्रतिमा पानी में तैराने से आने वाला साल साधारण रहता है. वहीं दो बार तैरती है तो साल का 8 महीना सुखद रहते है. वहीं अगर तीनों बार प्रतिमा पानी में डूब जाए तो आने वाला साल अनिश्चितताओं से गुजरता है.
बता दें कि प्राचीन पाषाण प्रतिमा को भव्य जुलूस के साथ स्थानीय नृसिंह मंदिर से निकाली जाती है और नगर के सभी मंदिरों में घूमाने के बाद बैंड-बाजे के साथ नृसिंह घाट तक प्रतिमा को ले जाया जाता है. जिसके बाद पूके विधि विधान के साथ भगवान नृसिंह की प्रतिमा पानी में तैरती जाती है.