दमोह। जीते जी भले ही इंसान कि कोई मदद न करें, लेकिन मरने के बाद पता नहीं लोग उसमें कितनी खूबियां खोज लेते हैं? ताजा मामला एक मजदूर की मौत से जुड़ा है, जहां जीते जी 2-2 पैसे के लिए मोहताज होना पड़ा, लेकिन मरने के बाद उसके शव को फ्लाइट से घूमना नसीब हो गया. दरअसल जबेरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बहेरिया का रहने वाले बिहारी की गोवा में मजदूरी करता था, लेकिन वहां पर उसकी मौत हो गई. अब परिजनों की ऐसी स्थिति नहीं थी कि वह मृतक का शव लेकर की बहेरिया ले आएं और उसका अंतिम संस्कार कर सकें. इस संबंध में जब उसकी पत्नी और बच्चों ने अपनी समस्या फोन पर गांव वालों को बताई तो उन्होंने यह खबर विधायक तक पहुंचा दी.
असहाय पत्नी व बच्चों के लिए पिता को गांव लाना था असंभवः इस बात की जानकारी विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी को लगी तो उन्होंने मृतक का शव लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए. उन्होंने गोवा से गो फर्स्ट कंपनी की फ्लाइट से शव को भोपाल बुलवाया और उसके बाद उसे एम्बुलेंस द्वारा दमोह से बहेरिया ले जाया गया. बता दें कि मृतक अपनी पत्नी और पांच बेटियों का पेट पालता था, इस बीच करीब 1 से 2 महीने तक उसने बखूबी मेहनत मजदूरी का काम किया, लेकिन अचानक उठे पेट में दर्द के कारण उसकी मौत हो गई. बिन पति के असहाय पत्नी और उसकी 5 बेटियां अपने पिता को पंचतत्व में विलीन करने के लिए लगभग 1500 किलोमीटर का सफर करके गांव लाना असम्भव था.
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विधायक ने फ्लाइट से शव को बुलवाया भोपालः इस संबंध में विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी का कहना है कि, ''मेरी विधानसभा क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत गोवा में हो गई थी. इस बात की सूचना उन्हें ग्रामीणों से मिली, जिस पर मैंने मानवता के नाते फ्लाइट से शव को भोपाल बुलवाया. उसके बाद यहां से एक एंबुलेंस भेज कर शव को गांव तक लाया गया. यहां परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया. परिजनों के प्रति मेरी संवेदना है."