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कोरोना का कहर, कन्नौद उप जेल से 22 कैदियों को किया गया रिहा - सुप्रीम कोर्ट

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार देवास के कन्नौद उप जेल से पांच साल की सजा में विचाराधीन 22 कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है. इसके अलावा वर्तमान में जेल में जो 106 कैदी हैं, उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

22 prisoners were held from Kannod sub jail
कन्नौद सब जेल से 22 कैदियों को किया गया रहा
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Published : Mar 31, 2020, 8:52 PM IST

Updated : Mar 31, 2020, 9:11 PM IST

देवास। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जेलों से कैदियों को रिहा किया जा रहा है. इसी प्रकार जिले के कन्नौद स्थित उप जेल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पांच साल की सजा में विचाराधीन 22 कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है. आजीवन कारावास वाले कैदियों को 45 दिन की बजाय 60 दिन की पैरोल दी गई है.

कन्नौद सब जेल से 22 कैदियों को किया गया रहा

सब जेल अधीक्षक गिरिजा शंकर दुबे ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस को देखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ये निर्णय लिया गया कि जो भी 5 साल की सजा वाले विचाराधीन कैदी हैं, ऐसे बंदियों को चिन्हित करके संबंधित न्यायालय को प्रकरण भेजकर जमानत करवाई जाए. कन्नौद सब जेल से 22 विचाराधीन कैदियों को 45 दिन के अंतिम पैरोल पर छूटे हैं. वर्तमान में 106 बंदी जेल में हैं. शासन के दिए गए निर्देशानुसार काफी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत इनको सेनिटाइजर, साबुन और मास्क दिए गए हैं. बार-बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. किसी बंदी को सर्दी, जुकाम होने पर तत्काल उपचार कराने के निर्देश दिए गए हैं.

जेल अधीक्षक ने आगे कहा कि अभी वर्तमान में हमारे यहां सभी कैदी स्वस्थ हैं. कोरोना वायरस को देखते हुए शासन ने अब उनके 45 दिन के पेरोल को आपात स्थिति में 60 दिन कर दिया है. जो भी कैदी आजीवन कारावास वाले हैं, वे इस 60 दिन के पेरोल का इस गंभीर बीमारी के चलते उपयोग कर सकते हैं. हमारे यहां शासन के निर्देश के तहत सभी कैदियों को समय-समय पर साबुन से हाथ धुलाए जा रहे हैं.

देवास। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जेलों से कैदियों को रिहा किया जा रहा है. इसी प्रकार जिले के कन्नौद स्थित उप जेल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पांच साल की सजा में विचाराधीन 22 कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है. आजीवन कारावास वाले कैदियों को 45 दिन की बजाय 60 दिन की पैरोल दी गई है.

कन्नौद सब जेल से 22 कैदियों को किया गया रहा

सब जेल अधीक्षक गिरिजा शंकर दुबे ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस को देखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ये निर्णय लिया गया कि जो भी 5 साल की सजा वाले विचाराधीन कैदी हैं, ऐसे बंदियों को चिन्हित करके संबंधित न्यायालय को प्रकरण भेजकर जमानत करवाई जाए. कन्नौद सब जेल से 22 विचाराधीन कैदियों को 45 दिन के अंतिम पैरोल पर छूटे हैं. वर्तमान में 106 बंदी जेल में हैं. शासन के दिए गए निर्देशानुसार काफी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत इनको सेनिटाइजर, साबुन और मास्क दिए गए हैं. बार-बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. किसी बंदी को सर्दी, जुकाम होने पर तत्काल उपचार कराने के निर्देश दिए गए हैं.

जेल अधीक्षक ने आगे कहा कि अभी वर्तमान में हमारे यहां सभी कैदी स्वस्थ हैं. कोरोना वायरस को देखते हुए शासन ने अब उनके 45 दिन के पेरोल को आपात स्थिति में 60 दिन कर दिया है. जो भी कैदी आजीवन कारावास वाले हैं, वे इस 60 दिन के पेरोल का इस गंभीर बीमारी के चलते उपयोग कर सकते हैं. हमारे यहां शासन के निर्देश के तहत सभी कैदियों को समय-समय पर साबुन से हाथ धुलाए जा रहे हैं.

Last Updated : Mar 31, 2020, 9:11 PM IST
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