छिंदवाड़ा। पांढुर्ना विकासखंड के तिगांव ग्राम पंचायत के युवा नीरज वानखेड़े ने अनुपयोगी जल को कैसे उपयोगी बनाया जाए और गांव में सूखे पड़े ट्यूबवेल में फिर से पानी लाकर उन्हें संचालित करने के लिए बीड़ा उठाया. जल संरक्षण किए उठाए गए इस कदम में श्रद्धा सबुरी नाम की संस्था से जुड़कर करीब 100 लोग काम काम कर रहे हैं. इसमें 40 फीसदी महिलाएं भी हैं.
श्रद्धा सबुरी संस्था का काम सराहनीय : गिरते जल स्तर की वजह से नलकूप सूख जाते हैं और वे बेवजह खाली पड़े रहते हैं. इन्हीं नलकूपों में फिर से पानी लाने के लिए श्रद्धा सबुरी संस्था तैयार करती है. इसके लिए किसी भी बड़ी बिल्डिंग या ऐसी जगह जहां से पानी बहकर सीधे नदी- नालों में चला जाता है, जिससे पानी बर्बाद हो जाता है. इसलिए उस पानी को सूखे ट्यूबबेल से जोड़ दिया जाता है ताकि ट्यूबबेल रिचार्ज हो सकें. गांवों में हैंडपंप कुओं में भी जब लोग पानी निकालते हैं तो उसके बाद कई गुना पानी फिजूल में बर्बाद करते हैं. इसी पानी को बचाने के लिए वेस्ट वाटर हार्वेस्टिंग का एक मॉडल भी संस्था तैयार करते हैं ताकि पानी नालियों में ना जाकर सीधा बनाए गए टैंक में जाए और उससे जमीन में जलस्तर बढ़े.
30 से 40 सूखे बोरों को रिचार्ज किया : अब तक इस संस्था के लोग 100 वेस्ट वाटर हार्वेस्टिंग 30 से 40 सूखे बोरों को रिचार्ज सिस्टम और नदी- तालाबों का सफाई भी कर चुके हैं. श्रद्धा सबुरी संस्था जल संरक्षण के लिए पूरे जिले के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी काम कर रही है. हाल ही के कुछ दिनों पहले श्रद्धा सबुरी संस्था ने जल रथयात्रा निकालकर पानी बचाने का संदेश दिया था. साथ ही लोगों को मॉडल की माध्यम से भी बताया था कि वे घर में ही कम खर्च में कैसे वेस्ट वाटर हार्वेस्टिंग बनाकर पानी को बचा सकते हैं. (Youth working recharge dry tube wells)
(Rrecharge dry tube wells to save rain water)