दमोह। शिक्षा के बिना किसी देश-समाज के बेहतर होने की कल्पना भी मुमकिन नहीं है, पर समय के साथ बदलाव भी जरूरी होता है. एक शिक्षक की ऐसी ही सोच ने कामयाबी की जो इबारत लिखी है, उसकी चर्चा सात समंदर पार भी हो रही है. जो अपने नवाचार के जरिए चुटकियों में बच्चों को अक्षर ज्ञान करा देता है. शिक्षा विभाग में नवाचार के माध्यम से नई तकनीक इजाद करने वाले दमोह के शिक्षक संजय पाठक जल्द ही अमेरिका में अपने हुनर का जलवा दिखाएंगे. अब आपको सुनवाते हैं कि किस तरह वह बच्चों को झट से ज्ञानी बना देते हैं.
शिक्षक संजय पाठक पिछले 20 सालों से बच्चों को अपनी तकनीक से अक्षर ज्ञान सिखाते रहे हैं, साथ ही खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा की पद्धति में पारंगत भी कर रहे हैं. कई राज्य सरकारों ने शिक्षा विभाग के माध्यम से संजय पाठक के नवाचार को लागू करने की शुरुआत की है. पर अब संजय पाठक के ज्ञान की रोशनी देश की सीमाओं को पार कर गयी है और अब उन्हें अमेरिका ने नवाचार पर प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया है. जहां अब वे अपने नवाचार का डंका बजायेंगे.
संजय पाठक मानते हैं कि चम्मच-कटोरी एवं थाली के माध्यम से बच्चों को गिनती सिखाई जा सकती है. एक अक्षर का ज्ञान देकर उनको स्वर-व्यंजन भी सिखाया जा सकता है. शिक्षा में यदि मनोरंजन को जोड़ दिया जाए तो बच्चे खेल-खेल में शिक्षा तेजी से ग्रहण कर लेते हैं. यही उनका नवाचार है, जिस पर वे लगातार काम कर रहे हैं.
नवाचार के जरिए बच्चों को तालीम देने वाले संजय पाठक अब जिला मुख्यालय पर शिक्षकों को नवाचार का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि शिक्षा के नए आयाम गढ़े जा सकें, उनका मानना है कि शिक्षक नवाचार करते हुए बच्चों को पढ़ाएंगे तो शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश जल्द ही नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. संजय पाठक की इसी विशेषता ने उन्हें देश ही दुनिया का मुरीद बना दिया है. अब वह सात समंदर पार भी अपने हुनर का डंका बजाएंगे.