छिंदवाड़ा। कोरोना काल में किसानों को राहत देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं तो खरीद लिया, लेकिन कई किसान ऐसे हैं, खरीदी के बाद पोर्टल पर जिनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं हो पाया. अब खरीदी केंद्र उन्हें गेहूं वापस ले जाने के लिए कह रहे हैं.
कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहे किसान आत्माराम भारद्वाज ने बताया कि, 11 दिन तक गेहूं खरीदी केंद्र में इंतजार करने के बाद 25 मई को उनका गेहूं तुलवाया गया और 26 मई को गेहूं की खरीदी बंद हो गई, लेकिन समिति की लापरवाही के चलते उनका रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज नहीं हुआ है. अब समिति का कहना है कि या तो किसान अपना गेहूं वापस ले जाएं या फिर निजी व्यापारियों को नीलाम कर दें.
किसान ने बताया कि, खटकर लिखड़ी गौरैया सेवा सहकारी समिति में 90 किसान ऐसे हैं, जिनका गेहूं तुलवाया तो गया, लेकिन पोर्टल पर दर्ज नहीं हुआ, जिसके चलते उनका गेहूं आज भी खरीदी केंद्र पर पड़ा हुआ है. अगर वे निजी व्यापारियों को बेचते हैं तो, उन्हें 400 से 500 प्रति क्विंटल का नुकसान होगा.
मामले की शिकायत किसानों ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर खाद्य विभाग और कलेक्टर सभी को की है, लेकिन अब तक किसानों को राहत नहीं मिली. वहीं इस मामले में जब मीडिया ने कलेक्टर से बात की, तो कलेक्टर ने कैमरे के सामने आने से मना करते हुए मामले की जांच की बात कही है.