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गुरूजी के नवाचार की दुनिया है कायल, अब अमेरिका को बताएंगे आसान अक्षर ज्ञान का तरीका

किसी काम को जो आसान बना दे, वही तकनीक है, इसी तकनीक ने दुनिया की रफ्तार को नई गति दी है. दमोह के संजय पाठक अपने नवाचार से चुटकियों में बच्चों को अक्षर व गिनती ज्ञान करा देते हैं, जिनके हुनर की चर्चा देश ही नहीं सात समंदर पार भी हो रही है. जिन्हें कई राज्य सरकारों ने सम्मानित भी किया है और अब वह शिक्षकों को इस नवाचार के गुर सिखा रहे हैं.

गुरूजी का नवाचार
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Published : Jul 30, 2019, 8:02 PM IST

दमोह। शिक्षा के बिना किसी देश-समाज के बेहतर होने की कल्पना भी मुमकिन नहीं है, पर समय के साथ बदलाव भी जरूरी होता है. एक शिक्षक की ऐसी ही सोच ने कामयाबी की जो इबारत लिखी है, उसकी चर्चा सात समंदर पार भी हो रही है. जो अपने नवाचार के जरिए चुटकियों में बच्चों को अक्षर ज्ञान करा देता है. शिक्षा विभाग में नवाचार के माध्यम से नई तकनीक इजाद करने वाले दमोह के शिक्षक संजय पाठक जल्द ही अमेरिका में अपने हुनर का जलवा दिखाएंगे. अब आपको सुनवाते हैं कि किस तरह वह बच्चों को झट से ज्ञानी बना देते हैं.

शिक्षा में नवाचार

शिक्षक संजय पाठक पिछले 20 सालों से बच्चों को अपनी तकनीक से अक्षर ज्ञान सिखाते रहे हैं, साथ ही खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा की पद्धति में पारंगत भी कर रहे हैं. कई राज्य सरकारों ने शिक्षा विभाग के माध्यम से संजय पाठक के नवाचार को लागू करने की शुरुआत की है. पर अब संजय पाठक के ज्ञान की रोशनी देश की सीमाओं को पार कर गयी है और अब उन्हें अमेरिका ने नवाचार पर प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया है. जहां अब वे अपने नवाचार का डंका बजायेंगे.

संजय पाठक मानते हैं कि चम्मच-कटोरी एवं थाली के माध्यम से बच्चों को गिनती सिखाई जा सकती है. एक अक्षर का ज्ञान देकर उनको स्वर-व्यंजन भी सिखाया जा सकता है. शिक्षा में यदि मनोरंजन को जोड़ दिया जाए तो बच्चे खेल-खेल में शिक्षा तेजी से ग्रहण कर लेते हैं. यही उनका नवाचार है, जिस पर वे लगातार काम कर रहे हैं.

नवाचार के जरिए बच्चों को तालीम देने वाले संजय पाठक अब जिला मुख्यालय पर शिक्षकों को नवाचार का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि शिक्षा के नए आयाम गढ़े जा सकें, उनका मानना है कि शिक्षक नवाचार करते हुए बच्चों को पढ़ाएंगे तो शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश जल्द ही नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. संजय पाठक की इसी विशेषता ने उन्हें देश ही दुनिया का मुरीद बना दिया है. अब वह सात समंदर पार भी अपने हुनर का डंका बजाएंगे.

दमोह। शिक्षा के बिना किसी देश-समाज के बेहतर होने की कल्पना भी मुमकिन नहीं है, पर समय के साथ बदलाव भी जरूरी होता है. एक शिक्षक की ऐसी ही सोच ने कामयाबी की जो इबारत लिखी है, उसकी चर्चा सात समंदर पार भी हो रही है. जो अपने नवाचार के जरिए चुटकियों में बच्चों को अक्षर ज्ञान करा देता है. शिक्षा विभाग में नवाचार के माध्यम से नई तकनीक इजाद करने वाले दमोह के शिक्षक संजय पाठक जल्द ही अमेरिका में अपने हुनर का जलवा दिखाएंगे. अब आपको सुनवाते हैं कि किस तरह वह बच्चों को झट से ज्ञानी बना देते हैं.

शिक्षा में नवाचार

शिक्षक संजय पाठक पिछले 20 सालों से बच्चों को अपनी तकनीक से अक्षर ज्ञान सिखाते रहे हैं, साथ ही खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा की पद्धति में पारंगत भी कर रहे हैं. कई राज्य सरकारों ने शिक्षा विभाग के माध्यम से संजय पाठक के नवाचार को लागू करने की शुरुआत की है. पर अब संजय पाठक के ज्ञान की रोशनी देश की सीमाओं को पार कर गयी है और अब उन्हें अमेरिका ने नवाचार पर प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया है. जहां अब वे अपने नवाचार का डंका बजायेंगे.

