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दमोह में तौकते तूफान का असर, किसानों की गेहूं हुई बर्बाद

दमोह जिले में अचानक आई बारिश के कारण खरीदी केंद्रों में रखा गेहूं भीग गया. जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

Farmers lost wheat in rain
बारिश में किसानों की गेहूं हुई बर्बाद
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Published : May 19, 2021, 4:15 PM IST

दमोह। तौकते तूफान का असर मध्यप्रदेश में भी दिखाा है. मंगलवार को दिनभर हुई बारिश के कारण किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. पथरिया में बनाए गए खरीदी केंद्रों में रखा अनाज भी पानी में पूरी तरह भीग गया.

किसानों की गेहूं पानी में भीगी
गेहूं उपार्जन के दौरान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से इस तरह के भारी नुकसान से किसानों को जूझना पड़ रहा है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बदलते मौसम और चक्रवाती तूफान तौकते की जानकारी मौसम विभाग द्वारा जिले में लगातार दी जा रही थी, इसके बाद भी मंडी प्रशासन और खरीदी केंद्रों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसका नतीजा यह रहा कि किसानों की गेहूं पानी में भीगकर बर्बाद हो गई.

गेहूं में रेत मिलाने का मामला, कृषि मंत्री ने कहा- दोषियों पर रासुका लगाई जाएगी

कलेक्टर के निर्देश की होती है अवहेलना
जिला प्रशासन खरीदी केंद्र में सभी व्यवस्थाओं के लिए एक उचित राशि देता है, जिससे फसल को सुरक्षित रखा जा सके. हर साल पानी की वजह से हजारों क्विंटल फसल बर्बाद हो जाती है. दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के द्वारा स्पष्ट रूप से दिशा नर्देश दिए गए थे कि जिन स्थानों पर इंतजाम नहीं हैं वहां एक दिन के लिए खरीदी न की जाए, लेकिन समिति प्रबंधकों के द्वारा लगातार बारिश के बीच खरीदी की गई.जिससे फसल खुले में रखी होने के कारण भीगकर खराब हो गई.इस लापरवाही से किसानों के साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है.

दमोह। तौकते तूफान का असर मध्यप्रदेश में भी दिखाा है. मंगलवार को दिनभर हुई बारिश के कारण किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. पथरिया में बनाए गए खरीदी केंद्रों में रखा अनाज भी पानी में पूरी तरह भीग गया.

किसानों की गेहूं पानी में भीगी
गेहूं उपार्जन के दौरान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से इस तरह के भारी नुकसान से किसानों को जूझना पड़ रहा है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बदलते मौसम और चक्रवाती तूफान तौकते की जानकारी मौसम विभाग द्वारा जिले में लगातार दी जा रही थी, इसके बाद भी मंडी प्रशासन और खरीदी केंद्रों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसका नतीजा यह रहा कि किसानों की गेहूं पानी में भीगकर बर्बाद हो गई.

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जिला प्रशासन खरीदी केंद्र में सभी व्यवस्थाओं के लिए एक उचित राशि देता है, जिससे फसल को सुरक्षित रखा जा सके. हर साल पानी की वजह से हजारों क्विंटल फसल बर्बाद हो जाती है. दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के द्वारा स्पष्ट रूप से दिशा नर्देश दिए गए थे कि जिन स्थानों पर इंतजाम नहीं हैं वहां एक दिन के लिए खरीदी न की जाए, लेकिन समिति प्रबंधकों के द्वारा लगातार बारिश के बीच खरीदी की गई.जिससे फसल खुले में रखी होने के कारण भीगकर खराब हो गई.इस लापरवाही से किसानों के साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है.

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