छिंदवाड़ा। अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है, जिसके चलते एक छात्रा का भविष्य अंधकार में डूब गया है. अमरवाड़ा तहसील के एकलव्य साइंस मैनेजमेंट कॉलेज की छात्रा मिथिलेश वर्मा ने 3 साल पहले बीए थर्ड सेमेस्टर के पेपर अमरवाड़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दिए थे. जिसका रिजल्ट सागर विश्वविद्यालय द्वारा रोक लिया गया है. छात्रा अभी तक मार्क्सशीट और उचित न्याय के लिए महाविद्यालय और सागर विश्वविद्यालय से कई बार गुहार लगा चुकी है, लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और उन्हें छात्रा का भविष्य दिखाई देना बंद हो गया है.
छात्रा ने बीए थर्ड सेमेस्टर के पूरे पेपर दिए थे, लेकिन जांच के दौरान सागर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की लापरवाही से एक पेपर की उत्तर पुस्तिका गुम हो गई और अपने कर्मचारी की लापरवाही छिपाने के लिए छात्रा को पेपर में अनुपस्थित बताकर विश्वविद्यालय ने छात्रा की मार्क्सशीट पर होल्ड लगा दिया. इसका खामियाजा छात्रा को भुगतना पड़ रहा है.
छात्रा द्वारा जब यूनिवर्सिटी में पूरे पेपर में उपस्थित रहने और पूरे पेपर देने को लेकर न्याय की गुहार लगाई गई, तो यूनिवर्सिटी ने शासकीय महाविद्यालय से छात्रा की उपस्थिति संबंधी दस्तावेज मांगे. जिस पर अमरवाड़ा शासकीय महाविद्यालय ने और एकलव्य साइंस मैनेजमेंट कॉलेज द्वारा उपस्थिति के सारे दस्तावेज सागर विश्वविद्यालय को भिजवाए, लेकिन फिर भी पिछले 3 सालों से छात्रा के भविष्य से सागर विश्वविद्यालय द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसके चलते छात्रा का भविष्य पूरी तरह से अंधकार में डूब गया है.
अब देखना ये है कि मामला संज्ञान में आने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारी अपने कर्मचारी की लापरवाही को स्वीकार करते हैं और छात्रा को न्याय दे पाते हैं या फिर यूंही कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा छात्र भुगतेंगे और विश्वविद्यालय उनके भविष्य से खिलवाड़ करते रहेंगे.