दमोह। सरहद पर रहकर देश की सुरक्षा कर रहा दमोह जिले का जवान शहीद हो गया. जवान आकिल खान की अमरनाथ यात्रा में सेवा कार्य में ड्यूटी लगी थी. ड्यूटी के दौरान ही उन्हें करंट लगा था. उनकी मौत से सारा शहर गमगीन हो गया है. 24 मई मंगलवार को जम्मू कश्मीर से आकिल खान का पार्थिव देह दमोह सुबह फुटेरा वार्ड में पहुंचेगा. जहां कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा. शहीद जवान अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं.
पंजाब के पठानकोट में थी पोस्टिंग: दमोह के फुटेरा फुटेरा वार्ड-5 के मलयाना में रहने वाले अख्तर नकीज और अलीम इंजीनियर के भतीजे आकिल अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. बीएसएफ के जवान की पोस्टिंग पंजाब के पठानकोट में थी. उनकी शहादत की खबर जैसे ही दमोह उनके घर पहुंची तो घर में मातम छा गया.
14 साल की देश की सेवा: बचपन से सेना में जाने का सपना संजोए आकिल खान 14 साल पहले बीएसएफ में 19 फरवरी 2008 में ज्वॉइन हुए थे. आकिल देशभक्ति के जज्बे के साथ अपनी मां शकीला बेगम से विदा लेकर गए थे. उनके परिवार में पत्नी शाजिया, 8 साल की बेटी, 3 साल का बेटा, मां, दो भाई और एक बहन है.
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केंद्रीय मंत्री ने दी श्रद्धांजलि: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री प्रहलाद पटेल को जैसे ही आकिल की मौत की खबर मिली, उन्होंने तुरंत ही ट्वीट कर निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, देश के लिए दमोह का नाम रोशन करने वाले आकिल खान जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं. विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. दमोह के इतिहास की गौरवशाली परंपरा आपने अपने नाम जोड़ा है.
(Aakil Khan dies of electrocution in Jammu)