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जैन समाज ने एसडीएम के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, मंदिर को निजी संपत्ति बताने पर जताई आपत्ति - जैन धर्म

जैन मंदिर को निजी संपत्ति बताने वाले अशोक जैन नाम के व्यक्ति के खिलाफ जैन समाज ने अनुविभागीय अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है.

Jain society submits memorandum
तहसीलदार को ज्ञापन
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Published : Aug 21, 2020, 12:10 AM IST

दमोह। महावीर दिगंबर जैन मंदिर को निजी संपत्ति बताने के विरोध में जैन समाज ने अशोक जैन नाम के व्यक्ति के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है. मामला पथरिया के महावीर दिगंबर जैन मंदिर का है. जैन समाज के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भव्या त्रिपाठी से मांग की है कि पथरिया के महावीर दिगंबर जैन मंदिर को अशोक कुमार जैन द्वारा निजी मंदिर बताया जा रहा है, लेकिन ये सच्चाई नहीं है.मंदिर किसी कि निजी संपत्ति नहीं है.

आलोक कुमार जैन

अशोक कुमार जैन के खिलाफ हुआ जैन समाज

अशोक कुमार जैन पर आरोप लगाया गया कि अगर मंदिर से जुड़ी बातों की वार्तालाप मीटिंग भी वह अपने तक ही सीमित रखते हैं. न ही इस में जैन समाज के लोगों को बुलाते हैं न ही कोई खबर देते हैं एवं अत्यंत गोपनीय तरीके से उन्होंने एक आवेदन प्रस्तुत किया है. जिसमें यह मंदिर उनकी निजी संपत्ति होने का दावा कर रहा है. जिसे तत्काल रुप से निरस्त किया जाए.

Memorandum to tehsildar
तहसीलदार को ज्ञापन

आवेदन में जैन समाज ने इसे लोक न्यास द्वारा गठित नियम के अनुसार इसे जैन समाज का सार्वजनिक मंदिर बताने की बात कही है एवं उसकी संपत्ति महावीर दिगंबर जैन पंचायती मंदिर की संपत्ति बताया है.

दमोह। महावीर दिगंबर जैन मंदिर को निजी संपत्ति बताने के विरोध में जैन समाज ने अशोक जैन नाम के व्यक्ति के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है. मामला पथरिया के महावीर दिगंबर जैन मंदिर का है. जैन समाज के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भव्या त्रिपाठी से मांग की है कि पथरिया के महावीर दिगंबर जैन मंदिर को अशोक कुमार जैन द्वारा निजी मंदिर बताया जा रहा है, लेकिन ये सच्चाई नहीं है.मंदिर किसी कि निजी संपत्ति नहीं है.

आलोक कुमार जैन

अशोक कुमार जैन के खिलाफ हुआ जैन समाज

अशोक कुमार जैन पर आरोप लगाया गया कि अगर मंदिर से जुड़ी बातों की वार्तालाप मीटिंग भी वह अपने तक ही सीमित रखते हैं. न ही इस में जैन समाज के लोगों को बुलाते हैं न ही कोई खबर देते हैं एवं अत्यंत गोपनीय तरीके से उन्होंने एक आवेदन प्रस्तुत किया है. जिसमें यह मंदिर उनकी निजी संपत्ति होने का दावा कर रहा है. जिसे तत्काल रुप से निरस्त किया जाए.

Memorandum to tehsildar
तहसीलदार को ज्ञापन

आवेदन में जैन समाज ने इसे लोक न्यास द्वारा गठित नियम के अनुसार इसे जैन समाज का सार्वजनिक मंदिर बताने की बात कही है एवं उसकी संपत्ति महावीर दिगंबर जैन पंचायती मंदिर की संपत्ति बताया है.

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