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छिंदवाड़ा जिले का वो गांव जो है तो पूरा देसी, लेकिन नाम है विदेशी

छिंदवाड़ा से 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव 'न्यूटन चिखला कला' जो है तो पूरा देसी, पर नाम है विदेशी.

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ये है न्यूटन नाम पढ़ने के पीछे राज
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Published : Feb 27, 2020, 7:43 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 10:06 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का एक गांव ऐसा है, जो है तो पूरा देसी पर नाम उसका विदेशी है. गांव का नाम हैं न्यूटन चिखली कला. जिले से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर ये गांव स्थित है. ये परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. परासिया विधानसभा क्षेत्र पूरा कोल माइंस खदानों का एरिया है.

ये है न्यूटन नाम पढ़ने के पीछे राज

वहां रहने वाली स्थानीय लोगों ने गांव का नाम 'न्यूटन चिखली' पड़ने के पीछे की असल वजह बताई. उन्होंने बताया कि, उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया था कि, पहले इस गांव का नाम चिखली कला था. अंग्रेज शासक जब भारत आए थे, तब परासिया में सवागस कंपनी ने सर्वे करने के लिए न्यूटन नाम के एक व्यक्ति को यहां भेजा था.

न्यूटन ने 20 खदानों का सर्वे किया पर अंग्रेजों को सर्वे में सिर्फ 19 खदानें बताई. एक खदान जो सबसे ज्यादा कोयला वाली खदान थी, उसके बारे में न्यूटन ने कंपनी को नहीं बताया. जिसके बाद न्यूटन ने चिखली कला को लीज पर ले लिया और वहां से कोयले की खदान चलाने लगा और उसके बाद उस खदान का नाम न्यूटन चिखली नाम पड़ गया.

लोगों ने यह भी बताया कि, आज भी गांव में न्यूटन की महारानी का महल है. न्यूटन गांव में सन 1970 में देवानंद की फिल्म 'तेरे मेरे सपने' के गाने की भी शूटिंग हुई थी.

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का एक गांव ऐसा है, जो है तो पूरा देसी पर नाम उसका विदेशी है. गांव का नाम हैं न्यूटन चिखली कला. जिले से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर ये गांव स्थित है. ये परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. परासिया विधानसभा क्षेत्र पूरा कोल माइंस खदानों का एरिया है.

ये है न्यूटन नाम पढ़ने के पीछे राज

वहां रहने वाली स्थानीय लोगों ने गांव का नाम 'न्यूटन चिखली' पड़ने के पीछे की असल वजह बताई. उन्होंने बताया कि, उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया था कि, पहले इस गांव का नाम चिखली कला था. अंग्रेज शासक जब भारत आए थे, तब परासिया में सवागस कंपनी ने सर्वे करने के लिए न्यूटन नाम के एक व्यक्ति को यहां भेजा था.

न्यूटन ने 20 खदानों का सर्वे किया पर अंग्रेजों को सर्वे में सिर्फ 19 खदानें बताई. एक खदान जो सबसे ज्यादा कोयला वाली खदान थी, उसके बारे में न्यूटन ने कंपनी को नहीं बताया. जिसके बाद न्यूटन ने चिखली कला को लीज पर ले लिया और वहां से कोयले की खदान चलाने लगा और उसके बाद उस खदान का नाम न्यूटन चिखली नाम पड़ गया.

लोगों ने यह भी बताया कि, आज भी गांव में न्यूटन की महारानी का महल है. न्यूटन गांव में सन 1970 में देवानंद की फिल्म 'तेरे मेरे सपने' के गाने की भी शूटिंग हुई थी.

Last Updated : Feb 27, 2020, 10:06 PM IST
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