ETV Bharat / state

MP Datia Maa Pitambara : दतिया की शक्तिपीठ मां पीतांबरा के दर्शन से हर मनोरथ पूर्ण, क्या है इनकी महिमा, चमत्कार और इतिहास

बुंदेलखंड को मातृशक्ति की भूमि माना जाता है. इसीलिए पूरे भारत वर्ष में सबसे ज्यादा देवी मंदिर बुंदेलखंड में हैं. बुंदेलखंड का दतिया जिला धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व की नगरी है. दतिया दैवीय नगरी के रूप में विश्व विख्यात है. दतिया में स्थित शक्तिपीठ मां पीतांबरा मंदिर (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) में स्थित देवी पीतांबरा मां वर्षभर अपने भक्तों के अलावा राजनेताओं से घिरी रहती हैं. देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति ने भी मंदिर में आकर अपनी हाजिरी लगाई. सत्ताधारी दलों से जुड़े नेताओं को अक्सर देवी पीतांबरा मां के आगे अपना मत्था टेकते हुए देखा जाता है. (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) (Maa Pitambara glory) (Maa Pitambara miracle) (Maa Pitambara history) (Maa Pitambara place tantra mantra) (Sharadiya Navratri 2022)

Sharadiya Navratri 2022
दतिया की शक्तिपीठ मां पीतांबरा के दर्शन से हर मनोरथ पूर्ण
author img

By

Published : Oct 3, 2022, 1:05 PM IST

दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया स्थित देवी पीतांबरा मंदिर में (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) मां पीतांबरा की स्थापना सन 1935 में मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज ने की थी. श्री पीतांबरा मंदिर जहां स्थित है वहां पहले काफी घना था. मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी ने अपनी तपस्या के बल पर इस मंदिर को एक जागृत पीठ बनाया और देवी कृपा से यहां अन्य विग्रह की स्थापना हुई. देवी पीतांबरा मंदिर तंत्र मंत्रों की एक जागृत प्रयोगशाला भी है. यहां अंक ज्योतिष के अलावा वैदिक पद्धति से पूजा अर्चना अनुष्ठान के अपने नियम हैं. देवी पीतांबरा मंदिर में महाभारत कालीन वनखंडेश्वर महादेव का मंदिर कई चमत्कारी विशेषताओं को अपनी गोद में समेटे हुए लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बिंदु है.

बगलामुखी के नाम से भी मशहूर : राजसत्ता हासिल करने के लिए अथवा मनोवांछित फल की प्राप्ति के देवी साधना को उत्तम माना गया है. देवी पीतांबरा को ही बगलामुखी के नाम से जाना जाता है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार शत्रुओं के विनाश के देवी बगलामुखी की साधना की गई. भारत व चीन युद्ध के समय श्री पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर ने सन् 1962 में देवी धूमावती मंदिर के ठीक सामने प्राचीन यज्ञशाला में महत्वपूर्ण यज्ञ का आयोजन किया था और यह राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान यज्ञ पूरी तरह से सफल रहा. भारत- चीन युद्ध के दौरान चीन की सेना ने भारत की सीमा को छोड़ा और वापस पराजित होते हुए अपने देश भाग गए. इसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं.

Sharadiya Navratri 2022
दतिया की शक्तिपीठ मां पीतांबरा के दर्शन से हर मनोरथ पूर्ण

मात्र दर्शन से सारे मनोरथ पूरे : देवी पीतांबरा माता के दर्शन करने मात्र से ही मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है. सिद्धपीठ श्री पीतांबरा मंदिर में अद्भुत 4 दरवाजे हैं तो वहीं पूरब पश्चिम और उत्तर दक्षिण दिशाओं में देवी देवताओं के विग्रह स्थापित हैं. देवी धूमावती माता का मंदिर अद्भुत चमत्कारी रहस्य से जाना जाता है. देवी धूमावती माता को प्रति शनिवार नमकीन का प्रसाद अर्पित किया जाता है. देवी पीतांबरा मंदिर में मोक्ष प्रदान करने वाला हरिद्रा कुंड भी है. इसके अलावा अमृतेश्वर महादेव अथवा साधना का प्रमुख स्थल श्री पीठाधीश्वर के विग्रह वाला बड़ा हॉल है.

Sharadiya Navratri 2022: चमत्कारों से भरा है मां बीस भुजी का मंदिर, देवी माता की शरण में पदयात्रा करते हुए पहुंचे युवराज जयवर्द्धन सिंह

