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बीमार श्मशान घाट मुक्ति की बजाय खोल रहे मौत के द्वार!

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Published : Apr 27, 2021, 9:26 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 1:15 PM IST

कोरोना महामारी के इस दौर में प्रशासन की लापरवाही लगातार देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में लापरवाही के कारण दमोह के श्मशान घाट मुक्ति नहीं लोगों के लिए मौत के द्वार साबित हो रहे हैं. नगर के शमशान घाटों में कोरोना वायरस फैलाने वाले ग्लव्स, पीपीई किट तथा मास्क फैले पड़े हैं. लेकिन उन्हें नष्ट नहीं किया जा रहा है.

Sick crematorium becomes the gate of death instead of salvation
बीमार श्मशान घाट मुक्ति की जगह बने मौत के द्वार

दमोह। जीवन के बंधनों से मुक्ति देने वाले शमशान घाट इन दिनों मौत के द्वार साबित हो रहे हैं. नगर में प्रमुख रूप से चार श्मशान घाट हैं, लेकिन बदइंतजाम हालातों के कारण लोगों को बीमारियां मिल रही हैं. दरअसल कोरोना महामारी के कारण रोजाना कई लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं. उन्हें पीपीई किट पहनाकर श्मशान घाट ले जाया जाता है. लेकिन इन श्मशान घाटों में कोरोना महामारी फैलाने वाली सामग्रियों पीपीई किट, दूषित ग्लव्स और स्तेमाल किए गए मास्क यहां वहां पड़े रहते है.

बीमार श्मशान घाट मुक्ति की जगह बने मौत के द्वार
  • जहां तहां पड़ा मौत का सामान

नगर के प्रमुख हटा नाका मुक्तिधाम में चारों तरफ पीपीई किट, दूषित ग्लव्स, मास्क और अन्य गंदगी फैली पड़ी है. इसी तरह सीता बावली, हिरदेपुर और जटाशंकर श्मशान घाट में भी गंदगी फैली पड़ी है. इस गंदगी के कारण अंतिम संस्कार में जाने वाले लोग अपने साथ कोरोना जैसी संक्रामक और जानलेवा बीमारी लेकर घरों को लौटते हैं. श्मशान घाट की सफाई का जिम्मा नगर पालिका पर है, लेकिन सफाई नहीं हो रही है. कोरोना वायरस से युक्त संक्रमित सामग्री चारों तरफ बिखरी पड़ी है. लोग उसके संपर्क में आते हैं और बीमार होते हैं.

कोरोना का कहर : कहीं 'पिघल' रहा श्मशान, कहीं 'छलनी' होता कब्रिस्तान

  • जवाबदार बेखबर

प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और नगर पालिका सैनिटाइज और साफ सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन श्मशान घाटों की ओर इनका ध्यान नहीं है. नगर पालिका ने करीब 25 लोगों की एक रेस्क्यू टीम भी बनाई है. इस टीम का काम कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार करना, गंदगी और वायरस फैलाने वालों के खिलाप कार्रवाई करना और साफ सफाई व्यवस्था को पुख्ता करना है. लेकिन श्मशान घाटों की सफाई नहीं हो रही है. दर्जनों की संख्या में पीपीई किट खुले में पड़े हैं. ग्लव्स और मास्क भी बिखरे हुए हैं. जिनके कारण गंभीर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि सफाई व्यवस्था के अभाव में पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क से कोरोना संक्रमण लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. इन संक्रमित सामग्री के निपटान के उचित प्रबंध नगर पालिका को करना चाहिए.

मृत कोरोना मरीजों के शवदाह पर श्मशान घाट पर चला सरकारी बुल्डोजर

  • सारा जिम्मा नगर पालिका पर

वही इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशीकांत शुक्ला का कहना हैं कि सबसे ज्यादा भार नगरपालिका पर ही है. नगर पालिका सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रख रही है. लोगों के अंतिम संस्कार से लेकर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन न करने वाले लोगों पर जुर्माना और कार्यवाई तक नगर पालिका कर रही है. फिर भी श्मशान घाटों में भी इस तरह कोई अव्यवस्था है, तो उसके लिए गठित रेस्क्यू टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी. संक्रमित सामग्री का निपटान भी किया जाएगा, ताकि वायरस की रोकथाम की जा सके.

दमोह। जीवन के बंधनों से मुक्ति देने वाले शमशान घाट इन दिनों मौत के द्वार साबित हो रहे हैं. नगर में प्रमुख रूप से चार श्मशान घाट हैं, लेकिन बदइंतजाम हालातों के कारण लोगों को बीमारियां मिल रही हैं. दरअसल कोरोना महामारी के कारण रोजाना कई लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं. उन्हें पीपीई किट पहनाकर श्मशान घाट ले जाया जाता है. लेकिन इन श्मशान घाटों में कोरोना महामारी फैलाने वाली सामग्रियों पीपीई किट, दूषित ग्लव्स और स्तेमाल किए गए मास्क यहां वहां पड़े रहते है.

बीमार श्मशान घाट मुक्ति की जगह बने मौत के द्वार
  • जहां तहां पड़ा मौत का सामान

नगर के प्रमुख हटा नाका मुक्तिधाम में चारों तरफ पीपीई किट, दूषित ग्लव्स, मास्क और अन्य गंदगी फैली पड़ी है. इसी तरह सीता बावली, हिरदेपुर और जटाशंकर श्मशान घाट में भी गंदगी फैली पड़ी है. इस गंदगी के कारण अंतिम संस्कार में जाने वाले लोग अपने साथ कोरोना जैसी संक्रामक और जानलेवा बीमारी लेकर घरों को लौटते हैं. श्मशान घाट की सफाई का जिम्मा नगर पालिका पर है, लेकिन सफाई नहीं हो रही है. कोरोना वायरस से युक्त संक्रमित सामग्री चारों तरफ बिखरी पड़ी है. लोग उसके संपर्क में आते हैं और बीमार होते हैं.

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  • जवाबदार बेखबर

प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और नगर पालिका सैनिटाइज और साफ सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन श्मशान घाटों की ओर इनका ध्यान नहीं है. नगर पालिका ने करीब 25 लोगों की एक रेस्क्यू टीम भी बनाई है. इस टीम का काम कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार करना, गंदगी और वायरस फैलाने वालों के खिलाप कार्रवाई करना और साफ सफाई व्यवस्था को पुख्ता करना है. लेकिन श्मशान घाटों की सफाई नहीं हो रही है. दर्जनों की संख्या में पीपीई किट खुले में पड़े हैं. ग्लव्स और मास्क भी बिखरे हुए हैं. जिनके कारण गंभीर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि सफाई व्यवस्था के अभाव में पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क से कोरोना संक्रमण लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. इन संक्रमित सामग्री के निपटान के उचित प्रबंध नगर पालिका को करना चाहिए.

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  • सारा जिम्मा नगर पालिका पर

वही इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशीकांत शुक्ला का कहना हैं कि सबसे ज्यादा भार नगरपालिका पर ही है. नगर पालिका सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रख रही है. लोगों के अंतिम संस्कार से लेकर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन न करने वाले लोगों पर जुर्माना और कार्यवाई तक नगर पालिका कर रही है. फिर भी श्मशान घाटों में भी इस तरह कोई अव्यवस्था है, तो उसके लिए गठित रेस्क्यू टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी. संक्रमित सामग्री का निपटान भी किया जाएगा, ताकि वायरस की रोकथाम की जा सके.

Last Updated : Apr 27, 2021, 1:15 PM IST
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