छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में कोरोना मरीजों का मिलना जारी है. तेजी से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना मरीजों की सेवा में लगी नर्सों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा है. नर्सों ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से जल्द से जल्द इन समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है.
उन्होंने बताया कि, कोरोना संक्रमित मरीजों के वार्ड में तीन शिफ्ट में नर्स अकेली-अकेली ड्यूटी करती है, जबकि वार्ड में 30 से अधिक मरीजों की संख्या है. उनकी देखरेख और व्यवस्था एक अकेली नर्स नहीं कर पाती. पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में अधिक समय तक रहने से स्टाफ भी पॉजिटिव आ रहा है, जिसके कारण स्टॉप मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान है. नर्सों ने बताया की, छिंदवाड़ा जिले के कोविड-19 वार्ड में सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल और बालाघाट के मरीज यहां भर्ती हैं. जिला अस्पताल में लगभग 200 नर्सों का स्टाफ है.
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में दुर्व्यवहार
नर्सों का कहना है कि, वार्ड में भर्ती पॉजिटिव मरीजों द्वारा कोई भी समस्या आने पर स्टाफ नर्स को परेशान किया जाता है. प्राइवेट वार्ड में सारे वीआईपी रुके हुए हैं, कोई डॉक्टर का रिलेटिव है, तो कोई जज का, यह सभी लोग अपनी- अपनी ओर से धमकी देते रहते हैं, कि हमारे पास खड़े रहकर इलाज करो, नहीं तो तुम्हें नौकरी से निकला देंगे, सस्पेंड करवा देंगे. वहीं नर्सों ने आरोप लगाया कि, कई महीनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के वार्ड में एक ही स्टाफ काम कर रहा है, रूटीन ड्यूटी नहीं लगाई जा रही भेदभाव किया जा रहा है.
नर्सों को अलग से दिए जाएं क्वार्टर
नर्सों ने कहा कि, जिस प्रकार डॉक्टरों को रहने के लिए अलग से क्वार्टर दिए गए हैं या रहने की व्यवस्था की गई है, उस प्रकार हमारे लिए भी व्यवस्था की जाए. क्योंकि हमेशा उनके परिवार के ऊपर खतरा बना रहता है. नर्सें अपने घर जाती हैं, कहीं बच्चे, बुजुर्ग और परिवार के सदस्य बीमार ना हो जाएं, इसका डर बना रहता है. नर्सों की मांग है कि, कोरोना पॉजिटिव वार्ड के बाहर पुलिस या गार्ड की ड्यूटी लगाई जाए.