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सांसद निधि से वेंटिलेटर की खरीदी में गड़बड़ी मामला, कलेक्टर ने एक वेंटिलेटर को वापस करने का दिया आदेश

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए जिला अस्पताल में खरीदे गए दो वेंटिलेटर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. बीजेपी नेताओं की शिकायत के बाद जांच कराई गई और कलेक्टर ने एक वेंटिलेटर को वापस करने का आदेश दिया है.

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सांसद निधि से वेंटिलेटर की खरीदी में गड़बड़ी का मामला
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Published : Apr 17, 2020, 11:28 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए जिला अस्पताल में खरीदे गए दो वेंटिलेटर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. बीजेपी नेताओं की शिकायत के बाद जांच कराई गई और कलेक्टर ने एक वेंटिलेटर को वापस करने का आदेश दिया है. आइसोलेशन वार्ड के लिए एडल्ट वेंटिलेटर बुलाए गए थे, जिसमें एक एडल्ट और एक ट्रांसपोर्टेबल वेंटिलेटर सप्लाई कर दिया गया था, जबकि बिल दो एडल्ट वेंटिलेटर के लगाए गए थे.

सांसद निधि से 25 लाख रुपए और सांसद निधि से खरीदे गए वेंटिलेटर में नियम प्रक्रिया का ध्यान न रखते हुए मनमानी की गई थी. सप्लायर ने जिला अस्पताल में एक एडल्ट और एक पोटेबल वॉटर सप्लाई किया, जबकि बिल 2 एडल्ट वेंटिलेटर का बिल सिविल सर्जन को दिया.

क्या था पूरा मामला ?

28 मार्च को वेंटिलेटर खरीदी के आदेश जारी हुए थे. 31 मार्च तक खरीदी करने और 5 अप्रैल तक भुगतान करने को कहा गया था. 31 मार्च से पहले ही दो नए वेंटिलेटर अस्पताल में आ गए थे, जिसके साथ ही सप्लायर ने 25 लाख रुपए का बिल भी प्रस्तुत कर दिया. 10 अप्रैल को भाजपा नेताओं ने शिकायत की उसी दिन कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए.

13 तारीख को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत हुई ,जिसे कलेक्टर ने लौटा दिया ,13 तारीख को ही दूसरी जांच टीम का गठन किया, जिसमें 3 अधिकारियों की टीम बनाई थी, इसके बाद कलेक्टर ने एक मशीन को वापस करने के आदेश दिए.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए जिला अस्पताल में खरीदे गए दो वेंटिलेटर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. बीजेपी नेताओं की शिकायत के बाद जांच कराई गई और कलेक्टर ने एक वेंटिलेटर को वापस करने का आदेश दिया है. आइसोलेशन वार्ड के लिए एडल्ट वेंटिलेटर बुलाए गए थे, जिसमें एक एडल्ट और एक ट्रांसपोर्टेबल वेंटिलेटर सप्लाई कर दिया गया था, जबकि बिल दो एडल्ट वेंटिलेटर के लगाए गए थे.

सांसद निधि से 25 लाख रुपए और सांसद निधि से खरीदे गए वेंटिलेटर में नियम प्रक्रिया का ध्यान न रखते हुए मनमानी की गई थी. सप्लायर ने जिला अस्पताल में एक एडल्ट और एक पोटेबल वॉटर सप्लाई किया, जबकि बिल 2 एडल्ट वेंटिलेटर का बिल सिविल सर्जन को दिया.

क्या था पूरा मामला ?

28 मार्च को वेंटिलेटर खरीदी के आदेश जारी हुए थे. 31 मार्च तक खरीदी करने और 5 अप्रैल तक भुगतान करने को कहा गया था. 31 मार्च से पहले ही दो नए वेंटिलेटर अस्पताल में आ गए थे, जिसके साथ ही सप्लायर ने 25 लाख रुपए का बिल भी प्रस्तुत कर दिया. 10 अप्रैल को भाजपा नेताओं ने शिकायत की उसी दिन कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए.

13 तारीख को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत हुई ,जिसे कलेक्टर ने लौटा दिया ,13 तारीख को ही दूसरी जांच टीम का गठन किया, जिसमें 3 अधिकारियों की टीम बनाई थी, इसके बाद कलेक्टर ने एक मशीन को वापस करने के आदेश दिए.

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