संजय पाठक मानते हैं कि चम्मच-कटोरी एवं थाली के माध्यम से बच्चों को गिनती सिखाई जा सकती है. एक अक्षर का ज्ञान देकर उनको स्वर-व्यंजन भी सिखाया जा सकता है. शिक्षा में यदि मनोरंजन को जोड़ दिया जाए तो बच्चे खेल-खेल में शिक्षा तेजी से ग्रहण कर लेते हैं. यही उनका नवाचार है, जिस पर वे लगातार काम कर रहे हैं.

नवाचार के जरिए बच्चों को तालीम देने वाले संजय पाठक अब जिला मुख्यालय पर शिक्षकों को नवाचार का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि शिक्षा के नए आयाम गढ़े जा सकें, उनका मानना है कि शिक्षक नवाचार करते हुए बच्चों को पढ़ाएंगे तो शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश जल्द ही नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. संजय पाठक की इसी विशेषता ने उन्हें देश ही दुनिया का मुरीद बना दिया है. अब वह सात समंदर पार भी अपने हुनर का डंका बजाएंगे.

Intro:शिक्षा में नवाचार करने वाली शिक्षक को मिला है अमेरिका में प्रदर्शन करने का ऑफर

अनेक प्रदेशों में बच्चों को अपनी बनाई थीम से कम समय में सिखा चुके हैं अक्षर ज्ञान

अब अमेरिका जाकर अपने नवाचार का प्रदर्शन करेंगे दमोह के यह शिक्षक

दमोह. शिक्षा विभाग में नवाचार के माध्यम से नई तकनीक इजाद करने वाले दमोह के शिक्षक अब आगामी दिनों में देश की सीमाओं को पार कर विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही शिक्षा में बनाए अपने नवाचार से विदेश की धरती पर भारत का डंका बजाएंगे. मध्य प्रदेश की सीमाओं से निकल कर अन्य प्रदेशों में पहले ही नवाचार की नई तकनीकों को यह शिक्षक प्रदर्शित कर चुके हैं. वहीं अब इनको अमेरिका से ऑफर मिला है. आगामी महीनों में यह देश की सीमाओं को पार करके नवाचार की तकनीकों से विदेशी लोगों को अवगत कराएंगे.


Body:दमोह के रहने वाले शिक्षक संजय पाठक 20 साल से बच्चों को अपनी नई तकनीक के माध्यम से अक्षर ज्ञान सिखाते रहे हैं. इसके साथ ही खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा की पद्धति से अवगत करा कर उनको प्रवीण करने का काम कर रहे हैं. बीते वर्षों के साथ अनेक वर्षों से अनेक प्रदेश की सरकारों ने शिक्षा विभाग के माध्यम से उनके नवाचार को लागू करने की शुरुआत की है. तो वहीं अब संजय पाठक देश की सीमाओं से निकलकर विदेश की धरती पर अपने नवाचार का डंका बजाएंगे. संजय पाठक अब बच्चों के साथ बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर नवाचार की तकनीक सिखाते हैं. जिससे अब जिले के शिक्षक इसी तकनीक का प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा में पारंगत कर रहे हैं. संजय पाठक मानते हैं कि चम्मच कटोरी एवं थाली के माध्यम से बच्चों को गिनती सिखाई जा सकती है. वहीं एक अक्षर का ज्ञान देकर उनको स्वर व्यंजन भी सिखा जा सकता है. शिक्षा में यदि मनोरंजन भी जोड़ दिया जाए तो बच्चे खेल खेल में शिक्षा को जल्दी ग्रहण कर लेते हैं. यही उनका नवाचार है जिसको लेकर वे लगातार काम कर रहे हैं.

बाइट संजय पाठक नवाचार शिक्षक दमोह


Conclusion:बच्चों को शिक्षा देने के साथ अब संजय पाठक दमोह जिला मुख्यालय पर शिक्षकों को नवाचार का प्रशिक्षण देते हैं. इस नवाचार के प्रशिक्षण में भी प्राथमिक शालाओं के बच्चों के साथ माध्यमिक शालाओं के बच्चों को किस प्रकार शिक्षा के नए आयाम गढ़ने है, इसको लेकर प्रशिक्षित करते हैं. उनका मानना है कि जब हर जिले के शिक्षक नवाचार करते हुए बच्चों को पढ़ाएंगे. तब कहीं जाकर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई पा सकेगा. नवाचार का कारण है कि आज संजय पाठक दमोह जिले की सीमाओं से दूर अन्य प्रदेशों में अपने नवाचार का डंका बजा चुके हैं. वहीं अब देश की सीमाओं को पार कर वे अमेरिका में भी नवाचार सिखलाएंगे.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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