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बुंदेलखंड का कश्मीर बना खजुराहो, कोहरे की आगोश में डूबी नगरी, यहां क्यों पड़ती है भीषण सर्दी और गर्मी - CHHATARPUR COLD WAVE

छतरपुर के खजुराहो और नौगांव में कड़ाके की सर्दी. कोहरे की आगोश में डूब गए मंदिर. जानें यहां क्यों ज्यादा पड़ती है सर्दी और गर्मी.

CHHATARPUR COLD WAVE
खजुराहो में क्यों पड़ती है इतनी ठंड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 7, 2025, 4:04 PM IST

छतरपुर: बुंदेलखंड का खजुराहो इस समय कड़ाके की ठंड की चपेट में है. घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है. खजुराहो के ऐतिहासिक चंदेल कालीन मंदिरों को कोहरे ने अपनी आगोश में लपेट लिया है. इससे यहां एक अलग नजारा दिखाई दे रहा है. पहाड़ी प्रदेशों में बर्फबारी होने के कारण तापमान में इतनी गिरावट आई है. मौसम विभाग की मानें तो ठंड का सितम अभी थमने वाला नहीं है.

पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ा ठंड का सितम

छतरपुर में पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड का दौर जारी है. मंगलवार को जिले में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तथा अधिकतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं, जिले के नौगांव में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री और खजुराहो में 8.2 डिग्री दर्ज किया गया. इसके साथ ही 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सर्द हवाएं भी चल रही हैं, जिससे गलन भी बढ़ गई है.

कोहरे की आगोश में डूबे खजुराहो के मंदिर (ETV Bharat)

मौसम केंद्र खजुराहो के प्रभारी अधिकारी आरएस परिहार के अनुसार "वर्तमान में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी हो रही है. वहां से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण जिले व प्रदेश के तापमान में गिरावट हुई है. हवा की रफ्तार अभी और तेज होगी. जिससे प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ेगा. जनवरी में 20 से 22 दिन तक शीतलहर और कोल्ड डे का असर देखने को मिल सकता है."

ग्रेनाइट की चट्टानों के कारण यहां ठंड और गर्मी अधिक

छतरपुर जिले के खजुराहो और नौगांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलता है. दरअसल, आसपास ग्रेनाइट के पहाड़ स्थित होने के कारण यहां गर्मी और सर्दी का असर ज्यादा होता है. नौगांव नगर कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है, जिससे सूर्य की किरणें कम प्रभाव से पहुंचती है. इस वजह से यहां ठंड ज्यादा होती है. साथ ही हिमाचल से आने वाली उत्तर पूर्वी हवाएं पहले पहुंचती हैं, इसलिए भी ठंड अधिक होती है.

पचमढ़ी से भी नीचे चला जाता है तापमान

नौगांव के नीचे चट्टानी मिट्टी की पथरीली परत है, जो जमीन की ऊर्जा विचरण क्षमता को प्रभावित करती है. इस वजह से ठंड में ज्यादा ठंड व गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ती है. ठीक ऐसे ही स्थिति खजुराहो की भी है. वैसे तो होशंगाबाद स्थित पचमढ़ी को प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान माना जाता है, लेकिन नौगांव का तापमान पचमढ़ी से नीचे चला जाता है. सर्दियों में जहां खजुराहो का तापमान 3 डिग्री तक वहीं नौगांव का तापमान 1.5 डिग्री तक जाता है. गर्मी के मौसम में भी नौगांव और खजुराहो का तापमान आसपास के स्थानों से 1 से डेढ़ डिग्री ज्यादा ही रहता है.

छतरपुर: बुंदेलखंड का खजुराहो इस समय कड़ाके की ठंड की चपेट में है. घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है. खजुराहो के ऐतिहासिक चंदेल कालीन मंदिरों को कोहरे ने अपनी आगोश में लपेट लिया है. इससे यहां एक अलग नजारा दिखाई दे रहा है. पहाड़ी प्रदेशों में बर्फबारी होने के कारण तापमान में इतनी गिरावट आई है. मौसम विभाग की मानें तो ठंड का सितम अभी थमने वाला नहीं है.

पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ा ठंड का सितम

छतरपुर में पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड का दौर जारी है. मंगलवार को जिले में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तथा अधिकतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं, जिले के नौगांव में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री और खजुराहो में 8.2 डिग्री दर्ज किया गया. इसके साथ ही 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सर्द हवाएं भी चल रही हैं, जिससे गलन भी बढ़ गई है.

कोहरे की आगोश में डूबे खजुराहो के मंदिर (ETV Bharat)

मौसम केंद्र खजुराहो के प्रभारी अधिकारी आरएस परिहार के अनुसार "वर्तमान में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी हो रही है. वहां से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण जिले व प्रदेश के तापमान में गिरावट हुई है. हवा की रफ्तार अभी और तेज होगी. जिससे प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ेगा. जनवरी में 20 से 22 दिन तक शीतलहर और कोल्ड डे का असर देखने को मिल सकता है."

ग्रेनाइट की चट्टानों के कारण यहां ठंड और गर्मी अधिक

छतरपुर जिले के खजुराहो और नौगांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलता है. दरअसल, आसपास ग्रेनाइट के पहाड़ स्थित होने के कारण यहां गर्मी और सर्दी का असर ज्यादा होता है. नौगांव नगर कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है, जिससे सूर्य की किरणें कम प्रभाव से पहुंचती है. इस वजह से यहां ठंड ज्यादा होती है. साथ ही हिमाचल से आने वाली उत्तर पूर्वी हवाएं पहले पहुंचती हैं, इसलिए भी ठंड अधिक होती है.

पचमढ़ी से भी नीचे चला जाता है तापमान

नौगांव के नीचे चट्टानी मिट्टी की पथरीली परत है, जो जमीन की ऊर्जा विचरण क्षमता को प्रभावित करती है. इस वजह से ठंड में ज्यादा ठंड व गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ती है. ठीक ऐसे ही स्थिति खजुराहो की भी है. वैसे तो होशंगाबाद स्थित पचमढ़ी को प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान माना जाता है, लेकिन नौगांव का तापमान पचमढ़ी से नीचे चला जाता है. सर्दियों में जहां खजुराहो का तापमान 3 डिग्री तक वहीं नौगांव का तापमान 1.5 डिग्री तक जाता है. गर्मी के मौसम में भी नौगांव और खजुराहो का तापमान आसपास के स्थानों से 1 से डेढ़ डिग्री ज्यादा ही रहता है.

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