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छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए 2017 बेड की व्यवस्था - सैंपलों की टेस्टिंग

छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स, टेक्निकल स्टाफ और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की टीम 24 घंटे शिफ्ट के अनुसार काम कर रही है. प्रतिदिन 1,250 सैंपलों की टेस्टिंग की जा रही है. जिसमें से 250 सैंपल सिवनी जिले के शामिल हैं.

2017 covid Bed in Chhindwara, Collector given information
छिंदवाड़ा में 2017 कोविड बेड, कलेक्टर ने दी जानकारी
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Published : Apr 15, 2021, 6:15 AM IST

छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा में स्थापित आरटी-पीसीआर लैब की क्षमता 520 सैंपल प्रतिदिन की है. लेकिन वर्तमान में डॉक्टर्स, टेक्निकल स्टाफ और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की टीम 24 घंटे शिफ्ट के अनुसार काम करते हुए, प्रतिदिन 1,250 सैंपलों की टेस्टिंग कर रही है. जिसमें से 250 सैंपल सिवनी जिले के शामिल हैं. इस तरह जिले में स्थापित लैब में प्रतिदिन जिले के एक हजार व्यक्तियों के सैंपल की जांच की जा रही है.

कलेक्टर ने बताया कि सेकंड वेव के दौरान अभी तक कुल 25 हजार 314 सैंपलों की जांच की गई है. जिसमें से आरटी-पीसीआर के 20 हजार 137 और आरएटी के 5 हजार 177 सैंपल शामिल हैं. जिला प्रशासन सैंपलों की आरटी-पीसीआर जांच करने पर बल दे रहा है.

  • उपचार के लिए 2017 बेड की व्यवस्था

जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और उपचार के लिए बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में शासकीय और निजी अस्पतालों में 1 हजार 24 आइसोलेशन बेड, 766 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 227 आईसीयू/एचडीयू बेड हैं. इस तरह कोविड उपचार के लिए जिले में कुल 2 हजार 17 बेड की व्यवस्था है. जिसमें से एचडीयू /आईसीयू के 33 बेड भी अगले सप्ताह से कार्य करना प्रारंभ कर देंगे. उनके अतिरिक्त जिले के 8 कोविड केयर सेंटर में 695 आइसोलेशन बेड बिना ऑक्सीजन के उपलब्ध हैं.

वैक्सीनेशन के बाद बोले छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के डीन- डरने की कोई बात नहीं

  • मेडिकल कॉलेज का उपयोग संभव नहीं

छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज की नव निर्मित बिल्डिंग एकेडमिक कैंपस के रूप में तैयार की गई है. यहां मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं, लैब, ऑडिटोरियम, छात्रावास, प्रशासनिक कार्यालय आदि बनाए गए हैं. इसीलिए मेडिकल कॉलेज का उपयोग हॉस्पिटल की तरह किया जाना संभव नहीं है. लेकिन वर्तमान में जब तक मेडिकल कॉलेज का अपना हॉस्पिटल नहीं बन जाता, तब तक जिला हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया गया है. जहां हर संभव व्यवस्थाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास जिला प्रशासन, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं.

छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा में स्थापित आरटी-पीसीआर लैब की क्षमता 520 सैंपल प्रतिदिन की है. लेकिन वर्तमान में डॉक्टर्स, टेक्निकल स्टाफ और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की टीम 24 घंटे शिफ्ट के अनुसार काम करते हुए, प्रतिदिन 1,250 सैंपलों की टेस्टिंग कर रही है. जिसमें से 250 सैंपल सिवनी जिले के शामिल हैं. इस तरह जिले में स्थापित लैब में प्रतिदिन जिले के एक हजार व्यक्तियों के सैंपल की जांच की जा रही है.

कलेक्टर ने बताया कि सेकंड वेव के दौरान अभी तक कुल 25 हजार 314 सैंपलों की जांच की गई है. जिसमें से आरटी-पीसीआर के 20 हजार 137 और आरएटी के 5 हजार 177 सैंपल शामिल हैं. जिला प्रशासन सैंपलों की आरटी-पीसीआर जांच करने पर बल दे रहा है.

  • उपचार के लिए 2017 बेड की व्यवस्था

जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और उपचार के लिए बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में शासकीय और निजी अस्पतालों में 1 हजार 24 आइसोलेशन बेड, 766 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 227 आईसीयू/एचडीयू बेड हैं. इस तरह कोविड उपचार के लिए जिले में कुल 2 हजार 17 बेड की व्यवस्था है. जिसमें से एचडीयू /आईसीयू के 33 बेड भी अगले सप्ताह से कार्य करना प्रारंभ कर देंगे. उनके अतिरिक्त जिले के 8 कोविड केयर सेंटर में 695 आइसोलेशन बेड बिना ऑक्सीजन के उपलब्ध हैं.

वैक्सीनेशन के बाद बोले छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के डीन- डरने की कोई बात नहीं

  • मेडिकल कॉलेज का उपयोग संभव नहीं

छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज की नव निर्मित बिल्डिंग एकेडमिक कैंपस के रूप में तैयार की गई है. यहां मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं, लैब, ऑडिटोरियम, छात्रावास, प्रशासनिक कार्यालय आदि बनाए गए हैं. इसीलिए मेडिकल कॉलेज का उपयोग हॉस्पिटल की तरह किया जाना संभव नहीं है. लेकिन वर्तमान में जब तक मेडिकल कॉलेज का अपना हॉस्पिटल नहीं बन जाता, तब तक जिला हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया गया है. जहां हर संभव व्यवस्थाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास जिला प्रशासन, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं.

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