छिंदवाड़ा। शहर की सड़कों पर कंकड़ पत्थर के बीच घुटनों के बल चलते दिव्यांग बुद्धलाल वर्मा की आंखों में बस एक ही सपना है कि उसे बैटरी से चलने वाली ई-ट्राइसिकल मिल जाए. पिछले चार-पांच सालों से सरकारी दरवाजों की दहलीज पर ये दिव्यांग ना जाने कितने आवेदन दे चुका है.
मिले सिर्फ वादे, साइकिल नहीं मिली
अमरवाड़ा विधानसभा के बाबूटोला के रहने वाले बुद्ध लाल वर्मा ने ना जाने कितने राजनेताओं और अधिकारियों से ई-ट्राइसिकल के लिए गुहार लगाई है लेकिन रास्ते पर भटकते इस दिव्यांग की छोटी सी इच्छा किसी ने भी पूरी नहीं की. हमेशा इसे सिर्फ सिफारिशें और वादे ही मिले.
मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब इस युवा ने गुहार लगाई तो कुछ उम्मीदें जागी. मुख्यमंत्री के कहने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में अर्जी लगाने पहुंचा लेकिन यहां भी सिर्फ उसे सिफारिश पत्र मिल रहे हैं. बैटरी चलित साइकिल तो बहुत दूर की बात है. कलेक्ट्रेट परिसर में घूमने के लिए उसे व्हील चेयर तक नहीं मिल पा रही है.
व्हील चेयर तक नहीं मिली
दिव्यांग बुद्ध लाल वर्मा बताते हैं कि जब उन्होंने ई-ट्राइसिकल के लिए आवेदन दिया तो उनसे कहा गया कि वो 10वीं पास नहीं है इसलिए उन्हें साइकिल नहीं मिल सकती, अपने गांव से 50 किलोमीटर दूर वे कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं. हालात ये है कि अब वो मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं.