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खरीदी केंद्रों पर गेहूं न हो जाए बेकार, ट्रांसपोर्टेशन को लेकर बेसुध जिम्मेदार - परिवहन न होना चिंता का विषय

छिंदवाड़ा में समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी है लेकिन खरीदी केंद्रों पर परिवहन नहीं होने के कारण गेहूं बाहर खुले में पड़ा है.

Wheat in the open
खुले में पड़ा गेहूं
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Published : May 21, 2020, 9:29 PM IST

छिंदवाड़ा। समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीदी के लिए मात्र 9 दिन का समय बचा है, लेकिन अब खरीदी केंद्रों से गेहूं परिवहन नहीं हो पा रहा. खरीदी केंद्रों पर किसानों का गेहूं बाहर खुले में पड़ा है.

गेहूं न हो जाए बेकार

समिति संचालकों ने बताया है कि उनका परिवहन नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते गेहूं बाहर पड़ा है. हालांकि एक-दो दिन से परिवहन की व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है. जिले में बारदाने की कमी के चलते जिला प्रशासन ने अब निर्णय लिया है कि किसान अपने बारदाने में गेहूं लाकर बेच सकता है और बाद में समिति उसे बारदाने वापस कर देगी. किसान अपनी फसल बेच रहें हैं लेकिन परिवहन नहीं होने के कारण केंद्रों पर गेहूं काफी मात्रा में इकट्ठा हो चुका है, ऐसे में परिवहन नहीं होने के कारण केंद्रों पर स्टोरेज की क्षमता भी कम ही होती है खुले में पड़े रहने से गेहूं के खराब होने का डर बना रहता है.

Wheat is not transporting from wheat procurement center in chhindwara
खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं

आपको बता दें मध्यप्रदेश में अक्सर गेंहूं परिवहन नहीं होने के कारण खुले पड़ा रहता है और बेकार हो जाता है, कई बार बारिश हो जाने के कारण भी गेहूं भीगकर बर्बाद हो जाता है. मौसम का भरोसा नहीं कब बारिश हो जाए ऐसे में फसल खरीदी केंद्रों से गेहूं का परिवहन न होना चिंता का विषय है. गौरतलब है कि गेहूं खरीदी के लिए महज 9 दिन का समय बचा है और पूरे जिले का अगर आकलन किया जाए तो अभी 40 फीसदी गेहूं खरीदी बाकी है.

Wheat is not transporting from wheat procurement center in chhindwara
खरीदी केंद्रों पर गेहूं की तुलाई

छिंदवाड़ा। समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीदी के लिए मात्र 9 दिन का समय बचा है, लेकिन अब खरीदी केंद्रों से गेहूं परिवहन नहीं हो पा रहा. खरीदी केंद्रों पर किसानों का गेहूं बाहर खुले में पड़ा है.

गेहूं न हो जाए बेकार

समिति संचालकों ने बताया है कि उनका परिवहन नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते गेहूं बाहर पड़ा है. हालांकि एक-दो दिन से परिवहन की व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है. जिले में बारदाने की कमी के चलते जिला प्रशासन ने अब निर्णय लिया है कि किसान अपने बारदाने में गेहूं लाकर बेच सकता है और बाद में समिति उसे बारदाने वापस कर देगी. किसान अपनी फसल बेच रहें हैं लेकिन परिवहन नहीं होने के कारण केंद्रों पर गेहूं काफी मात्रा में इकट्ठा हो चुका है, ऐसे में परिवहन नहीं होने के कारण केंद्रों पर स्टोरेज की क्षमता भी कम ही होती है खुले में पड़े रहने से गेहूं के खराब होने का डर बना रहता है.

Wheat is not transporting from wheat procurement center in chhindwara
खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं

आपको बता दें मध्यप्रदेश में अक्सर गेंहूं परिवहन नहीं होने के कारण खुले पड़ा रहता है और बेकार हो जाता है, कई बार बारिश हो जाने के कारण भी गेहूं भीगकर बर्बाद हो जाता है. मौसम का भरोसा नहीं कब बारिश हो जाए ऐसे में फसल खरीदी केंद्रों से गेहूं का परिवहन न होना चिंता का विषय है. गौरतलब है कि गेहूं खरीदी के लिए महज 9 दिन का समय बचा है और पूरे जिले का अगर आकलन किया जाए तो अभी 40 फीसदी गेहूं खरीदी बाकी है.

Wheat is not transporting from wheat procurement center in chhindwara
खरीदी केंद्रों पर गेहूं की तुलाई
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