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दमोह में कर्ज ने ली युवक की जान, ऑटो रिक्शा की किस्त जमा न कर पान पर लगाई फांसी

दमोह में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने एक युवक की जान ले ली. आर्थिक तंगी से परेशान युवक ने ऑटो रिक्शा की किस्त जमा न कर पाने के कारण आत्महत्या कर ली.

युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
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Published : May 25, 2021, 9:00 PM IST

दमोह।कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने लॉकडाउन तो लगा दिया लेकिन यह लॉकडाउन लोगों को कितना भारी पड़ रहा है इसका एहसास शायद सरकार को नहीं है. इसी लॉकडाउन की वजह से दमोह के असाटी वार्ड में रहने वाले 26 साल के एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम सौरभ चौरसिया है. उसने बीती रात घर के अंदर साड़ी का फंदा बनाया और उस पर झूल गया. घटना के बाद घर में मातम पसरा है. बूढ़ी मां बिलख बिलख कर छाती पीट रही है और कोस रही है कि इस लॉकडाउन ने उसके बेटे की बलि ले ली. बता दें कि मृतक के पिता गणेश चौरसिया पान की दुकान चलाते थे, जो करीब 20 साल पहले ही गुजर गए. उनकी मौत के बाद मां ने किसी तरह खुद को संभाला और अपने बच्चों का पालन पोषण किया लेकिन आज फिर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है

कर्ज ने ली युवक की जान


क्या है पूरा मामला
मृतक के भाई शरद चौरसिया ने बताया कि उसके भाई ने फांसी लगा ली. 2 महीने पहले ही उसने जबलपुर की एक निजी फाइनेंस कंपनी से इलेक्ट्रिक ऑटो फाइनेंस कराया था. उम्मीद थी कि इस बार स्कूल खुल जाएंगे लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी स्कूल और बाजार बंद हैं. काम धंधा बिल्कुल भी नहीं चल रहा है. शरद ने बताया कि ऑटो की किश्त न भर पाने के कारण वह परेशान और तनाव में था. एक दो बार उसने, मुझसे और मां से भी किश्त चुकाने के लिए रुपए लिए थे. आपको ये भी बता दें कि परिवार में दो ऑटो रिक्शा हैं और दोनों ही फाइनेंस हैं. एक ऑटो रिक्शा की किश्त वह पिछले 2 साल से भर रहे हैं और दूसरे की किस्त भी अभी चालू है. हर महीने दोनों ऑटो रिक्शा की 10 हज़ार रुपए किश्त चुकाना पड़ती है. दोनों ऑटो रिक्शा के लिए डेढ़ डेढ़ लाख रुपए फाइनेंस कराया था.लेकिन काम धंधा पिछले साल से चल नहीं रहा है और किश्त हर माह चुकाना पड़ती है.

दमोह।कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने लॉकडाउन तो लगा दिया लेकिन यह लॉकडाउन लोगों को कितना भारी पड़ रहा है इसका एहसास शायद सरकार को नहीं है. इसी लॉकडाउन की वजह से दमोह के असाटी वार्ड में रहने वाले 26 साल के एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम सौरभ चौरसिया है. उसने बीती रात घर के अंदर साड़ी का फंदा बनाया और उस पर झूल गया. घटना के बाद घर में मातम पसरा है. बूढ़ी मां बिलख बिलख कर छाती पीट रही है और कोस रही है कि इस लॉकडाउन ने उसके बेटे की बलि ले ली. बता दें कि मृतक के पिता गणेश चौरसिया पान की दुकान चलाते थे, जो करीब 20 साल पहले ही गुजर गए. उनकी मौत के बाद मां ने किसी तरह खुद को संभाला और अपने बच्चों का पालन पोषण किया लेकिन आज फिर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है

कर्ज ने ली युवक की जान


क्या है पूरा मामला
मृतक के भाई शरद चौरसिया ने बताया कि उसके भाई ने फांसी लगा ली. 2 महीने पहले ही उसने जबलपुर की एक निजी फाइनेंस कंपनी से इलेक्ट्रिक ऑटो फाइनेंस कराया था. उम्मीद थी कि इस बार स्कूल खुल जाएंगे लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी स्कूल और बाजार बंद हैं. काम धंधा बिल्कुल भी नहीं चल रहा है. शरद ने बताया कि ऑटो की किश्त न भर पाने के कारण वह परेशान और तनाव में था. एक दो बार उसने, मुझसे और मां से भी किश्त चुकाने के लिए रुपए लिए थे. आपको ये भी बता दें कि परिवार में दो ऑटो रिक्शा हैं और दोनों ही फाइनेंस हैं. एक ऑटो रिक्शा की किश्त वह पिछले 2 साल से भर रहे हैं और दूसरे की किस्त भी अभी चालू है. हर महीने दोनों ऑटो रिक्शा की 10 हज़ार रुपए किश्त चुकाना पड़ती है. दोनों ऑटो रिक्शा के लिए डेढ़ डेढ़ लाख रुपए फाइनेंस कराया था.लेकिन काम धंधा पिछले साल से चल नहीं रहा है और किश्त हर माह चुकाना पड़ती है.

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