दमोह। हटा के बहुचर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में एक बार फिर न्यायालय ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर तल्ख टिप्पणी की है. अपर सत्र न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक को भी इस संबंध में अवगत कराया है कि इस आदेश का सख्ती से पालन कराएं. हटा अपर सत्र न्यायालय में देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में पिछले दिनों हुई सुनवाई में न्यायाधीश ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. पुलिस की ओर से सुनवाई में एसडीओपी भावना दांगी ने उपस्थित होकर पुलिस की कार्रवाई का प्रतिवेदन पेश किया था. जिस पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है.
क्या था देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड ?
बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले हटा क्षेत्र के कद्दावर नेता देवेंद्र चौरसिया की उन्हीं के गिट्टी क्रेशर प्लांट पर पिछले साल 2019 में हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने मृतक के परिजन, उनके बेटे सोमेश चौरसिया के बयान के आधार पर बसपा विधायक रामबाई सिंह परिहार के पति गोविंद सिंह परिहार, देवर चंदू सिंह परिहार, भतीजे गोलू उर्फ दीपेंद्र परिहार, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे इंद्र कुमार पटेल सहित 20 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में पहले भी न्यायालय ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए थे.
कोर्ट ने एसडीआपी से पूछा- क्या कार्रवाई की आपने
न्यायालय ने फरार चल रहे रामबाई के पति गोविंद सिंह को कोर्ट में पेश होने के लिए 7 दिन का समय दिया था. लेकिन वह अभी तक न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं न ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पाई है. हटा एसडीओपी भावना दांगी ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि आरोपी गोविंद सिंह को दिल्ली, जबलपुर, पथरिया, दमोह देहात और मगरोन में तलाश किया गया, लेकिन अबतक वो गिरफ्त से दूर है.
'क्या वारंट लेकर आरोपियों के घर गए थे'
कोर्ट ने एसडीओपी से पूछा कि क्या वह गिरफ्तारी वारंट लेकर आरोपी के घर गई थी ? क्या उन्होंने उनकी बेटी के मोबाइल नंबर और अन्य परिजनों के मोबाइल नंबर लोकेशन और डिटेल ट्रेस की है ? क्या कोर्ट में संपत्ति का विवरण दिया है ? जिस पर प्रतिवेदन में एसडीओपी ने स्पष्ट किया कि वह आरोपी के घर पथरिया वारंट लेकर नहीं गई. इसके अतिरिक्त जाफ्ता फौजदारी की धारा 82 के तहत चल अचल संपत्ति, नगर पालिका स्थित मकानों, कृषि भूमि आदि की जानकारी के लिए संबंधित हैं. विभागों ने समय मांगा है।
आरोपी की गिरफ्तारी के आदेश
कोर्ट ने अपने पारित आदेश में एसपी और डीजीपी को कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुनः वारंट जारी करें. अगली सुनवाई 18 फरवरी को अभियुक्त को पेश किया जाए या अभियुक्त खुद कोर्ट में हाजिर हो. इसके अलावा उसके घर की तलाशी ली जाए और संपत्ति के संबंध में भी कार्रवाई की जाए और उसका वीडियो बनाया जाए.