दतिया। जिले की ग्राम पंचायत भाषड़ा खुर्द में एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र दो बार बनाया गया. वहीं, मृतक के परिजन ये प्रमाण पत्र पाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर 18 साल से काट रहे हैं. खास बात यह है कि मृतक के एक ही पंचायत से दो मृत्यु प्रमाणपत्र जारी भी किए गए. यह प्रमाणपत्र भी उसके परिजनों को नहीं अपितु दो अलग-अलग गांवों के दो लोगों को जारी किए गए. ये मामला अब कलेक्टर की जनसुवाई में पहुंचा है.
18 साल पहले हो चुकी है मौत : बता दें कि भाषड़ा खुर्द निवासी पूरन परिहार की मौत 2005 में हो गई थी. पूरन की मौत के बाद से ही परिजन उसका प्रमाणपत्र बनवाने ग्राम पंचायत के चक्कर काटता रहा. पर पंचायत ने प्रमाणपत्र जारी नहीं किया. इसके बाद पूरन का एक मृत्यू प्रमाणपत्र सन् 2007 में जारी किया गया और उसी व्यक्ति का दूसरा प्रमाणपत्र 2011 में जारी कर दिया गया. यह सब पूरन की 4 बीघा जमीन के लिए किया गया है. पूरन के परिजन प्रयागराज से पंडाओं से रिकॉर्ड लेकर 18 साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
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कलेक्टर को सुनाई व्यथा : अब परेशान होकर पूरन का नाती कलेक्टर संजय कुमार के पास पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. सन् 2005 में दादा की मौत के बाद निरन एवं उनके परिजनों ने मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक कई बार आवेदन किया. परंतु ग्राम पंचायत ने उनका मृत्यू प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था. बता दें कि पूरन के नाम कुछ जमीन थी. इस कारण ग्राम हथेड़ा के धीरज सिंह परिहार को सन् 2007 में ग्राम पंचायत भांषड़ा खुर्द के सचिव ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया था. एक बार फिर सन् 2011 में भांषड़ा खुर्द के दूसरे पंचायत सचिव ने एक और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया.