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सात हजार की रिश्वत लेते डिप्टी रेंजर गिरफ्तार, सागर लोकायुक्त की कार्रवाई

दमोह में सागर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सात हजार की रिश्वत लेते डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों पकड़ा है. अधिकारी जंगलों से पत्थर निकालकर बेचने का काम किया करता था.

Bribery deputy ranger caught taking bribe in damoh
डिप्टी रेंजर रिश्वत लेते पकड़ाया
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Published : Dec 13, 2019, 7:28 PM IST

दमोह। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले जंगलों और खदानों को खोखला करने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप तब साबित हो जाते हैं, जब वन अमले के अधिकारी और कर्मचारी जंगलों को नष्ट करने वालों पर पैसों की खातिर रहमत दिखाने के मामलों में पकड़े जाते हैं. ऐसे ही एक डिप्टी रेंजर को लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है. जिसने पैसों के एवज में अवैध पत्थरों से भरे ट्रैक्टर को छोड़ने की बात कही थी.

डिप्टी रेंजर रिश्वत लेते पकड़ाया


दमोह के सरकारी रेस्ट हाउस में आराम-फरमा कर रिश्वत बटोर रहे वन विभाग के एक अधिकारी को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दरअसल ये वही अधिकारी है जो जंगलों को खोखला कर रहे हैं. खदानों से पत्थर निकलवाकर उसे बेच रहे हैं. मामला जबेरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़गांव का है जहां के रहने वाले उत्तम पटेल की शिकायत पर सागर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए वन परिक्षेत्र नोहटा के डिप्टी रेंजर राधेश्याम श्रीवास्तव को सात हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.

दमोह। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले जंगलों और खदानों को खोखला करने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप तब साबित हो जाते हैं, जब वन अमले के अधिकारी और कर्मचारी जंगलों को नष्ट करने वालों पर पैसों की खातिर रहमत दिखाने के मामलों में पकड़े जाते हैं. ऐसे ही एक डिप्टी रेंजर को लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है. जिसने पैसों के एवज में अवैध पत्थरों से भरे ट्रैक्टर को छोड़ने की बात कही थी.

डिप्टी रेंजर रिश्वत लेते पकड़ाया


दमोह के सरकारी रेस्ट हाउस में आराम-फरमा कर रिश्वत बटोर रहे वन विभाग के एक अधिकारी को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दरअसल ये वही अधिकारी है जो जंगलों को खोखला कर रहे हैं. खदानों से पत्थर निकलवाकर उसे बेच रहे हैं. मामला जबेरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़गांव का है जहां के रहने वाले उत्तम पटेल की शिकायत पर सागर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए वन परिक्षेत्र नोहटा के डिप्टी रेंजर राधेश्याम श्रीवास्तव को सात हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.

Intro:दमोह में सागर लोकायुक्त की कार्यवाही

₹7000 की रिश्वत लेते डिप्टी रेंजर को लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा

ग्राम बरगवां के उत्तम पटेल से ट्रैक्टर छोड़ने के एवज में मांगी थी रिश्वत

Anchor. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले जंगलों और खदानों को खोखला करने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन यह आरोप तब साबित हो जाते हैं, जब वन अमले के अधिकारी और कर्मचारी जंगलों को नष्ट करने वालों पर पैसों की खातिर रहमत दिखाने के मामलों में पकड़े जाते हैं. ऐसे डिप्टी रेंजर को लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है. जिसने पैसों के एवज में अवैध पत्थरों से भरे ट्रैक्टर को छोड़ने की बात कही थी.


Body:Vo. दमोह के सरकारी रेस्ट हाउस में आराम फरमा कर रिश्वत बटोर रहे वन विभाग के एक अधिकारी को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दरअसल यह वही अधिकारी है जो जंगलों को खोखला कर रहे हैं. खदानों से पत्थर निकलवाकर उसे बेच रहे हैं. मामला जबेरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़गांव का है जहां के रहने वाले उत्तम पटेल की शिकायत पर सागर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए वन परिक्षेत्र नोहटा के डिप्टी रेंजर राधेश्याम श्रीवास्तव को ₹7000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. आवेदक का कहना है कि वह मकान बनाने के लिए जंगल से पत्थर लेकर आया था, और वह पत्थर पुलिसकर्मी के साथ वन अमले के लोग उसके घर से उठाकर ले गए थे. जिसके बाद उस पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी. वहीं डिप्टी रेंजर साहब उसके ट्रैक्टर और पत्थरों को छोड़ने के एवज में लगातार पैसों की मांग कर रहे थे. यही कारण था कि उसने सागर लोकायुक्त की टीम को इस मामले की शिकायत की और आज दमोह के किल्ल्लाई चौराहे पर दिनदहाड़े डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों पकड़ा दिया. वहीं लोकायुक्त के अधिकारी का कहना है कि रिश्वत की धाराओं के तहत कार्यवाही की जा रही है.

बाइट उत्तम पटेल पीड़ित

बाइट राकेश खेड़े डीएसपी लोकायुक्त


Conclusion:Vo. सरकारी महकमे में इस प्रकार के दगाबाजो की कमी नहीं है जो जिस विभाग में काम करते हैं उसी विभाग को धोखा देकर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. कुछ मामले जागरूक हितग्राहियों के द्वारा लोकायुक्त के संज्ञान में लाए जाने के बाद सामने आ जाते हैं. लेकिन हर दिन ही सरकारी कार्यालयों में रिश्वत के खेल चलते हैं जो सभी के संज्ञान में होने के बाद भी किसी को नहीं दिखते?

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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