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प्रदेश की सुरक्षा में डटे कोरोना वॉरियर्स, एमपी-महाराष्ट्र बॉर्डर पर की जा रही निगरानी

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ने वाले सौंसर और छिंदवाड़ा से 94 किलोमीटर दूर सतनूर बॉर्डर पहुंचा ईटीवी भारत और जाना यहां तैनात कोरोना वॉरियर्स का हाल और बॉर्डर के हालात.

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Published : May 6, 2020, 2:10 PM IST

Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
MP-MH बॉर्डर पर की जा रही कड़ी चौकसी

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन 3.0 में सरकार ने कुछ राहत तो दी है, लेकिन आज भी एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा को जोड़ने वाले जिलों के लिए चुनौती कम नहीं हैं. इन्हीं चुनौतियों का जायजा लेने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ने वाले सौंसर और छिंदवाड़ा से 94 किलोमीटर दूर सतनूर बॉर्डर पहुंचा ईटीवी भारत और जाना यहां तैनात कोरोना वॉरियर्स का हाल और बॉर्डर के हालात.

सुरक्षा में डटे कोरोना वॉरियर्स
हर दिन पहुंच रहे मजदूरों समेत हजारों लोग
छिंदवाड़ा जिले की सतनूर सीमा महाराष्ट्र के प्रमुख शहर नागपुर को जोड़ती है अब धीरे-धीरे प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है साथ ही नागपुर मेडिकल सुविधाओं के लिए जाना जाता है इसलिए हर दिन यहां से मजदूरों समेत हजारों लोग इस बॉर्डर को पार करके जाते हैं.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला
अब तक करीब 25 हजार लोगों की हो चुकी है थर्मल स्कैनिंग

किसी भी तरीके से कोरोना वायरस छिंदवाड़ा में दस्तक ना दे इसलिए को कोरोना योद्धा लगातार डटे हुए हैं, अभी तक करीब 25000 लोगों की इस बॉर्डर से थर्मल स्केनिंग हो चुकी है खास बात यह है कि नागपुर हॉटस्पॉट एरिया है हालांकि छिंदवाड़ा अभी ऑरेंज ज़ोन में है और अब मात्र 2 मरीजों का इलाज हो रहा है.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
25000 लोगों की हो चुकी है थर्मल स्कैनिंग
संसाधनों का अभाव लेकिन सेवा का जज्बा

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि अभी तक विभाग के पास इतने डिस्पोजेबल पीपीई किट नहीं है कि वह विभाग के हर व्यक्ति को उपलब्ध करा सकें इसलिए जहां जरूरत है वहां पहले कराई जा रही है इन लोगों के पास डिस्पोजेबल किट नहीं है इसलिए हर दिन कॉटन की गाउन और अपने कपड़े धूलकर दूसरे दिन उन्हें पहनकर ही काम करते हैं लेकिन देश को और जिले को सुरक्षित रखना उनकी पहली प्राथमिकता है इसलिए उन्हें कभी जरा सा भी डर नहीं लगता.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
संसाधनों का भाव लेकिन सेवा का जज्बा
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला

यहां तैनात पुलिसकर्मी बताते हैं कि यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में पैदल गरीब मजदूर आते हैं असहाय गरीब मजदूर इतने थके होते हैं कि वह कई दिनों से भूखे भी होते हैं उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराना और उनके ठहरने की व्यवस्था भी करते हैं खासतौर पर इस रास्ते से अधिकतर लोग इलाज के लिए नागपुर जाते हैं कई ऐसे मौके आते हैं जब लोगों के पास सिर्फ इमरजेंसी होती है उस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कहीं वायरस के डर से लोगों की और दूसरे कारण से मौत ना हो जाए, इसलिए उन्हें भी जांच परख कर इलाज के लिए मौका दे दिया जाता है.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन 3.0 में सरकार ने कुछ राहत तो दी है, लेकिन आज भी एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा को जोड़ने वाले जिलों के लिए चुनौती कम नहीं हैं. इन्हीं चुनौतियों का जायजा लेने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ने वाले सौंसर और छिंदवाड़ा से 94 किलोमीटर दूर सतनूर बॉर्डर पहुंचा ईटीवी भारत और जाना यहां तैनात कोरोना वॉरियर्स का हाल और बॉर्डर के हालात.

सुरक्षा में डटे कोरोना वॉरियर्स
हर दिन पहुंच रहे मजदूरों समेत हजारों लोग
छिंदवाड़ा जिले की सतनूर सीमा महाराष्ट्र के प्रमुख शहर नागपुर को जोड़ती है अब धीरे-धीरे प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है साथ ही नागपुर मेडिकल सुविधाओं के लिए जाना जाता है इसलिए हर दिन यहां से मजदूरों समेत हजारों लोग इस बॉर्डर को पार करके जाते हैं.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला
अब तक करीब 25 हजार लोगों की हो चुकी है थर्मल स्कैनिंग

किसी भी तरीके से कोरोना वायरस छिंदवाड़ा में दस्तक ना दे इसलिए को कोरोना योद्धा लगातार डटे हुए हैं, अभी तक करीब 25000 लोगों की इस बॉर्डर से थर्मल स्केनिंग हो चुकी है खास बात यह है कि नागपुर हॉटस्पॉट एरिया है हालांकि छिंदवाड़ा अभी ऑरेंज ज़ोन में है और अब मात्र 2 मरीजों का इलाज हो रहा है.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
25000 लोगों की हो चुकी है थर्मल स्कैनिंग
संसाधनों का अभाव लेकिन सेवा का जज्बा

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि अभी तक विभाग के पास इतने डिस्पोजेबल पीपीई किट नहीं है कि वह विभाग के हर व्यक्ति को उपलब्ध करा सकें इसलिए जहां जरूरत है वहां पहले कराई जा रही है इन लोगों के पास डिस्पोजेबल किट नहीं है इसलिए हर दिन कॉटन की गाउन और अपने कपड़े धूलकर दूसरे दिन उन्हें पहनकर ही काम करते हैं लेकिन देश को और जिले को सुरक्षित रखना उनकी पहली प्राथमिकता है इसलिए उन्हें कभी जरा सा भी डर नहीं लगता.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
संसाधनों का भाव लेकिन सेवा का जज्बा
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला

यहां तैनात पुलिसकर्मी बताते हैं कि यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में पैदल गरीब मजदूर आते हैं असहाय गरीब मजदूर इतने थके होते हैं कि वह कई दिनों से भूखे भी होते हैं उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराना और उनके ठहरने की व्यवस्था भी करते हैं खासतौर पर इस रास्ते से अधिकतर लोग इलाज के लिए नागपुर जाते हैं कई ऐसे मौके आते हैं जब लोगों के पास सिर्फ इमरजेंसी होती है उस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कहीं वायरस के डर से लोगों की और दूसरे कारण से मौत ना हो जाए, इसलिए उन्हें भी जांच परख कर इलाज के लिए मौका दे दिया जाता है.
Strict vigil on MP MH warder in Chhindwara
मजदूरों के लिए मिसाल बना है अमला
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