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चैत्र नवरात्री के मौके पर की गई भारत माता प्रतिमा की स्थापना, 9 दिन होगी पूजा

दमोह जिला मुख्यालय पर नवरात्र के अवसर पर पहली बार भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. चैत्र के नवरात्र में वैसे तो किसी भी प्रकार से माता की प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाती है. लेकिन दमोह में इस बार देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई.

भारत माता की प्रतिमा
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Published : Apr 6, 2019, 10:33 PM IST

दमोह। चैत्र नवरात्र के आज पहले दिन जगह-जगह मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. वहीं दमोह के बजरिया वार्ड में भारत माता चौक पर 9 दिन के लिए भारत माता की प्रतिमा की स्थापना की गई.


दमोह जिला मुख्यालय पर नवरात्र के अवसर पर पहली बार भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. चैत्र के नवरात्र में वैसे तो किसी भी प्रकार से माता की प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाती है. लेकिन दमोह में इस बार देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई.

भारत माता की प्रतिमा की हुई स्थापना


बता दें दमोह के लोग कंधों पर ही ले जाकर मां दुर्गा की स्थापना शारदीय नवरात्री में करते हैं. वहीं इस बार कंधों पर ले जाकर चैत्र के नवरात्र में भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई है. वहीं इस बारे में लोगों का कहना है कि वर्तमान में जो परिस्थितियां निर्मित है, उसे ध्यान में रखकर देवा मां की प्रतिमा के स्थान पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. 9 दिन तक माता की प्रतिमा की विधि विधान से पूजन की जाएगी. उसके बाद राम नवमी के अवसर पर फुटेरा तालाब में प्रतिमा का विसर्जन होगा.

दमोह। चैत्र नवरात्र के आज पहले दिन जगह-जगह मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. वहीं दमोह के बजरिया वार्ड में भारत माता चौक पर 9 दिन के लिए भारत माता की प्रतिमा की स्थापना की गई.


दमोह जिला मुख्यालय पर नवरात्र के अवसर पर पहली बार भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. चैत्र के नवरात्र में वैसे तो किसी भी प्रकार से माता की प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाती है. लेकिन दमोह में इस बार देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई.

भारत माता की प्रतिमा की हुई स्थापना


बता दें दमोह के लोग कंधों पर ही ले जाकर मां दुर्गा की स्थापना शारदीय नवरात्री में करते हैं. वहीं इस बार कंधों पर ले जाकर चैत्र के नवरात्र में भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई है. वहीं इस बारे में लोगों का कहना है कि वर्तमान में जो परिस्थितियां निर्मित है, उसे ध्यान में रखकर देवा मां की प्रतिमा के स्थान पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. 9 दिन तक माता की प्रतिमा की विधि विधान से पूजन की जाएगी. उसके बाद राम नवमी के अवसर पर फुटेरा तालाब में प्रतिमा का विसर्जन होगा.

Intro:दमोह जिला मुख्यालय पर चैत नवरात्र के अवसर पर की गई भारत माता की प्रतिमा स्थापित

दमोह के बजरिया वार्ड में भारत माता चौक पर हुई भारत माता की प्रतिमा की 9 दिन स्थापना

तात्कालिक घटनाक्रमों से प्रेरित होकर भक्तों ने नवरात्र पर रखी भारत माता की प्रतिमा

Anchor. दमोह जिला मुख्यालय पर नवरात्र के अवसर पर पहली बार भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. चैत्र के नवरात्र में वैसे तो किसी भी प्रकार से माता की प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाती. लेकिन दमोह में इस बार देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई. मालूम हो इस स्थान के लोग कंधों पर ही ले जाकर मां दुर्गा की स्थापना क्वार के नवरात्रि में करते हैं. वहीं इस बार कंधों पर ले जाकर चैत्र के नवरात्र में भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई है.


Body:Vo. दमोह के बजरिया वार्ड में स्थापित करने के लिए जब यहां के लोग अपने कंधों पर भारत माता की प्रतिमा लेकर शहर के प्रमुख मार्गों से निकल रहे थे, तो लोग आश्चर्यचकित होते नजर आए. जब इस मामले पर जानकारी ली गई तो पता चला कि इस बार दमोह के इस वार्ड के लोग भारत माता चौक पर पहली बार भारत माता की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं. लोगों का कहना था कि वर्तमान में जो परिस्थितियां निर्मित हुई है, इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर देवी मां की प्रतिमा के स्थान पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. 9 दिन तक माता की प्रतिमाएं की विधि विधान से पूजन किया जाएगा. उसके बाद राम नवमी के अवसर पर फुटेरा तालाब में प्रतिमा का विसर्जन भी होगा.

बाइट मनोज देवलिया स्थानीय निवासी एवं आयोजन कर्ता

बाइट राकेश गुरु स्थानीय निवासी


Conclusion:Vo. नवरात्रि के अवसर पर पहली बार दमोह जिले में भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. यह पहला ही मौका है जब चैत्र के नवरात्र में मिट्टी से बनी माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. दमोह की परंपरा के मुताबिक क्वार के नवरात्र में ही माता की मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना करने के साथ झांकी सजाई जाती है. फिर विधि विधान के साथ पूजन अर्चन भी होता है. लेकिन चैत्र के नवरात्र में पहली बार प्रतिमा की स्थापना किया जाना नई परंपरा का नवाचार कहा जा सकता है. इसके साथ ही भारत माता की प्रतिमा की स्थापना किया जाना भी तात्कालिक परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा सकता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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