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अस्थायी स्वास्थ्यकर्मियों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल के चेतावनी, सौंपा ज्ञापन - दमोह न्यूज

अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारी 26 और 27 मई को कालीपट्टी बांधकर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करेंगे. कर्मचारियों का कहना है कि मांग नहीं मानी जाती तो 30 मई के बाद समस्त अस्थायी स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

temporary health workers
अस्थायी स्वास्थ्यकर्मी
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Published : May 25, 2021, 12:25 PM IST

दमोह। कोविड स्वास्थ्य सेवा संगठन के प्रदेश आह्वान पर जिले के अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. कर्मचारी 26 और 27 मई को कालीपट्टी बांधकर, जबकि 28 मई कोरोना में मारे गए स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित करेंगे. इसके बाद 29 मई को जनता के बीच जाकर अपने सुरक्षित भविष्य के लिए भीख मांगकर जनता से गुहार लगाएंगे और जो भी राशि एकत्रित होगी, उसे शहीद स्वास्थ्यकर्मी के परिजन को सौंपेगे.

30 मई के बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल
बता दें कि यदि कर्मचारियों की मांग नहीं मानी जाती तो 30 मई के बाद समस्त अस्थायी स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. इसी कड़ी में जबेरा ब्लॉक के समस्त अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यखण्ड चिकित्सा अधिकारी के नाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन दिन के आकस्मिक अवकाश के साथ प्रदेश सरकार को अपनी मांगों लेकर ज्ञापन सौपा हैं. ज्ञापन सौपते हुए बीसीएम प्रमोद मेहरा और डॉ. गीता वर्मा एएमओ ने मीडिया को बताया कि सरकार द्वारा 5 जून 2018 को प्रशासन द्वारा पत्र जारी स्वास्थ्यकर्मीयों के भविष्य को सुरक्षित करने का निर्णय लिया गया था. तीन वर्ष बाद भी कुछ नहीं हुआ.


salary बढ़ाने के लिए 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी strike पर, मरीजों की कौन सुनेगा ?

सरकार के सामने रखी ये मांग
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कोविड महामारी की आपदा में भी हम स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किये बिना दिन रात सेवाएं देने में लगे हुए हैं. फिर भी सरकार को हमारी चिंता नही है. उन्होंने कहा कि हम सभी तीन दिन के आकस्मिक अवकाश के साथ-साथ शासन-प्रशासन से मांग करते है कि 5 जून 2018 के पत्र की नीति अनुसार नियमित कर्मचारी के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतन दिया जाए.

दमोह। कोविड स्वास्थ्य सेवा संगठन के प्रदेश आह्वान पर जिले के अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. कर्मचारी 26 और 27 मई को कालीपट्टी बांधकर, जबकि 28 मई कोरोना में मारे गए स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित करेंगे. इसके बाद 29 मई को जनता के बीच जाकर अपने सुरक्षित भविष्य के लिए भीख मांगकर जनता से गुहार लगाएंगे और जो भी राशि एकत्रित होगी, उसे शहीद स्वास्थ्यकर्मी के परिजन को सौंपेगे.

30 मई के बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल
बता दें कि यदि कर्मचारियों की मांग नहीं मानी जाती तो 30 मई के बाद समस्त अस्थायी स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. इसी कड़ी में जबेरा ब्लॉक के समस्त अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यखण्ड चिकित्सा अधिकारी के नाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन दिन के आकस्मिक अवकाश के साथ प्रदेश सरकार को अपनी मांगों लेकर ज्ञापन सौपा हैं. ज्ञापन सौपते हुए बीसीएम प्रमोद मेहरा और डॉ. गीता वर्मा एएमओ ने मीडिया को बताया कि सरकार द्वारा 5 जून 2018 को प्रशासन द्वारा पत्र जारी स्वास्थ्यकर्मीयों के भविष्य को सुरक्षित करने का निर्णय लिया गया था. तीन वर्ष बाद भी कुछ नहीं हुआ.


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सरकार के सामने रखी ये मांग
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कोविड महामारी की आपदा में भी हम स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किये बिना दिन रात सेवाएं देने में लगे हुए हैं. फिर भी सरकार को हमारी चिंता नही है. उन्होंने कहा कि हम सभी तीन दिन के आकस्मिक अवकाश के साथ-साथ शासन-प्रशासन से मांग करते है कि 5 जून 2018 के पत्र की नीति अनुसार नियमित कर्मचारी के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतन दिया जाए.

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