छिंदवाड़ा। सरकार आदिवासियों और ग्रामीणों के लिए कई योजनाएं चलाती है. जिनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. एक ऐसा ही मामला पातालकोट में सामने आया है. पातालकोट के ग्रामीणों ने बताया कि आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण मरिज अस्पताल तक मरीज नहीं पहुंच पाते हैं. रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. आदिवासियों और ग्रामीणों ने कई बार कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से शिकायत की, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.
पतालकोट में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट आकर गुहार लगाई कि, उनके गांव पातालकोट में भारिया जनजाति के लोग रहते हैं. आज भी वहां सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. सरकार कई योजनाएं ग्रामीणों के लिए चलाती है, लेकिन उन तक इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
डोलियों में डाल कर ले जाते हैं मरीज, रास्ते में हो जाती है मौत
ग्रामीण फूलवती बाई ने बताया कि, उनके गांव में सड़क नहीं होने के कारण कच्चे रास्ते पर गाड़ियां नहीं आ पाती. जिसके चलते गर्भवती महिलाओं और मरीजों को कपड़े की डोली बनाकर कंधे पर टांग कर इलाज कराने के लिए ले जाना पड़ता है. कई बार समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण रास्ते में ही गर्भवती महिलाएं और मरीज दम तोड़ चुके हैं.
कई बार कर चुके हैं शिकायत, नहीं हुई सुनवाई
पातालकोट के आदिवासी ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ग्रामीणों ने बताया लगभग 400 परिवार इस समस्या से प्रभावित हैं.