दमोह। कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के कारण दुनिया एक जगह थम गई है, वैज्ञानिकों के तथ्य, विचार, कार्य करने की क्षमता, एवं लोगों के विश्वास आए दिन मात खा रहे हैं.
दुनिया में मरीजों के रक्षक कहे जाने वाले डॉक्टर एवं उनकी टीम कोरोना वायरस से लड़ने की दवाइयां बनाने के प्रयास व उस वायरस से मर रहे लोगों को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए है. ऐसी विकट परिस्थिति में जहां कई डॉक्टर अपनी जान तक इस कोरोना महामारी के चलते गंवा चुके हैं.
वहीं पथरिया स्वास्थ्य केंद्र के एक लापरवाह डॉक्टर शशिकांत पटेल द्वारा इस वैश्विक महामारी में भी किसी से बिना अनुमति लिए महीने भर से गायब है. एक ओर जहां पथरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीबीएमओ डॉ ई मिंज पिछले 6 माह से कोरोनावायरस से लड़ रहे लोगों के इलाज व नगर में फैल रही बीमारी को रोकने के लिए लड़ रहे हैं व स्वयं कोरोनावायरस के शिकार होते हुए भी उन्होंने अपने कार्य को जिम्मेदारी के साथ निभाया.
तो वहीं अधीनस्थ डॉ शशिकांत पटेल एक महीने से स्वास्थ्य केंद्र से नदारद हैं, और उनकी इस लापरवाही का खामियाजा संपूर्ण स्वास्थ्य विभाग पथरिया को व दूरदराज से आ रहे ग्रामीण लोगों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि पथरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल तीन डॉक्टर ही पदस्थ हैं, जिनमें डॉ ई मिंज सीबीएमओ पिछले 14 दिनों से कोरोनावायरस से पीड़ित हैं, जिस कारण से उन्हें होम कोरेन्टीन किया गया है.
डॉ रोहित गर्ग मेडिकल ऑफिसर को सीबीएमओ का प्रभार दिया गया है. ऐसी परिस्थिति में डॉ शशिकांत पटेल का स्वास्थ्य केंद्र में ना होना बड़ी लापरवाही व उनके कार्य के प्रति गैरजिम्मेदाराना व्यवहार प्रकट करता है जो कि एक बड़ी लापरवाही साबित हो सकती है.
प्रभारी सीबीएमओ डॉ रोहित गर्ग से इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया ‘ना तो मैं सीबीएमओ के प्रभार में हूं और ना ही मुझे इस तरह की कोई जानकारी है, जिससे साफ नजर आता है कि निचले स्तर के डॉक्टर की मिलीभगत से अधिकारी वर्ग अपनी मनमर्जी से अस्पताल के नियमों को ताक में रखकर इस वैश्विक बीमारी का मजाक बना रहे हैं, और लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं. इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी दमोह डॉ एस त्रिवेदी का कहना है कि आपने जानकारी दी है मैं जांच करवाती हूं.'