दमोह। सरकारें भले कितने ही दावे क्यों ना कर ले लेकिन जमीनी हकीकत में किसानों की सूरत कुछ और ही बयां करती है. दमोह के जबेरा जनपद के किसान इन दिनों एक ऐसी परेशानी से जूझ रहे हैं जिसके लाभ के वादे लगभग सभी सरकार करती है. जबेरा जनपद के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ से अभी तक वंचित है. जबकि किसानों के केसीसी खातों से फसल बीमा की राशि बराबर काटी जा रही है.
जनपद जबेरा में किसानों की दलहन और तिलहन की फसल अतिवृष्टि के चलते भारी नुकसान पहुंचा है तो वही बीमा कंपनी के द्वारा किसानों को फसल बीमा का अभी तक नहीं दिया गया है. किसान नेता बसंत राय का कहना है कि सरकार के द्वारा दावा किया जा रहा कि किसानों की आमदनी दुगनी हो जाएगी. किसानों के कल्याण के नाम पर सरकार तरह-तरह के वादे और दावे करती रही है. किसान के मुताबिक जबेरा के सभी किसानों के द्वारा 2019-20 खरीफ फसल के 597 किसानों की फसल बीमा राशि रुपये पांच लाख उनतालिश हजार के लगभग काटी गई है. लेकिन अभी तक किसानों को कोई फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है.
जबेरा के किसान स्टेट बैंक व अन्य सहकारी संस्था से ऋण लेते हैं और हर फसल में फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी भरते हैं, लेकिन उन किसानों फसल बीमा आज तक नहीं मिला है. जबकि प्रति हेक्टेयर उड़द मूंग पर 16,500 फसल बीमा का लाभ दिया जाता है. यह बीमा कंपनी की नियमावली फसल क्षति होने पर लाभ राशि है हैरानी की बात तो यह फसल क्षति का सर्वे भी किया जाता है और फसल बीमा की राशि से वंचित किसानों के द्वारा फसल बीमा राशि नहीं मिलने पर कलेक्टर को कई बार ज्ञापन दे चुके है. लेकिन अभी तक किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिला है.