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17 साल के बाद दमोह की धरा पर लौटी आस्था की प्रतिमा, लोगों ने किया भव्य स्वागत - दमोह समाचार

2002 में कुंडलपुर से चोरी हुई रुकमणी माता की प्रतिमा 17 साल के बाद एक बार फिर अपने मूल जिले दमोह में पहुंच पाई है. शहरवासियों ने इस अवसर पर भव्य यात्रा निकालकर मूर्ति का स्वागत किया.

शोभा यात्रा निकालते दमोहवासी
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Published : Aug 22, 2019, 7:17 AM IST

दमोह। हिंदूओं की आस्था का केंद्र कुंडलपुर के रुकमणी माता मठ से चोरी हुई रुकमणी माता की मूर्ति 17 साल बाद वापस लाई गई. इस मौके पर शहवासियों मूर्ति का धूम धाम से स्वागत किया. मूर्ति को दमोह पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया था, जिसके बाद प्रतिमा को एएसआई के माध्यम से विदिशा जिले के ग्यारसपुर संग्रहालय में रखा गया था.


दमोह वासियों में खुशी है कि 17 साल के बाद ये प्रतिमा एक बार फिर अपने मूल जिले में पहुंच पाई है. मूर्ति को वापस लाने में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के प्रयासों की सराहना जिलेभर में हो रही है.

रुकमणी माता की प्रतिमा 17 साल के बाद दमोह लाई गई


जिले के कुंडलपुर स्थित रुकमणी मठ में ये प्रतिमा सैकड़ों साल से स्थापित थी, साल 2002 में ये मूर्ति चोरी हो गई थी. दमोह वासियों का कहना है कि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के प्रयासों से ये प्रतिमा 17 साल के बाद दमोह वापस आई है. फिलहाल ये प्रतिमा एएसआई के संग्रहालय में रखी गई है, जिसे आगामी दिनों में कुंडलपुर में स्थापित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल एक समारोह के तहत पैदल यात्रा करते हुए कुंडलपुर तक ले जायेंगे.

दमोह। हिंदूओं की आस्था का केंद्र कुंडलपुर के रुकमणी माता मठ से चोरी हुई रुकमणी माता की मूर्ति 17 साल बाद वापस लाई गई. इस मौके पर शहवासियों मूर्ति का धूम धाम से स्वागत किया. मूर्ति को दमोह पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया था, जिसके बाद प्रतिमा को एएसआई के माध्यम से विदिशा जिले के ग्यारसपुर संग्रहालय में रखा गया था.


दमोह वासियों में खुशी है कि 17 साल के बाद ये प्रतिमा एक बार फिर अपने मूल जिले में पहुंच पाई है. मूर्ति को वापस लाने में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के प्रयासों की सराहना जिलेभर में हो रही है.

रुकमणी माता की प्रतिमा 17 साल के बाद दमोह लाई गई


जिले के कुंडलपुर स्थित रुकमणी मठ में ये प्रतिमा सैकड़ों साल से स्थापित थी, साल 2002 में ये मूर्ति चोरी हो गई थी. दमोह वासियों का कहना है कि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के प्रयासों से ये प्रतिमा 17 साल के बाद दमोह वापस आई है. फिलहाल ये प्रतिमा एएसआई के संग्रहालय में रखी गई है, जिसे आगामी दिनों में कुंडलपुर में स्थापित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल एक समारोह के तहत पैदल यात्रा करते हुए कुंडलपुर तक ले जायेंगे.

Intro:कुंडलपुर से चोरी हुई रुकमणी माता की मूर्ति फिर पहुंची दमोह लोगों ने किया भव्य स्वागत

17 साल के बाद दमोह की धरा पर फिर आई आस्था की मूर्ति केंद्रीय मंत्री के प्रयासों से मिली सफलता

दमोह. हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र कुंडलपुर का रुकमणी माता मठ और वहां पर स्थित माता की प्रतिमा 17 साल पहले चोरी हो गई थी. जिसे अथक प्रयासों के बाद दमोह की पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया था. वही प्रतिमा को एएसआई के माध्यम से विदिशा जिले के ग्यारसपुर संग्रहालय में रखा गया था. वहीं 17 साल के बाद यह प्रतिमा एक बार फिर अपने मूल जिले में फिर पहुंच पाई है. जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के प्रयासों की सराहना हो रही है. वहीं प्रतिमा के दमोह पहुंचने पर लोगों ने भव्य स्वागत किया.


Body:दमोह जिले के कुंडलपुर में स्थित रुकमणी मठ में सैकड़ों सालों से रुकमणी माता की प्रतिमा स्थापित थी. जो चोरों द्वारा साल 2002 में चुरा ली गई थी. यह प्रतिमा दमोह पुलिस की सक्रियता और अथक प्रयासों से राजस्थान से बरामद हुई थी. जिसके बाद प्रतिमा को दमोह नहीं लाया जा सका और यह प्रतिमा विदिशा के ग्यारसपुर संग्रहालय में एएसआई के संरक्षण में सुरक्षित रखी गई थी. कई बार इसे चुनावी मुद्दा बनाकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा प्रतिमा को वापस लाने का वचन दिया गया. लेकिन दमोह के सांसद वर्तमान केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के अथक प्रयासों से यह प्रतिमा 17 साल के बाद दमोह पहुंच सकी है. जैसे ही दमोह के लोगों को रुकमणी माता की प्रतिमा के दमोह पहुंचने की सूचना मिली वैसे ही लोगों ने प्रतिमा का भव्य स्वागत किया. साथ ही दर्शन पूजन भी किया. यह प्रतिमा एएसआई के संग्रहालय में रखी गई है. जिसे अब आगामी दिनों में कुंडलपुर में स्थापित किया जाएगा. प्रतिमा के दमोह पहुंचने पर दमोह शहर के लोगों ने खुशी जताते हुए इससे केंद्रीय मंत्री की के प्रयासों का फल बताया.

बाइट - मालती असाटी नगर पालिका अध्यक्ष दमोह

बाइट - रमेश पटले निजी सचिव केंद्रीय मंत्री


Conclusion:रुकमणी मठ में स्थापित यह प्रतिमा सनातन धर्म के लोगों की आस्था का केंद्र है. प्रतिमा के चोरी होने के बाद से लेकर प्रतिमा के बरामद होने एवं विदिशा के संग्रहालय में सुरक्षित रखे जाने के बाद तक से अब तक के चुनाव में यह चुनावी मुद्दा रहा है. वहीं सांसद रहते हुए प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रतिमा को दमोह लाने के लिए अनेक स्तर पर प्रयास किए. लेकिन उनका प्रयास तब सफल हो पाया जब वे स्वयं इसी विभाग के मंत्री बन पाए. संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बनने के बाद सबसे पहले उन्होंने रुकमणी माता की प्रतिमा को दमोह लाने का संकल्प पूरा किया. जिसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब यह प्रतिमा दमोह के संग्रहालय में स्थापित रहेगी. जिसे वे स्वयं एक समारोह के तहत पैदल यात्रा करते हुए कुंडलपुर तक ले जायेंगे.

आशीष कुमार जैन ईटीवी भारत दमोह
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