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'कलेक्टर, कमिश्नर का जिला बदर आदेश निरस्त', जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार पर ठोका जुर्माना - JABALPUR HIGH COURT ON JILA BADAR

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश को बताया मनमाना. आवेदक को 25 हजार का जुर्माना देने के आदेश.

JABALPUR HIGH COURT ON JILA BADAR
कलेक्टर के जिला बदर के आदेश पर हाईकोर्ट का निर्णय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 9, 2025, 3:59 PM IST

जबलपुर: एक भी अपराध में सजा से दंडित नहीं होने के बावजूद जिला बदर के आदेश को जारी किए जाने को कोर्ट ने मनमाना पूर्ण बताते हुए निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने छिंदवाड़ा कलेक्टर और जबलपुर कमिश्नर के आदेश को विधि संगत नहीं मानते हुए उसे निरस्त कर दिया. एकलपीठ ने सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए यह राशि याचिकाकर्ता के बैंक खाते में जमा कराने के आदेश दिये हैं.

अधिकांश प्रकरण में याचिकाकर्ता दोषमुक्त

छिंदवाड़ा के याचिकाकर्ता भूरा कौरव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कलेक्टर ने 30 अक्टूबर 2024 को याचिकाकर्ता के खिलाफ जिला बदर का आदेश पारित किया था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के खिलाफ 14 आपराधिक प्रकरण और सीआरपीसी की धारा 110 के तहत 3 बार कार्रवाई का उल्लेख किया था. याचिका में कहा गया था कि 5 आपराधिक प्रकरण जुआ एक्ट के तहत दर्ज हुए थे. न्यायालय ने उन प्रकरण में सजा से दंडित नहीं करते हुए सिर्फ 100 रुपये का जुर्माना किया किया था. इसके अधिकांश प्रकरणों में वह दोषमुक्त हो गया था. एक प्रकरण में दोषमुक्त होने के बावजूद भी पुलिस रिकॉर्ड में उसे लंबित बताया गया है.

'कमिश्नर ने भी खारिज कर दी थी अपील'

याचिका में कहा गया था कि जिला बदर का आदेश जारी करने के पहले एक भी गवाह के बयान दर्ज नहीं किए गए थे. कलेक्टर द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए उसने संभागायुक्त जबलपुर के समक्ष अपील दायर की थी. कमिश्नर के द्वारा अपील खारिज किये जाने के कारण यह हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सरकार की तरफ से बताया गया कि आवेदक के खिलाफ हाल में ही एक आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है.

जिला बदर का आदेश निरस्त, 25 हजार का जुर्माना

हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दलीलें सुनने के बाद "छिंदवाड़ा कलेक्टर और जबलपुर कमिश्नर के आदेश को मनमाना और विधि संगत नहीं पाते हुए उसे निरस्त कर दिया. अपने आदेश में कहा है कि मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के दिये प्रावधानों का पालन नहीं करते हुए विधि विरुद्ध आदेश जारी किये हैं." एकलपीठ ने "जिला बदर के आदेश को निरस्त करते हुए सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए इस राशि का चेक आवेदक को प्रदान करने के आदेश जारी किये हैं."

जबलपुर: एक भी अपराध में सजा से दंडित नहीं होने के बावजूद जिला बदर के आदेश को जारी किए जाने को कोर्ट ने मनमाना पूर्ण बताते हुए निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने छिंदवाड़ा कलेक्टर और जबलपुर कमिश्नर के आदेश को विधि संगत नहीं मानते हुए उसे निरस्त कर दिया. एकलपीठ ने सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए यह राशि याचिकाकर्ता के बैंक खाते में जमा कराने के आदेश दिये हैं.

अधिकांश प्रकरण में याचिकाकर्ता दोषमुक्त

छिंदवाड़ा के याचिकाकर्ता भूरा कौरव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कलेक्टर ने 30 अक्टूबर 2024 को याचिकाकर्ता के खिलाफ जिला बदर का आदेश पारित किया था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के खिलाफ 14 आपराधिक प्रकरण और सीआरपीसी की धारा 110 के तहत 3 बार कार्रवाई का उल्लेख किया था. याचिका में कहा गया था कि 5 आपराधिक प्रकरण जुआ एक्ट के तहत दर्ज हुए थे. न्यायालय ने उन प्रकरण में सजा से दंडित नहीं करते हुए सिर्फ 100 रुपये का जुर्माना किया किया था. इसके अधिकांश प्रकरणों में वह दोषमुक्त हो गया था. एक प्रकरण में दोषमुक्त होने के बावजूद भी पुलिस रिकॉर्ड में उसे लंबित बताया गया है.

'कमिश्नर ने भी खारिज कर दी थी अपील'

याचिका में कहा गया था कि जिला बदर का आदेश जारी करने के पहले एक भी गवाह के बयान दर्ज नहीं किए गए थे. कलेक्टर द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए उसने संभागायुक्त जबलपुर के समक्ष अपील दायर की थी. कमिश्नर के द्वारा अपील खारिज किये जाने के कारण यह हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सरकार की तरफ से बताया गया कि आवेदक के खिलाफ हाल में ही एक आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है.

जिला बदर का आदेश निरस्त, 25 हजार का जुर्माना

हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दलीलें सुनने के बाद "छिंदवाड़ा कलेक्टर और जबलपुर कमिश्नर के आदेश को मनमाना और विधि संगत नहीं पाते हुए उसे निरस्त कर दिया. अपने आदेश में कहा है कि मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के दिये प्रावधानों का पालन नहीं करते हुए विधि विरुद्ध आदेश जारी किये हैं." एकलपीठ ने "जिला बदर के आदेश को निरस्त करते हुए सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए इस राशि का चेक आवेदक को प्रदान करने के आदेश जारी किये हैं."

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