तंत्र साधना का स्थल : यहां प्राचीन श्री हनुमान मंदिर, श्री गणेश मंदिर एवं बटुक भैरव नाथ की विग्रह मौजूद हैं. यही तमाम विग्रह मिलकर तंत्र साधना के अलावा सहज दर्शनों से राज सत्ता प्राप्ति का योग बनाते हैं. देवी पीतांबरा मंदिर को वास्तु अनुकूल माना जाता है. इसकी वास्तु भौगोलिक स्थिति दुनिया में जो भी धार्मिक स्थान प्रसिद्ध हैं, उन स्थानों की तरह ही सिद्ध शक्तिपीठ. पीताम्बरा मंदिर के सेवक मोनू तिवारी का कहना है माँ पीताम्बरा पीत वर्ण स्वरूपा शत्रु विनाशक देवी हैं, शत्रुहंता होने के कारण माता को राजसत्ता की दाता भी कहा जाता है. यही कारण है कि माता के दर पर सबसे ज्यादा राजनेता मत्था टेकते हैं. मंदिर के सेवक पंडित शिवम व्यास का कहना है कि माता धूमावती लक्ष्मी स्वरूपा देवी हैं. माता के दर्शन मात्र से मनोरथ सिद्ध होते हैं. (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) (Maa Pitambara glory) (Maa Pitambara miracle) (Maa Pitambara history)

दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया स्थित देवी पीतांबरा मंदिर में (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) मां पीतांबरा की स्थापना सन 1935 में मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज ने की थी. श्री पीतांबरा मंदिर जहां स्थित है वहां पहले काफी घना था. मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी ने अपनी तपस्या के बल पर इस मंदिर को एक जागृत पीठ बनाया और देवी कृपा से यहां अन्य विग्रह की स्थापना हुई. देवी पीतांबरा मंदिर तंत्र मंत्रों की एक जागृत प्रयोगशाला भी है. यहां अंक ज्योतिष के अलावा वैदिक पद्धति से पूजा अर्चना अनुष्ठान के अपने नियम हैं. देवी पीतांबरा मंदिर में महाभारत कालीन वनखंडेश्वर महादेव का मंदिर कई चमत्कारी विशेषताओं को अपनी गोद में समेटे हुए लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बिंदु है.

बगलामुखी के नाम से भी मशहूर : राजसत्ता हासिल करने के लिए अथवा मनोवांछित फल की प्राप्ति के देवी साधना को उत्तम माना गया है. देवी पीतांबरा को ही बगलामुखी के नाम से जाना जाता है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार शत्रुओं के विनाश के देवी बगलामुखी की साधना की गई. भारत व चीन युद्ध के समय श्री पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर ने सन् 1962 में देवी धूमावती मंदिर के ठीक सामने प्राचीन यज्ञशाला में महत्वपूर्ण यज्ञ का आयोजन किया था और यह राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान यज्ञ पूरी तरह से सफल रहा. भारत- चीन युद्ध के दौरान चीन की सेना ने भारत की सीमा को छोड़ा और वापस पराजित होते हुए अपने देश भाग गए. इसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं.

Sharadiya Navratri 2022
दतिया की शक्तिपीठ मां पीतांबरा के दर्शन से हर मनोरथ पूर्ण

मात्र दर्शन से सारे मनोरथ पूरे : देवी पीतांबरा माता के दर्शन करने मात्र से ही मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है. सिद्धपीठ श्री पीतांबरा मंदिर में अद्भुत 4 दरवाजे हैं तो वहीं पूरब पश्चिम और उत्तर दक्षिण दिशाओं में देवी देवताओं के विग्रह स्थापित हैं. देवी धूमावती माता का मंदिर अद्भुत चमत्कारी रहस्य से जाना जाता है. देवी धूमावती माता को प्रति शनिवार नमकीन का प्रसाद अर्पित किया जाता है. देवी पीतांबरा मंदिर में मोक्ष प्रदान करने वाला हरिद्रा कुंड भी है. इसके अलावा अमृतेश्वर महादेव अथवा साधना का प्रमुख स्थल श्री पीठाधीश्वर के विग्रह वाला बड़ा हॉल है.

Sharadiya Navratri 2022: चमत्कारों से भरा है मां बीस भुजी का मंदिर, देवी माता की शरण में पदयात्रा करते हुए पहुंचे युवराज जयवर्द्धन सिंह

तंत्र साधना का स्थल : यहां प्राचीन श्री हनुमान मंदिर, श्री गणेश मंदिर एवं बटुक भैरव नाथ की विग्रह मौजूद हैं. यही तमाम विग्रह मिलकर तंत्र साधना के अलावा सहज दर्शनों से राज सत्ता प्राप्ति का योग बनाते हैं. देवी पीतांबरा मंदिर को वास्तु अनुकूल माना जाता है. इसकी वास्तु भौगोलिक स्थिति दुनिया में जो भी धार्मिक स्थान प्रसिद्ध हैं, उन स्थानों की तरह ही सिद्ध शक्तिपीठ. पीताम्बरा मंदिर के सेवक मोनू तिवारी का कहना है माँ पीताम्बरा पीत वर्ण स्वरूपा शत्रु विनाशक देवी हैं, शत्रुहंता होने के कारण माता को राजसत्ता की दाता भी कहा जाता है. यही कारण है कि माता के दर पर सबसे ज्यादा राजनेता मत्था टेकते हैं. मंदिर के सेवक पंडित शिवम व्यास का कहना है कि माता धूमावती लक्ष्मी स्वरूपा देवी हैं. माता के दर्शन मात्र से मनोरथ सिद्ध होते हैं. (Datia Shaktipeeth Maa Pitambara) (Maa Pitambara glory) (Maa Pitambara miracle) (Maa Pitambara history)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.