उज्जैन : उज्जैन में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की तैयारियों में राज्य सरकार जुटी है. उज्जैन के प्रशासनिक अधिकारी भी अभी से सिंहस्थ की तैयारियों में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर हाल ही में उज्जैन कलेक्टर व एसपी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का बारीकी से जायजा लिया. प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं को कैसे उज्जैन में 3 साल बाद होने जा रहे सिंहस्थ में अमल में लाया जा सकता है, इसे अफसरों की टीम ने गहराई से जाना. उज्जैन के अफसरों की ये टीम जल्द ही इस बारे में एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी.
शिप्रा में किसी भी आपात स्थिति को संभालने की रणनीति
उज्जैन सिंहस्थ 2028 में करीब 20 से 25 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसे देखते हुए व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा. स्नान में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसलिए शिप्रा नदी को लेकर सरकार ने व्यापक स्तर पर योजना बनाई है. हाल ही में उज्जैन के पास स्थित एक बड़े तालाब से शिप्रा में पानी छोड़ने के बारे में फैसला हुआ है. इससे शिप्रा में पानी प्रवाहमान बना रहेगा. इसके साथ ही शिप्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर वाटर एम्बुलेंस चलाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है. प्रयागराज महाकुंभ से लौटे अधिकारियों ने बताया कि वाटर एंबुलेंस की मदद से हम शिप्रा में किसी भी आपात स्थिति से निपट सकते हैं.
- प्रयागराज महाकुंभ का सॉलिड मैनेजमेंट प्लान, उज्जैन सिंहस्थ 2028 पर कितना कारगर?
- सीएम योगी मॉडल कॉपी करने प्रयागराज त्रिवेणी पर अधिकारियों का डेरा, सिंहस्थ होगा चकाचक
जल्द ही राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी अफसरों की टीम
प्रयागराज महाकुंभ का जायजा लेकर लौटे उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया "वहां की व्यवस्थाएं शानदार हैं. इनका रोडमैप हम लोगों ने तैयार किया है. खासकर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने का तरीका, वाहनों की पार्किंग व्यवस्था और शाही स्नान के दिन सारी व्यवस्थाएं कैसे स्मूथ होंगी, इसको लेकर हमारी टीम ने हर एंगल से अध्ययन किया है." एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार "ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी खास फोकस रहेगा. प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं को व्यवस्थित करने के लिए एनाउंसमेंट की व्यवस्था का भी जायजा लिया है. घाटों पर भीड़ को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, इस बारे में भी अध्ययन किया है."