दमोह। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के प्रति कितना सजग और मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर कितना संवेदनहीन है, इसका नजारा दमोह जिले के बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. यहां नसबंदी के लिए आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद, जहां स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हुआ, वहीं महिलाओं के परिजन उन्हें अपनी गोद में उठाकर ले जाते हुए नजर आए.
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तस्वीरों में नजर आई अव्यवस्थाएं
प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के चाहे कितने भी दावे करे, इसके बावजूद भी हर बार जो तस्वीरें सामने आती हैं, वह वास्तविकता को बयां करती हैं. कई तस्वीरें तो ऐसी हैं, जो बार-बार सामने आती हैं. उसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा इनको बदलने की कोशिश नहीं कर पा रहा है. बटियागढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को तार-तार करने वाली कुछ ऐसे ही तस्वीरें सामने आई हैं.
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यहां जनसंख्या नियंत्रण के लिहाज से आयोजित होने वाला नसबंदी शिविर किस ढर्रे में चल रहे हैं, इसकी बानगी तस्वीरों में आसानी से देखी जा सकती है. परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रहीं हैं. इनके संचालन की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग पर है, लेकिन जिम्मेदार शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं. शिविर में कोरोना संक्रमण होने के खतरे का भी ध्यान नहीं रखा गया. महिलाओं को ऑपरेशन थिएटर से बाहर आने के लिए स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया गया.
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कोरोना से बचने के नहीं थे उपाय
बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कराया जा गया. और न ही मुंह पर मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया गया. सबसे बड़ी बात ये है कि ऑपरेशन कराने आई महिलाओं के पास कुत्ते और मवेशी अस्पताल में यहां-वहां भटकते नजर आए. जिससे मरीजों को संक्रमण होने का डर बना हुआ है.