जबेरा। महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है. जैन धर्म के सभी लोग इसे हर साल बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं. लेकिन इस साल कोरोना के चलते महावीर जयंती का उत्सव व्यापक स्तर पर नहीं हो पाया. कोरोना कर्फ्यू के चलते सभी जैन मंदिरों के पट बंद थे, लिहाजा लोगों ने भगवान महावीर की जयंती अपने-अपने घरों में ही धूमधाम के साथ मनाई.
जबेरा की सकल जैन समाज सहित सभी ने मिलजुल कर भगवान महावीर स्वामी की जयंती मनाई. इस दौरान घरों में बच्चों ने धार्मिक धुनों पर नृत्य करते हुए भगवान महावीर स्वामी का वंदन किया.
जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व
महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है. इसी दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था. भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन बिहार के वैशाली कुंड ग्राम में राजा सिद्धार्थ के घर में हुआ था. तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गए. महावीर स्वामी ने देश और दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाया. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती हर साल धूमधाम से मनाई जाती है.