दमोह। देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले में आरोपित बसपा विधायक पति गोविंद सिंह की कोर्ट से मिली दो दिन कि पुलिस रिमांड खत्म होते ही मंगलवार को फिर हटा एसडीओपी भावना दांगी के नेतृत्व में हटा थाना पुलिस की सुरक्षा में गोविंद सिंह परिहार को कोर्ट में प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. मामले में तीन घंटे सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट शैलेंद्र उइके ने गोविंद सिंह परिहार का जेल वारंट जारी कर हटा उप जेल भेज दिया है. जहां उसे बंद रखा जाएगा. इसके बाद नियत तारीख तय कर 8 अप्रैल को गोविंद सिंह परिहार को एडीजे कोर्ट में पेश करने के निर्देश भी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिए हैं.
जहां आरोपित विधायक पति को एडीजे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
मंगलवार को दोपहर 3:30 पर हटा एसडीओपी भावना दांगी के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपी गोविंद सिंह परिहार को थाने से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सिविल अस्पताल हटा ले जाया गया. जहां डॉक्टरों द्वारा उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसके बाद आरोपी को 3 बजकर 30 मिनिट पर हटा कोर्ट में अवकाशकालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट शेलेंद्र उइके के सामने पेश किया गया. जहां कोर्ट में पुलिस ने आरोपी से पूछताछ करने के लिए आगे कोई रिमांड नही मांगा. जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट ने करीब तीन घंटे सुनवाई करते हुए गोविंद सिंह परिहार का जेल वारंट जारी कर कोर्ट से सीधा हटा उप जेल भेजा दिया है. गोविंद सिंह को एडीजे कोर्ट के सामने 8 अप्रैल को पेश करने के निर्देश भी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिए हैं.
देवेंद्र हत्याकांड: सरेंडर के बाद दो दिन की रिमांड पर विधायक पति
बहुचर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले में 8 जनवरी से फरार चल रहे आरोपी गोविंद सिंह को गिरफ्तार करने में पूरे प्रदेश की एसटीएफ और पुलिस की नींद हराम थी. लाख कोशिशों के बाबजूद भी आरोपी को एसटीएफ और पुलिस की टीम गिरफ्तार नहीं कर सकी. जिससे नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश पुलिस के प्रदेश कप्तान को कड़ी फटकार लगाकर 5 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बाबजूद भी प्रदेश की पुलिस आरोपी को तलाशने में नाकाम रही. इसी बीच गोविंद सिंह ने वीडियो वायरल कर खुद को आत्मसमर्पण करने की बात कही. जिससे पुलिस और एसटीएफ महकमे में हड़कंप के हालात निर्मित हो गए. इस दौरान वीडियो वायरल होने के कुछ समय बाद ही एसटीएफ पुलिस ने भिंड में ग्वालियर और जबलपुर की संयुक्त टीमों ने गिरफ्तार कर लावलश्कर के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में हटा व्यवहार न्यायालय में पेश किया था. जिससे एसटीएफ ने न्यायालय के सामने हटा पुलिस को आरोपी सौंप दिया था. जिससे हटा पुलिस ने मामले में कोर्ट में आरोपी से पूछताछ के लिए 5 दिन की पुलिस रिमांड मांगा थी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा लगातार तीन घंटे सुनवाई करते हुए महज दो दिन का रिमांड ही पुलिस को दिया था.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दो दिन हटा पुलिस ने की पूछताछ
व्यवहार न्यायालय से मिली दो दिन की पुलिस रिमांड पर बसपा विधायक पति गोविंद सिंह को हटा पुलिस थाने में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया था. जिस दौरान हटा के पुलिस अधिकारियों और जिले व सागर संभाग के आला अधिकारियों द्वारा हत्याकांड मामले में सघंन पूछताछ की गई लेकिन आरोपी द्वारा पुलिस को क्या जानकारी दी. इसका खुलासा पुलिस ने मीडिया के सामने नहीं किया. मामले में सभी पुलिस अधिकारीयों ने मीडिया से दूरी बनाई रखी. वहीं बताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस पूछताछ में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू में फरारी काटना बताया गया है. जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि आरोपी ने कई राज्यों में शरण ली थी. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरोपी को राजनैतिक सरक्षंण मिलता रहा है. पुलिस पूछताछ में हत्याकांड से जुड़े कई अहम राज सामने आने कि संभावना भी जताई जा रही है, लेकिन पुलिस चुप्पी साधे हुए है.
दो दिन तक पीड़ितों की पुलिस थाने के बाहर लिखी गई रिपोर्ट,फरियादी होते रहे परेशान
हत्यकांड के मुख्य आरोपी गोविंद सिंह को पूछताछ के लिए पुलिस थाना हटा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया था, जिस दौरान डीआईजी रेंक के अधिकारियों से लेकर एडिशनल एसपी, सीएसपी, एसडीओपी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आरोपी से पूछताछ करते रहे तो वहीं थाने क्षेत्र के अलग अलग घटनाओं में फरियाद लेकर पुलिस थाने पहुंचे. लेकिन थाने के अंदर किसी को भी एंट्री नहीं दी गई. लाख कोशिशों और फरियादी कि कई मिन्नतें करने के बाद ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा बाहर से ही पीड़ितों की शिकायत व रिपोर्ट दर्ज की गई. जिससे फरियादी पुलिस थाना परिसर में पुलिस को कोसते हुए नजर आए. यहां तक कि दो दिनों के अंतराल में मीडिया कर्मियों को भी पुलिस थाना परिसर में जाने से वर्जित किया गया.