ग्वालियर: जिले के बिलौआ थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. इससे आहत होकर एक किसान ने आत्महत्या करने की कोशिश की. प्रशासनिक अफसर और पुलिस के सामने उसने आत्महत्या करना चाहा था जिसके बाद गंभीर हालत में किसान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. किसान की स्थिति नाजुक बताई जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर वे 75 सालों से काबिज हैं और उनके कच्चे पक्के घर बने हुए हैं. प्रशासन उन्हें प्लास्टिक पार्क के नाम पर वहां से बेदखल करना चाह रहा है.
गांव वालों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, जिला प्रशासन ने बहादुरपुर गांव में प्लास्टिक पार्क बनाने के लिए जमीन चिन्हित की है. हालांकि, गांववालों ने आरोप लगाया है कि इस जमीन पर वे लोग कई दशक से रह रहे हैं. जमीन को खाली कराने से पहले प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस भी नहीं मिला. प्रशासन यहां प्लास्टिक पार्क बनाने के नाम पर सीधे ग्रामीणों का घर तोड़ने पहुंच गया.
प्रशासन ने दिखाई सख्ती
पीड़ित किसान के भाई रमेश कुशवाहा ने कहा, " बुधवार दोपहर को डबरा एसडीएम, बिलौआ पुलिस और तहसीलदार सहित पटवारी गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे. हमारी जमीन पर खड़ी फसल पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया. हम लोगों के विरोध करने पर प्रशासन की ओर से सख्ती दिखाई गई. इसी वजह से सुरेश कुशवाहा ने आत्महत्या की कोशिश की."
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एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने कहा, " एसडीएम और तहसीलदार समेत कई लोग अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे, इसी दौरान एक किसान ने जहरीला पदार्थ खा लिया. इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया है."